शुक्रवार, 28 जुलाई 2023

के एन राव जी से साक्षात्कार (अंतिम भाग)

 


प्रश्न: तो क्या ज्योतिष के उपाय बेकार होते हैं?

श्री रावः मैं ऐसा नहीं कहता। मेरा मानना है कि सभी धर्मों में अपने अनुसार तकलीफ दूर करने के उपाय होते हैं और उपायों का फल स्वयं करने से ही मिलता है। किसी ज्योतिषी को पैसा देकर अपने या अपने रिश्तेदारों का भाग्य बदलने के लिए उपाय करने का ठेका दे दिया जाए तो उसका असर नहीं होता। पंडित जी ईश्वर तो हैं नहीं कि आपका भाग्य बदल देंगे। गुप्तकाशी के एक संन्यासी थे। उन्हें सब भगवान कहा करते थे। उनका कहना था जब कोई ब्राह्मण अपनी फीस मांगता है तो वह बनिया या महाजन हो जाता है। शनि को अनुकूल बनाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ सबसे सरल उपाय है। ज्योतिषी के पास जाओ तो अपना रोना मत रोओ और न ही अपने सभी पत्ते खोलो। ऐसे कर्मकांडी ब्राह्मण आज नहीं हैं जो मनोयोग और निःस्वार्थ भावना से किसी के लिए कुछ करें। 1931 की जनगणना में कर्मकांडी ब्राह्मणों की संख्या कुल हम जनसंख्या का तीन प्रतिशत थी। अब पता नहीं यह संख्या घटकर कितनी रह गई है

एक रोचक घटना है। 1986 में जब राजा दिनेश सिंह बीमार पड़े तो राजा आनंद सिंह ने एक ज्योतिषी की मदद ली। उनके बीमार होने की जानकारी केवल राजा आनंद सिंह, मुझे और परिवार के कुछ सदस्यो को ही थी कुछ विशेष कारणों से उनकी बीमारी को गुप्त रखा गया था। गांव के उस पंडित ने कुश के आसन पर बैठ कर उपाय किया। जिस मनोयोग से उसने उपाय किया, उसके बाद गांव में ही उसे आभास हो गया कि राजा दिनेश सिंह को कुछ नहीं होगा। उसने संदेश भेजा कि अब सब ठीक हो जाएगा और राजा दिनेश सिंह ठीक हो गए। बाद में फिर मंत्रिमंडल में शामिल हुए। 1993 में वह फिर बीमार पड़े, लेकिन इस बार अनुष्ठान सफल नहीं हो पाया। अनुष्ठान तभी सफल होगा जब अनुष्ठान करने वाला निःस्वार्थ भाव से उसे करे। उसे किसी प्रकार का लालच न हो। 1978 से हम कुछ लोग मिल कर विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण कवच का पाठ करते आए हैं। मेरे एक मित्र श्री मदनगोपाल अरोड़ा कनाडा में मृत्युशैया पर थे। अरोड़ा जी ने बताया कि उन्होंने यमदूत को आते हुए देखा, लेकिन वह उन्हें लिए बगैर वापस लौट गया। हमने उनके लिए सामूहिक पाठ किया और वह मृत्युशैया से उठ कर स्वस्थ हो गए ।

प्रश्न: आप बचपन से ज्योतिष का अध्ययन कर रहे हैं। ज्योतिष पर आपका अनुभव क्या है? यह किस प्रकार मानव जीवन के लिए उपयोगी है?

श्री रावः मेरा अनुभव है कि ज्योतिष को अंधविश्वासों से जोड़कर दुःख दूर करने के उपायों के नाम पर लोगों को ठगा और लूटा जाता है। इसी से ज्योतिष जैसी पवित्र विद्या के प्रति लोगों का विश्वास समाप्त होता जा रहा है। सच्चा, ईमानदार और विद्वान ज्योतिषी लोगों के जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए मार्गदर्शक का काम करता है।

प्रश्न: क्या भविष्य के बारे में हर प्रकार की भविष्यवाणी की जा सकती है?

