जब भी गोचर मे इस प्रकार की स्थिति बनती हैं जातक विशेष को अशुभता ही प्राप्त होती हैं | आप भी इन 3 सूत्रो को अपनी अपनी कुंडलियों मे लगाकर देखे और बताए |
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1)जब भी कभी जन्मकालीन शनि के उपर राहू का गोचर हो रहा हो |
जैसे वर्तमान मे देखे तो यदि आपका जन्म कालीन शनि
मेष राशि का हैं और
उसके ऊपर राहु का गोचर चल रहा हैं तो
आपको अशुभ फलो की प्राप्ति होगी |
2)जब भी कभी जन्म कालीन राहू के ऊपर शनि का गोचर चल
रहा हो |
जैसे वर्तमान मे देखे तो यदि आपका जन्मकालीन राहु
कुंभ राशि का हो और उसके ऊपर शनि का गोचर चल रहा हैं |
इन दोनों के प्रभाव से आपको वर्तमान समय अस्पताल,कोर्ट – कचहरी,थाना आदि के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं |
3)यदि आपकी पत्रिका के अष्टम भाव के स्वामी अर्थात अष्टमेश
के ऊपर से राहु का गोचर हो अथवा राहु उससे त्रिकोण में गोचर कर रहा हो |
उदाहरण के लिए
जैसे यदि आपका मेष अथवा कन्या लग्न है और मंगल के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो |
यदि आपका वृषभ
और सिंह लग्न है और गुरु के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो |
यदि आपका मिथुन
व कर्क लग्न है शनि के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो |
तुला व मीन लग्न
हो और शुक्र के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो |
वृश्चिक या कुंभ
लग्न हो तथा बुध के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो |
धनु लग्न में
चंद्रमा के ऊपर से तथा मकर लग्न में सूर्य के ऊपर से राहु का गोचर हो रहा हो तो यह
समय आपके लिए अशुभता लिए हुए होगा |
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