ज्योतिष को बंदनाम करते ज्योतिषी
देहरादून ( उत्तरांचल ) मे 13-14 मार्च
2016 को राष्ट्रीय समाचार पत्र अमर उजाला व कानपुर के नामी ज्योतिषी
श्री पदमेश जी के सहयोग से ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन किया गया जिसमे ज्योतिष
के क्षेत्र मे अपने अमूल्य योगदान के लिए “श्री बेजान दारुवाला
जी” को “लाइफ टाइम अचिवमेंट” अवार्ड प्रदान किया
गया | देशभर से लगभग 150 ज्योतिषी इस
ज्योतिषीय महाकुंभ मे शामिल हुये थे जिनमे प्रमुख श्री पवन सिन्हा (एस्ट्रो अंकल),श्रीमती पुजा मदान,श्री
वेणी माधव गोस्वामी,डॉ किशोर घिल्डियाल,पंडित भोला राम कपूर ( सभी दिल्ली ) डॉ
पी॰पी॰एस राणा,पंडित सुशांत राज,पंडित
पंकज किशोर गौड़ ( सभी देहरादून ) डॉ विनायक पुलह
(मोदीनगर),पंडित लेखराज शर्मा जी ( हिमाचल प्रदेश
),डॉ संजीव अग्रवाल ( मेरठ ),पंडित सतीश शर्मा व
श्रीमती पद्मा शर्मा (जयपुर),पंडित ध्यानचंद कुश
(मुजफ्फरनगर),डॉ मोहंती ( उड़ीसा ),पंडित
गौतम ऋषि पाराशर ( जालंधर ) आदि थे |
13 मार्च को ग्राफिक ईरा विश्वविद्यालय
मे कार्यक्रम की शुरुआत करते समय ज्योतिष मे अपना महिमामंडन करते हुये प्रसिद्द
ज्योतिषी श्री “बेजान दारुवाला जी” ने अमर उजाला समाचार
पत्र की प्रशंसा के कसीदे पढे जिसमे उन्होने अमर उजाला पत्र को क्यामत तक अमर रहने का आशीर्वाद दे
डाला,इसी दिन स्थानीय लोगो के लिए ज्योतिष का
निशुल्क परामर्श शिविर भी लगाया गया था जहां देश भर से आए सभी ज्योतिषियो ने आम
जनता को अपने अपने तरीके से ज्योतिषीय परामर्श दिये तथा जनता की ज्योतिषीय शंकाओ
का समाधान किया |
14 मार्च के दिन होटल सेफ़्फ़्रोन लीफ मे
कार्यक्रम रखा गया था जहां श्री बेजान दारुवाला ने उत्तरांचल के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जो की इस समारोह के
मुख्यातिथि भी थे को खुश करने के लिए बिना किसी गणना के आगामी चुनावो (
उत्तरांचल मे 2017 मे विधानसभा के चुनाव होने हैं ) मे भी मुख्यमंत्री बना डाला उनके इस कथन का
किसी भी ज्योतिषी ने विरोध नहीं किया और जो विरोध कर रहे थे उन्हे मंच पर बोलने का
मौका ही नहीं दिया गया | कानपुर के नामी ज्योतिषी “पदमेश जी” की अध्यक्षता मे हो
रहे इस कार्यक्रम मे दिल्ली के पंडित वेणी माधव गोस्वामी जी अपने पिता की ही कहानी
बताते रहे की उनके पिता क्या थे कितने प्रभावी नेताओ से उनका क्या संबंध था परंतु
अपने विषय मे वह कुछ नहीं बोले नाही उन्होने अपनी कोई योग्यता ही गिनवाई | एस्ट्रो अंकल के नाम
से प्रसिद्द श्री “पवन सिन्हा जी” ने ज़रूर हमारी आने
वाली पीढ़ी
अर्थात
बच्चो को अच्छी शिक्षा व संस्कार देने की बात सभी अभिभावकों से कही तथा साथ ही साथ
उन्होने कुछ ज्योतिषीय उपाय भी आए हुये लोगो को बताए | इसके पश्चात हिमाचल प्रदेश से आये प्रसिद्द ज्योतिषी श्री लेखराज शर्मा जी
ने केवल हाथ देखकर बेजान दारुवाला व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत जी जन्म कुंडली
का निर्माण कर समस्त ज्योतिषियो व स्थानीय जनता को हैरान कर दिया ज्ञात रहे की
श्री लेखराज शर्मा विश्व मे ऐसे अकेले ज्योतिषी हैं जो केवल हाथ द्वारा कुंडली का निर्माण
करना जानते हैं |
इसमे कोई संशय नहीं हैं ज्योतिष महाकुंभ का
यह कार्यक्रम
बेहद ऊंच दर्जे का था परंतु नेताओ की चाटुकारिता के चलते ज्योतिष जगत की इससे जो
बदनामी हुई इससे ज्योतिषियो को लाभ कम हानी ज़्यादा होगी बेजान दारुवाला जी
की द्वारा
की गयी भविष्यवाणी अगले दो दिनो मे ही बुरी तरह से असफल हो गयी जब उत्तरांचल के
मुख्यमंत्री माननीय श्री हरीश रावत जी की सरकार अल्पमत मे आ गयी
और प्रदेश मे राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा जब ज्योतिषी यही नहीं बता पाये की अगले
कुछ दिनो मे ही प्रदेश की सरकार गिर सकती हैं तो आगामी चुनावो की क्या बात की जाये
ज्योतिषी चाहे जिस भी दर्जे का हो उसे बिना होमवर्क किए अपना ज्ञान दर्शाना नहीं चाहिए अथवा भविष्यवाणी नहीं
करनी चाहिए जिससे ज्योतिष को नुकसान ही प्राप्त होता हैं एक अन्य ज्योतिषी ने तो
भारत के टी-20 विश्वकप जीतने की भविष्यवाणी लिखकर भी दे दी थी अब ऐसे ज्योतिषी जीवन मे सफलता पाने के लिए शॉर्टकट तरीको से जब अपने ज्योतिष आधार पर कुछ
भी लिख या कह देते हैं जो सही नहीं निकलता हैं तो ही आम जनता का विश्वास ज्योतिष
जैसी महान विद्या से उठने लग जाता हैं जो ज्योतिष जानते या समझते हैं पहले तो उन्हे ही यह पता होना चाहिए की
किस समय कौन सा कार्य किया जाना चाहिए इस ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन अमर उजाला
समाचार पत्र द्वारा उस समय किया गया जब गोचर मे गुरु ग्रह ( सिंह राशि मे) जो की
ज्योतिष से संबन्धित ग्रह माना जाता हैं राहू से पीड़ित व वक्र अवस्था मे था ज्योतिष
का बच्चा बच्चा जानता हैं की जब गुरु सिंह राशि मे होते हैं तब कोई भी शुभ
कार्य नहीं किए जाते हैं उसपर गुरु ग्रह स्वयं वक्री एवं वक्री ग्रह राहू के संग भी थे क्या यह जानकारी अमर उजाला जैसे समाचार पत्र से जुड़े किसी भी ज्योतिषी को नहीं
थी वैसे कानपुर के प्रसिद्द ज्योतिषी श्री पदमेश जी अमर उजाला मे काफी जाने माने
ज्योतिषी की हैसियत रखते हैं उनकी ही इस कार्यक्रम मे अध्यक्षता भी रही थी उन्होने
भी इस पर ध्यान नहीं दिया और यदि ध्यान दिया भी था तो उनको बेजान दारुवाला द्वारा
की गयी भविष्यवाणी के विषय मे सफाई देनी चाहिए थी की यह बेजान दारुवाला जी की अपनी
राय हो सकती हैं सभी ज्योतिषियो की नहीं परंतु उन्होने ने भी अपने राजनीतिक
चाटुकारिता भरे रसूख के चलते सभी ज्योतिषियो को ज्योतिष द्वारा की गयी बड़ी भूल मे
शामिल कर लिया |
कुल मिलकर यही कहा जा सकता हैं की इस तरह
के ज्योतिषीय आयोजनो से ज्योतिष को हानी ही पहुँच रही हैं लाभ नहीं जब ज्योतिषी
स्वयं ही ज्योतिषीय सूत्रो को नहीं समझ पा रहे तब व आम जन को क्या मार्गदर्शन
देंगे जिस कारण ज्योतिष को आम जनता द्वारा लूटने का धंधा ही माना जाएगा अथवा माना जाता हैं |
1 टिप्पणी:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-04-2016) को "दिन गरमी के आ गए" (चर्चा अंक-2317) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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