शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

काल सर्प एक महान योग



काल सर्प एक महान योग

कुंडली मे पाये जाने वाले अशुभ योगो मे से एक कालसर्प योग होता हैं जो जातक विशेष के जीवन मे अवश्य ही अपना प्रभाव रखता हैं बहुत से जातक जिनकी पत्रिका मे यह योग था वह बेहद प्रसिद्द,सफल व कामयाब रहे हैं वही कुछ असफल भी रहे हैं हमारे प्राचीन ज्योतिष शास्त्र इस योग के विषय मे कुछ नहीं बताते हैं प्राचीन विद्वान भट्टोपाल,ढुंढिराज आदि इसके विषय मे कुछ नहीं लिखते हैं व नाही किसी प्रकार से इसका ज़िक्र करते हैं परंतु आधुनिक काल के ज्योतिषी इस पर अपना भिन्न भिन्न मत रखते हैं जिससे समाधान कम भ्रम ज़्यादा फैलता हैं | राहू केतू के मध्य जब सभी गृह आ जाते हैं तब इस योग का निर्माण होता हैं कुछ ज्योतिषी इसे राहू केतू के वक्री होने के कारण ग्रहो के राहू से केतू के मध्य आने पर मानते हैं केतू से राहू के मध्य आने पर नहीं वही कुछ इसे दोनों अवस्था मे मानते हैं जिससे भ्रम और भी ज़्यादा फैलता हैं |

इस योग के विभिन्न भावो मे बनने का भी महत्व देखा व माना गया हैं जैसे केंद्र मे,2 व 8 भावो मे,3 व 9,5 व 11 तथा 6 व 12 भावो मे यह भी पाया गया हैं केंद्र मे इसके बनने पर शुभ प्रभाव ज़्यादा प्राप्त हुये जबकी जब यह योग 2,8व 8,2 तथा 6,12,व 12,6 के मध्य बना तब इसने ज़्यादा अशुभ प्रभाव जैसे जेलयात्रा,बंधन,किसी भी प्रकार की शुभता ना देना आदि दर्शाये | नेहरुजी की पत्रिका मे यह योग 12 से 6 के मध्य हैं सभी जानते की नेहरु जी ने कई बार जेल यात्रा करी परंतु बाद मे वह देश के प्रधानमंत्री बन देश विदेश मे प्रसिद्द हुये मुसोलिनी की पत्रिका मे भी इसी योग ने उसे साधारण से इटली का महान तानाशाह बनाया इसी प्रकार का योह जाने माने वकीलो,डॉक्टरो की पत्रिकाओ मे भी मिलता हैं |

इस योग के बारे मे कितनिम शुभता व अशुभता रहेगी यह एक शोध का विषय हो सकता हैं बड़े व सफल लोगों की पत्रिका मे यह उन्हे सफल व कामयाब होने से नहीं रोक पाया हैं फलित ज्योतिष का आधार कुंडली को विस्तार से समझने का होता हैं एक नजर मे फलित करना मुश्किल ही नहीं ग़लत भी होता हैं इस योग से प्रभावित व्यक्ति अपने जीवन मे कैसे रहेंगे यह एक बहस का विषय हो सकता हैं | साधारणत; इस योग का प्रभाव जीवन पर्यंत माना जाता हैं जबकि अनुभव मे देखा गया हैं की राहू केतू की दशा मे इस योग ने अपने ज़्यादा प्रभाव दिखाये हैं यह भी देखा गया की राहू केतू दशा मे जब कोई गृह इनके सिर अथवा पुंछ से गुजरा अर्थात इनके संपर्क मे आया और नक्षत्र के चारो चरण (13'20 अंश) तक रहा तब ज़्यादा अशुभ प्रभाव मिले थे |

राहू केतू 18 वर्षो मे अपने जन्मकालीन स्थिति से गुजरते हैं तब जातक विशेष के जीवन मे कुछ ना कुछ अच्छा या बुरा प्रभाव ज़रूर पड़ता हैं राहू केतू के मध्य लगातार भावो मे ग्रहो के होने से एक अन्य "माला योग" का निर्माण होता हैं जो की जातक को बहुत ऊंचाई प्रदान कर सकता हैं | इस कालसर्प योग को जानने के लिए शास्त्रो मे दिये गए योगो की जानकारी भी होनी चाहिए |कुछ ज्योतिषी इसे आयु हेतु अशुभ मानते हैं तो कुछ इसे धन,संपत्ति हेतु अशुभ मानते हैं जबकि कुंडलियों का अध्ययन करने पर यह सभी बातें ठीक नहीं दिखती हैं | मुख्यत: यह कहाँ जा सकता हैं की कालसर्प योग जातक को दर्द,पीड़ा प्रदान कर सफलता प्रदान करता हैं |

राहू को आध्यात्मिक ज्योतिष मे मस्तिष्क का क्षेत्र दिया गया हैं (जहां हजारो पंखुड़ियों वाला कमल जिसपर शिव विराजते हैं को माना जाता हैं ) तो ऐसे मे इस गृह को पूर्ण रूप से अशुभ कैसे माना जा सकता हैं और यदि इस गृह के मध्य सभी गृह होंगे तो व अशुभता कैसे दे पाएगा | यह संभव हो सकता हैं की जब जातक को अशुभ प्रभाव ही बताए जाएंगे तब व अपने हिले हुये आत्मविश्वास के कारण अपने हर कार्य मे नुकसान व हताशा ही पाएगा जिससे उसकी सफलता असफलता मे बदल जाएगी |

ईश्वर अपने कमजोर व्यक्तियों को कालसर्प देकर नष्ट होने से बचाता हैं इस योग को जानने पर यदि माता-पिता शुरुआत मे ही हर उचित उपाय कर अपने बच्चो को उचित शिक्षा आदि प्रदान कर उनके अंधकारमय भविष्य से उन्हे बचा सकते हैं यदि कोइ बुरा समय आता भी हैं तो उसे उपासना व प्रार्थना से टाला जा सकता हैं |

लग्न से सप्तम भाव के मध्य इस योग के होने से इसे विवाह हेतु अशुभ पाया गया हैं सांसारिक रूप से वैवाहिक जीवन व स्तर दोनों हानिकारक साबित होते हैं यदि इसके दूसरे रूप को देखे तो विवाह विच्छेद होने पर जातक का आध्यात्मिक विकास होने लगता हैं यहाँ ज्योतिष जातक विशेष को पूर्व मे जानकारी प्रदान कर उसे संभाल सकता हैं | यह योग जहां एक तरफ आपको दुनिया से विमुख करता हैं वही एक तरफ अध्यात्मिकता से जोड़ता भी हैं जिससे आप ईश्वर के ज़्यादा करीब हो जाते हैं |
  

रविवार, 15 फ़रवरी 2015

हमारा बड़ा नाम हो गया



हमारा बड़ा नाम हो गया

हमारी दिल्ली विधानसभा चुनाव से जुड़ी भविष्यवाणी ग़लत साबित हुई जिसके लिए हम अपने पाठको से क्षमा मांगते हैं और आप सभी से ही नहीं अपने आपसे भी ये हम वादा करते हैं की भविष्य मे ऐसी ग़लती दोबारा ना हो | हम किसी भी प्रकार का कोई बहाना या एक्स्क्युस नहीं मांग रहे ग़लती हैं और हम इसे स्वीकारते हैं |
आप सभी के लगभग 157 फोनो व मैसजो ने हमें हमारी इस ग़लती पर हमें जो खरी खोटी सुनाई हम उसका सम्मान करते हैं ज्योतिष का कार्य करते हुये ऐसी चूक हमसे नहीं होनी चाहिए थी | हमारे कुछ पाठको ने हमें हमारी इस पोस्ट को हमारे ब्लॉग से हटाने का सुझाव भी दिया परंतु हम ऐसा नहीं करेंगे अगर हमसे ग़लती हुयी हैं तो हम उसको मानने की हिम्मत भी रखते हैं |
हमें जोधपुर के प्रसिद्द ज्योतिषी के दो शिष्यो का फोन भी आया जिन्होने हम पर ज्योतिष को बदनाम करने का आरोप लगाया जिससे यह पता चलता हैं की ज्योतिष बिरादरी को हमारी कितनी चिंता हैं हम उनसे सिर्फ इतना कहना चाहते हैं की क्या उन्होने अपने गुरुजी को उनकी ग़लत भविष्यवाणी करने पर कुछ कहाँ हैं कुछ साल पहले उनके गुरुजी ने अमिताभ बच्चन के घर पोता होने की बात अपनी पत्रिका मे काफी जोर देकर कही थी और जब पोती हुई तो वह हमारे पूछने पर यह कहने लगे हमने अमिताभ के दादा बनने की बात कहीं थी पोता पोती की नहीं अब आप सभी पाठक ही सोचे की हमें क्या कहना चाहिए था |
इन्ही दोनों शिष्यो ने हमें दो महत्वपूर्ण भविष्यवाणिया भी कहीं हैं जिनमे से एक इस वर्ष भारत मे क्रिकेट विश्वकप जीतने की भी हैं (ऐसा उनके गुरुजी ने अपनी मासिक पत्रिका के सितंबर 2014 के अंक मे लिखा हैं की धोनी भारत को दिलाएँगे विश्वकप ) ईश्वर करें ऐसा ही हो परंतु हमारे आंकलन मे ऐसा प्रतीत होता नहीं दिखता हैं | दूसरी भविष्यवाणी दिल्ली की सरकार को लेकर कहीं गयी हैं जो हम आपको अभी नहीं बता रहे हैं क्यूंकी हमने उनसे वादा किया हैं की उनकी कहीं ये बात अगर सत्य हुयी तो हम उन्हे सबसे पहले बधाई देने वाले होंगे इसके लिए उन्होने 12 अगस्त 2015 तक का समय हमसे मांगा हैं | उनका नाम अशोक हैं और उन्होने 30 वर्ष पहले ज्योतिष के अपने गुरु से दीक्षा ली हुयी हैं उनका फोन नंबर हमारे पास हैं |
अंत मे इतना ही कहूँगा की हमसे ग़लती हुयी हैं और हम इसे मानते हैं | आप सभी के स्नेह व प्यार का धन्यवाद ............... आपका डॉ॰ किशोर घिल्डियाल