1) अग्नि तत्व - यदि अधिकांश
ग्रह अग्नि-तत्व राशियों में हो तो यह प्रतिभा,बल और शक्ति को
दर्शाता है,जातक यंत्र की शिक्षा के उपयुक्त होता है,और
ऐसा व्यापार करता है जिसमे धातुएं और अग्नि का प्रयोग होता है । अग्नि तत्व
राशियों में गए ग्रह
दूसरी तत्व की राशियों के मुक़ाबले
ज्यादा क्रियाशील होते हैं । मेष,सिंह व धनु अग्नि तत्व राशियाँ हैं |
2)पृथिवी तत्व – ये राशियाँ धन व स्थिरता तथा भौतिक समृद्धि को दर्शाती हैं । जातक
का झुकाव धन संग्रह और शक्ति - संपन्न होने में ज़्यादा होता है । जातक स्वास्थ्य की दृस्टी से अच्छा सचेत व् सावधान,चतुर
और व्यवहारिक,अल्प व्ययी,परिश्रमी तथा
रक्षक होता है,उसका व्यवसाय अच्छा होता है । इमारते,खदान,भारी
तथा मंद गति के कार्य जिनमे समय परिश्रम और रक्षा की आवश्यकता होती है,जातक
ऐसे काम करता है । वृष,कन्या व मकर राशियाँ पृथ्वी तत्व की होती हैं | वृषभ राशी कृषि या वित्त सम्बन्धी काम,कन्या
राशी रसायन - शाश्त्र और मकर राशी शासन या राजनीति सम्बन्धी कार्यो की और ले जाती है ।
3)वायु तत्व – ये राशियाँ बुद्धि एवं बौद्धिक अनुभवों से
जुडी हुई होती
हैं । यह अल्पजीवन शक्ति की ओर इंगित
करती हैं । यदि शुभ ग्रह से
सम्बंधित होतो जातक को
उत्साही,शालीन,रमणीक,शिष्ट,सहानुभूतिपूर्ण,कल्पनाशील
और कलात्मक स्वभाव प्रदान
करती हैं ऐसे जातक अच्छे सलाहकार होते हैं । साहित्यिक
कामो में अपना कौशल दिखाते हैं,उपन्यासकार,लेखक,कवि,कलाकार,पत्रकार,हवाई
- जहाज चालक आदि हो सकते हैं । मिथुन,तुला व कुम्भ राशियाँ वायु तत्व की हैं |
4)जल तत्व – इन राशियों में सभी ग्रह हो तो जातक
शर्मीला,कोमल ह्रदय,कायर,डरपोक,
और शक्ति की न्यूनता अनुभव करता है । यदि ये राशियाँ पीड़ित हो तो रक्त-अल्पता,पाचन
सम्बन्धी बीमारी,मूत्र सम्बन्धी रोग,सर्दी-जुकाम
आदि जैसे रोग दर्शाती हैं । ये
राशी ऐसे सभी कामो को अनुमोदित करती हैं जिसमे द्रव्य का उपयोग होता है । जैसे शराब,पानी,धोबी,लौंड्री,जल -
जहाज पर काम,नाविक,मछली पकड़ना,समुद्री
यात्रा,क्रूस होटल,रेस्तरां
आदि के काम ।कर्क,वृश्चिक व मीन राशि जल तत्व की होती हैं |
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