श्री रावः भारतीय विद्या भवन में 1987 से ज्योतिष का नियमित पाठ्यक्रम चलाते हुए अब तक हजारों लोगों को इस विद्या का ज्ञान उपलब्ध कराया गया है। लेकिन इसके बावजूद मेरा दावा है कि ज्योतिषी हर क्षेत्र में सही भविष्यवाणी नहीं कर सकते।

प्रश्नः एक ही स्थान पर एक ही समय पैदा हुए बच्चों का भविष्य अलग क्यू होता हैं ?

श्री रावः बच्चों की कुंडलियां अपने मां-बाप से आंतरिक रूप से जुड़ी होती हैं अर्थात् वे इंटरलिंक्ड होती हैं। बच्चे की कुंडली देखने से पूर्व माता-पिता की कुंडली भी देखनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर राहुल गांधी की तुलना में सैंकड़ों ऐसे लोग भी हो सकते में सैंकड़ों ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिनकी कुंडली राहुल गांधी की कुंडली से सशक्त हो सकती है लेकिन राहुल गांधी की कुंडली के साथ उनके परिवार से जुड़ी डाइनेस्टी का भी ध्यान रखना होगा।

इंग्लैंड में जॉर्ज पंचम और एक लुहार के घर एक ही समय में बेटे पैदा हुए। उनका विवाह भी एक ही समय पर हुआ। उनकी कुंडलियां एक जैसी होने के बावजूद जॉर्ज पंचम का बेटा इंग्लैंड के सम्राट की गद्दी का वारिस बना क्योंकि वह शाही परिवार का हिस्सा था।

प्रश्न: आप ज्योतिष का उद्देश्य क्या मानते हैं?

श्री रावः ज्योतिष का उद्देश्य लोगों का मार्गदर्शन करना है और उन्हें उनके जीवन का उद्देश्य बताना है। ज्योतिषी भगवान नहीं है और न ही वह किसी का प्रारब्ध बदल सकता है। वह सही मार्गदर्शन कर सकता है जिससे किंकर्तव्यविमूढ़ व्यक्ति को सही दिशा मिल सके। एक घटना बताता हूं। मेरी शिष्या अखिला के पास एक महिला अपने बेटे की जन्मपत्री लेकर आई। वह लड़का शक्तिशाली है और चंचल भी है। उसकी शैतानियों से उसके मां-बाप परेशान रहते थे। अखिला ने उस लड़के की कुंडली देख कर उसकी मां को परामर्श दिया कि वह अपने बेटे को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाए। मां ने अखिला की बात मान कर अपने बेटे को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाया। उसके बाद तो लड़के ने अनेक पुरस्कार जीते। वह अनुशासित हो गया और पढ़ाई में भी उसका मन लगने लगा।

इसी प्रकार से जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली एक लड़की की कुंडली देख कर मैंने उसे परामर्श दिया कि वह विदेश जा कर अपना कैरियर बनाए। उसने चीनी भाषा सीखी। उसने एक विदेशी से विवाह किया और अब वह विदेश में बहुत अच्छा काम कर रही है।

प्रश्नः कुल मिला कर वर्तमान ज्योतिष पर क्या टिप्पणी की जा सकती है?

श्री रावः ज्योतिष नकारात्मक हो गया है, सकारात्मक नहीं रह गया है। ज्योतिषियों के पास तीन-चार हथियार हैं जिनसे वे आम जनता को उल्लू बनाकर उन्हें लूटते हैं। इनमें शनि की साढ़ेसाती, पूर्ण-कालसर्प योग, अर्ध-कालसर्प योग जैसे तरीके शामिल हैं। ये सब निराधार हैं। पराशर से लेकर वराहमिहिर या अन्य किसी बड़े प्रामाणिक ज्योतिष विद्वान के किसी ग्रंथ में इनका उल्लेख नहीं मिलता। इसलिए मुझे ये सब निराधार और आम जनता को लूटने के लिए ज्योतिषियों के हथकंडे ही लगते हैं। ज्योतिषी भाग्य नहीं बदल सकता, वह केवल मार्गदर्शन कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति विद्वान ज्योतिषी के मार्गदर्शन में अपने जीवन को आगे बढ़ाता है तो उसके जीवन में होने वाली तरक्की से उसे लगता है कि ज्योतिषी ने उसके भाग्य को बदल दिया। जबकि याद रखना चाहिए कि ज्योतिषी ब्रह्मा नहीं है।

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