गुरुवार, 28 अप्रैल 2016

लाल किताब व आपका पीड़ित भाव

लाल किताब व आपका पीड़ित भाव

आपकी जन्मपत्रिका मे स्थित 12 भाव आपके भावी जीवन मे संबंधो,रिश्तेदारों का आपसे कैसा संबंध रहेगा यह बताते हैं,किस प्रकार से किस भाव का संबन्धित प्राणी आप से कैसा संबंध रखेगा या आप उस संबंधी के प्रति कैसे रहेंगे यह सब पत्रिका के इन 12 भावो मे छुपा हुआ होता हैं | यदि आपका अपनी माँ से बहुत अच्छा संबंध हैं आप अपनी हर बात अपनी माँ से कह लेते हैं तो यह इस बात का प्रमाण हैं की आपका चौथा भाव बहुत अच्छा हैं | इसके विपरीत यदि आपके अपने ससुराल वालो से संबंध अच्छे नहीं हैं तो आपकी पत्रिका मे आपका आठवाँ भाव अवश्य ही पीड़ित अवस्था मे होगा |

इस प्रकार यदि किसी भी भाव से संबन्धित परेशानिया लगी रहती हो तो लाल किताब के अनुसार जातक विशेष को उस पीड़ित भाव से संबन्धित रिश्ते को ठीक कर लेना चाहिए जिससे उसे उस पीड़ित भाव के शुभ फलो की प्राप्ति होने लगती हैं | आइये जानते हैं की किस प्रकार से रिश्तो के द्वारा आप अपने पीड़ित भाव को शुभ कर सकते हैं |

प्रथम भाव-यदि यह भाव पीड़ित हैं ( स्वास्थ्य खराब रहता हैं ) तो इसका सीधा सा अर्थ हैं की जातक स्वयं का मित्र नहीं हैं | जानबूझकर गल्तिया करता रहता हैं स्वयं की देखभाल भी ठीक से नहीं करता हैं |
उपाय-जातक खुद का दोस्त बन यह आत्म निरीक्षण करे की उसकी कौन सी आदते उसे आगे बढने से रोकती हैं | उसके शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं उन्हे जान कर सुधार करे |

दूसरा भाव-इस भाव के पीड़ित होने से परिवार व कुटुंब मे विवाद बने रहते हैं बात बात पर क्लेश तथा झगड़ा होता रहता हैं |

उपाय- नित्य अपनी आँख को शीतल जल से धोये तथा अपना अहंकार त्याग कर पूरे परिवार से विनम्रता पूर्वक व्यवहार करे छोटों से प्यार,साथ वालो से मित्रता तथा बड़ो का सम्मान करे |

तीसरा भाव-इस भाव के पीड़ित होने से भाई बहनों का सूख नहीं मिलता या भाई बहनों की स्थिति ठीक नहीं होती हैं उनका स्वस्थ भी खराब होता हैं |
उपाय-अपने से कम उम्र के लोगो को भाई /बहन मान उनसे राखी बँधवाए या बांधे |

चतुर्थ भाव-इस भाव के खराब होने से माता का सुख नहीं मिलता हैं माँ की तबीयत हमेशा खराब रहती हैं ससुर से संबंध ठीक नहीं होते तथा मन मे हमेशा अशांति बनी रहती हैं |

उपाय-अपनी माता का सम्मान करे उनकी सुख सुविधाओ का ध्यान रख सेवा करे | यदि माँ बीमार रहती हो तो 7 वृद्ध स्त्रियो के लगातार 41 दिन चरण स्पर्श करे और विधवा आश्रम मे दूध,चावल आदि का दान करे |

पांचवा भाव-इस भाव के पीड़ित होने प्रेम संबंधो मे असफलता,शिक्षा बाधा व संतान सुख मे कमी जैसी समस्याए होती हैं |
उपाय-इन सबके के लिए 7 गुरुवार गरीब बच्चो को गुब्बारे खेलने को दे तथा प्रत्येक वर्ष 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चो को कपड़ा दान करे |

छठा भाव –इस भाव के पीड़ित होने से मामा का सुख नहीं मिलता,रोग,ऋण व शत्रु आपका पीछा नहीं छोड़ते |
उपाय-मामा से संबंध मधुर बनाए तथा पूर्व दिशा की और सिरहाना करके सोये,गुस्सा ना करे |

सातवा भाव– इस भाव के पीड़ित होने से विवाह विलंब व वैवाहिक जीवन कष्टमय होता हैं साझेदारी मे कोई ना कोई परेशानियाँ लगी रहती हैं |
उपाय-अपनी स्त्री/पुरुष का सम्मान करे एक दूसरे की भावनाओ का ख्याल/सम्मान करे |

आठवा भाव –इस भाव के पीड़ित होने ससुराल पक्ष से तनाव बना रहता हैं | हर काम मे अडचन होती हैं आयु पर खतरा बना रहता हैं |
उपाय-ससुराल से मधुर संबंध बनाए सास-ससुर का ख्याल रखे |

नवम भाव-इस भाव के अशुभ प्रभाव मे होने से पौत्र व साले का सुख नहीं मिलता या इनसे संबंध अच्छे नहीं होते,धार्मिक कार्यो मे रुचि नहीं रहती तथा भाग्य रूठा रहता हैं |

दसवा भाव –यदि पिता का जीवन कष्टमय हो,रोजगार की समस्या लगी रहती हो,किसी भी कार्य मे सफलता नहीं मिलती हो,काम बदलते रहते हो तो समझ लेना चाहिए की दसवा भाव पीड़ित हैं |
उपाय-नित्य पिता की पूर्ण श्रद्धा से सेवा कर आशीर्वाद लिया करे तथा वृद्ध आश्रम मे दान किया करे |

एकादश भाव –इस भाव के पीड़ित होने से बड़े भाई का सुख नहीं मिलता,लाभ की प्राप्ति नहीं होती तथा पुत्र का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहता |
उपाय-अपने से उम्र मे बड़े लोगो का सम्मान करे तथा उनसे सलाह मशवरा किया करे |
द्वादश भाव-इस भाव के खराब होने से खर्च मे अधिकता,चाचा से संबंधो मे खराबी,नेत्र दोष व शयन सुख मे कमी रहती हैं |
उपाय-सप्ताह मे एक दिन जानवरो को हरा चारा खिलाये तथा जीवनसाथी के नाम से धन जमा करे,चाचा का मान सम्मान करे |





सोमवार, 18 अप्रैल 2016

ज्योतिष को बंदनाम करते ज्योतिषी

ज्योतिष को बंदनाम करते ज्योतिषी

देहरादून ( उत्तरांचल ) मे 13-14 मार्च 2016 को राष्ट्रीय समाचार पत्र अमर उजाला कानपुर के नामी ज्योतिषी श्री पदमेश जी के सहयोग से ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन किया गया जिसमे ज्योतिष के क्षेत्र मे अपने अमूल्य योगदान के लिए श्री बेजान दारुवाला जी को लाइफ टाइम अचिवमेंट अवार्ड प्रदान किया गया | देशभर से लगभग 150 ज्योतिषी इस ज्योतिषीय महाकुंभ मे शामिल हुये थे जिनमे प्रमुख श्री पवन सिन्हा (एस्ट्रो अंकल),श्रीमती पुजा मदान,श्री वेणी माधव गोस्वामी,डॉ किशोर घिल्डियाल,पंडित भोला राम कपूर ( सभी दिल्ली ) डॉ पी॰पी॰एस राणा,पंडित सुशांत राज,पंडित पंकज किशोर गौड़ ( सभी देहरादून ) डॉ विनायक पुलह  (मोदीनगर),पंडित लेखराज शर्मा जी ( हिमाचल प्रदेश ),डॉ संजीव अग्रवाल ( मेरठ ),पंडित सतीश शर्मा व श्रीमती पद्मा शर्मा (जयपुर),पंडित ध्यानचंद कुश (मुजफ्फरनगर),डॉ मोहंती ( उड़ीसा ),पंडित गौतम ऋषि पाराशर ( जालंधर ) आदि थे |        

13 मार्च को ग्राफिक ईरा विश्वविद्यालय मे कार्यक्रम की शुरुआत करते समय ज्योतिष मे अपना महिमामंडन करते हुये प्रसिद्द ज्योतिषी श्री बेजान दारुवाला जी ने अमर उजाला समाचार पत्र की प्रशंसा के कसीदे पढे जिसमे उन्होने अमर उजाला पत्र को क्यामत तक अमर रहने का आशीर्वाद दे डाला,इसी दिन स्थानीय लोगो के लिए ज्योतिष का निशुल्क परामर्श शिविर भी लगाया गया था जहां देश भर से आए सभी ज्योतिषियो ने आम जनता को अपने अपने तरीके से ज्योतिषीय परामर्श दिये तथा जनता की ज्योतिषीय शंकाओ का समाधान किया |

