आप शासकीय सेवा में हैं या निजी क्षेत्र में सेवारत हैं, आपकी नौकरी मे पदोन्नति अथवा स्थानान्तरण संभावना सदा ही बनी रहती है । जहां एक ओर पदोन्नति की सभी को आशा बनी रहती है वहीं स्थानान्तरण से ज्यादातर लोग बचना चाहते हैं । पद उन्नति और स्थानान्तरण दोनों ही पर आधारित योगों पर ही निर्भर हैं ।
कुछ ऐसे ही योगो की चर्चा हम यहां पर कर रहे हैं ।
जन्म कुण्डली के
दसवें भाव से पदोन्नति का विचार किया जाता है । अगर कुण्डली में नीचे लिखे योग
विद्यमान हों तो निश्यच ही पदोन्नति होती है ।
1. दसवें भाव
में सूर्य या मंगल या तो उच्च राशि या मित्र राशि या स्वराशि में हो और लग्नेश शुभ
स्थान में हो ।
2. दसवें भाव
में गुरू, शुक या बुध उच्चराशि, स्वराशि
या मित्र राशि में हो एवं उस पर पाप ग्रह की दृष्टि न हो ।
3. नवमेश नवम
भाव में हो और लग्नेश की लग्न पर दृस्टी
हो |
4. दशमेश का लग्नेश या त्रिकोनेश से संबंध हो |
5. दसवें भाव पर
गुरू की दृष्टि हो ।
6. दशमेश लग्न
में हो ।
7. लग्नेश दसवें
भाव में हो और उस पर पाप ग्रह का प्रभाव न हो ।
8. नवमेश – दशमेश
- लाभेश का योग हो ।
9. द्वितीयेश
दशम भाव में उच्च राशि स्वराशि या मित्र राशि का हो ।
10. जब शनि गोचर
वश जन्म कुण्डली में स्थित अपने मित्र ग्रहों - शुक्र, बुध
एवं राहु से 1, 2, 6, 9,
10, 11वें भावों में नव पंचम योग करता है
तब मनचाही पदोन्नति एवं मनचाहा स्थानान्तरण होता है ।
11. अगर कुण्डली
में दसवें भाव एवं दशमेश की स्थिति अच्छी हो तो दशमेश की महादशा या अंतर्दशा में
उसके सहधर्मी ग्रह की दशा या अर्न्तदशा में भी मनचाही पदोन्नति एवं स्थानान्तरण का
योग होता है ।
12. जब गुरु का गोचर जन्म कुंडली के दसवे भाव से हो रहा हो तो इस
समय भी पद उन्नति व स्थान अंतरण के योग बनते हैं |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें