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सूर्य संक्रांति के दिन कितने बजे बदल रहे हैं उसी समय चंद्र का गोचर नक्षत्र देखें |
चंद्र का गोचरिय
नक्षत्र संक्रांति के समय का देखें इसके पीछे वाला नक्षत्र लिखले |
उदाहरण के लिए
सूर्य सक्रांति के समय चंद्र नक्षत्र अनुराधा होतो इससे पहले वाला नक्षत्र विशखा होगा जिसे “आ”
माना जाएगा |
आपका अपना जन्म
नक्षत्र देखें माना आपका जन्म नक्षत्र भरणी है इसे “ब” माने |
अब इस “आ” से “ब”
तक गिने यानी विशाखा को
एक मानकर अपने जन्म नक्षत्र भरनी तक गिने अर्थात अनुराधा से भरनी तक गिने | अनुराधा
से ज्येष्ठा मूल श्रवण से चलते हुए भरणी 14वा नक्षत्र आएगा |
जिसका परिणाम कुछ नया पुरस्कार प्राप्त होना अथवा कोई नया काम
होना हैं |
उत्तर इस प्रकार
से देखना है |
1,2,3 आने पर
जातक को सफर पर दूसरी जगह जाना पड़ेगा |
4,5,6,7,8,9 आने
पर अगले 30 दिन सुखमय बीतेंगे |
10,11,12 आने पर
कुछ परेशानी होगी |
13,14,15,16,17,18
आने पर कुछ नया उपहार मिलेगा अर्थात कुछ नया कर्म होगा |
19,20,21 आने पर
नुकसान होगा |
22,23,24,25,26,27
आने पर कुछ आर्थिक लाभ होगा |
इस प्रकार से आप
सक्रांति से आने वाले महीने का अनुमान लगा सकते हैं |
उदाहरण के लिए
दिल्ली मे इस महीने 17 जुलाई को सुबह 4:34:22 मे सूर्य ने कर्क राशि मे प्रवेश
किया था अर्थात कर्क संक्रांति थी उस समय चंद्रमा चंद्रमा पुनर्वसु नक्षत्र मे था
उसके पहले वाला नक्षत्र आर्द्र हुआ | इसे आ माना
मान लेते हैं
हमे जिसके लिए देखना हैं उसका जन्म नक्षत्र रेवती हैं इसे ब लिखेंगे |
अब हमें आर्द्र
से रेवती तक गिनना हैं जो की 22वा नक्षत्र हुआ |
जिसका परिणाम
आर्थिक लाभ होना आया हैं अर्थात इस माह जातक को धन का लाभ होगा |
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