14 मार्च के दिन होटल सेफ़्फ़्रोन लीफ मे कार्यक्रम रखा गया था जहां श्री बेजान दारुवाला ने उत्तरांचल के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जो की इस समारोह के मुख्यातिथि भी थे को खुश करने के लिए बिना किसी गणना के आगामी चुनावो ( उत्तरांचल मे 2017 मे विधानसभा के चुनाव होने हैं )  मे भी मुख्यमंत्री बना डाला उनके इस कथन का किसी भी ज्योतिषी ने विरोध नहीं किया और जो विरोध कर रहे थे उन्हे मंच पर बोलने का मौका ही नहीं दिया गया | कानपुर के नामी ज्योतिषी पदमेश जी की अध्यक्षता मे हो रहे इस कार्यक्रम मे दिल्ली के पंडित वेणी माधव गोस्वामी जी अपने पिता की ही कहानी बताते रहे की उनके पिता क्या थे कितने प्रभावी नेताओ से उनका क्या संबंध था परंतु अपने विषय मे वह कुछ नहीं बोले नाही उन्होने अपनी कोई योग्यता ही गिनवाई | एस्ट्रो अंकल के नाम से प्रसिद्द श्री पवन सिन्हा जी ने ज़रूर हमारी आने वाली पीढ़ी अर्थात बच्चो को अच्छी शिक्षा व संस्कार देने की बात सभी अभिभावकों से कही तथा साथ ही साथ उन्होने कुछ ज्योतिषीय उपाय भी आए हुये लोगो को बताए  | इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश से आये प्रसिद्द ज्योतिषी श्री लेखराज शर्मा जी ने केवल हाथ देखकर बेजान दारुवाला व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी जन्म कुंडली का निर्माण कर समस्त ज्योतिषियो व स्थानीय जनता को हैरान कर दिया ज्ञात रहे की श्री लेखराज शर्मा विश्व मे ऐसे अकेले ज्योतिषी हैं जो केवल हाथ द्वारा कुंडली का निर्माण करना जानते हैं |

इसमे कोई संशय नहीं हैं ज्योतिष महाकुंभ का यह कार्यक्रम बेहद ऊंच दर्जे का था परंतु नेताओ की चाटुकारिता के चलते ज्योतिष जगत की इससे जो बदनामी हुई इसे ज्योतिषियो को लाभ कम हानी ज़्यादा होगी बेजान दारुवाला जी की द्वारा की गयी भविष्यवाणी अगले दो दिनो मे ही बुरी तरह से असफल हो गयी जब उत्तरांचल के मुख्यमंत्री माननीय श्री हरीश रावत जी की सरकार अल्पमत मे आ गयी और प्रदेश मे राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा जब ज्योतिषी यही नहीं बता पाये की अगले कुछ दिनो मे ही प्रदेश की सरकार गिर सकती हैं तो आगामी चुनावो की क्या बात की जाये ज्योतिषी चाहे जिस भी दर्जे का हो उसे बिना होमवर्क किए अपना ज्ञान दर्शाना नहीं चाहिए अथवा भविष्यवाणी नहीं करनी चाहिए जिससे ज्योतिष को नुकसान ही प्राप्त होता हैं एक अन्य ज्योतिषी ने तो भारत के टी-20 विश्वकप जीतने की भविष्यवाणी लिखकर भी दे दी थी अब ऐसे ज्योतिषी जीवन मे सफलता पाने के लिए शॉर्टकट तरीको से जब अपने ज्योतिष आधार पर कुछ भी लिख या कह देते हैं जो सही नहीं निकलता हैं तो ही आम जनता का विश्वास ज्योतिष जैसी महान विद्या से उठने लग जाता हैं जो ज्योतिष जानते या समझते हैं पहले तो उन्हे ही यह पता होना चाहिए की किस समय कौन सा कार्य किया जाना चाहिए इस ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन अमर उजाला समाचार पत्र द्वारा उस समय किया गया जब गोचर मे गुरु ग्रह ( सिंह राशि मे) जो की ज्योतिष से संबन्धित ग्रह माना जाता हैं राहू से पीड़ित व वक्र अवस्था मे था ज्योतिष का बच्चा बच्चा जानता हैं की जब गुरु सिंह राशि मे होते हैं तब कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं उसपर गुरु ग्रह स्वयं वक्री एवं वक्री ग्रह राहू के संग भी थे क्या यह जानकारी अमर उजाला जैसे  समाचार पत्र से जुड़े किसी भी ज्योतिषी को नहीं थी वैसे कानपुर के प्रसिद्द ज्योतिषी श्री पदमेश जी अमर उजाला मे काफी जाने माने ज्योतिषी की हैसियत रखते हैं उनकी ही इस कार्यक्रम मे अध्यक्षता भी रही थी उन्होने भी इस पर ध्यान नहीं दिया और यदि ध्यान दिया भी था तो उनको बेजान दारुवाला द्वारा की गयी भविष्यवाणी के विषय मे सफाई देनी चाहिए थी की यह बेजान दारुवाला जी की अपनी राय हो सकती हैं सभी ज्योतिषियो की नहीं परंतु उन्होने ने भी अपने राजनीतिक चाटुकारिता भरे रसूख के चलते सभी ज्योतिषियो को ज्योतिष द्वारा की गयी बड़ी भूल मे शामिल कर लिया |

कुल मिलकर यही कहा जा सकता हैं की इस तरह के ज्योतिषीय आयोजनो से ज्योतिष को हानी ही पहुँच रही हैं लाभ नहीं जब ज्योतिषी स्वयं ही ज्योतिषीय सूत्रो को नहीं समझ पा रहे तब व आम जन को क्या मार्गदर्शन देंगे जिस कारण ज्योतिष को आम जनता द्वारा लूटने का धंधा ही माना जाएगा अथवा माना जाता हैं |