पुराने ग्रंथ जब लिखे गए थे तब सामाजिक राजनीतिक आर्थिक स्थिति अति उत्तम थी |आबादी भी कम थी अतः व्यवसाय भी कम थे | तब ना तो हवाई जहाज थे ना मोटर गाड़ियां न फ्रिज,एयर कंडीशनर ना गाड़ी न मोबाइल | अत: प्रोफेशन बहुत थोड़े थे जो आसानी से व नवग्रहों के अनुसार बतलाए जा सकते थे | जैसे सूर्य राजा का प्रतिनिधित्व करता है,शुक्र राजनर्तकी का तथा शनि नौकर कारीगर व शिल्पकारी का,बुध व्यापार का तथा राहु केतु नीचे के स्तर के काम काजो के बारे में बताते हैं |
वर्तमान युग में कई चीजों की खोज हो चुकी है रोज नए नए व्यवसाय पैदा हो रहे हैं | अब विद्वान ज्योतिषियों को अपने गुरु से प्राप्त विद्या तथा अनुभव के अनुसार कुंडलियों में स्वयं ग्रह योग ढूंढने होंगे की किन-किन ग्रहों योगो में व्यक्ति कौन कौन सा व्यवसाय करके जीवन में सफलता हासिल कर सकता है | जो लोग केवल पुराने ग्रंथों में योग को ही कब पकड़ कर बैठे हैं यह समझकर कि वह फाइनल है उनके लिए यह प्रयास करना थोड़ा कठिन ज़रूर है |
वर्तमान में प्रचलित कुछ मुख्य नौकरियों निम्न है जिनका यहां पर ग्रहों की दृष्टि से विवेचन करते है |
सरकारी नौकरी - आईएएस तथा अन्य सिविल नौकरियो के लिए जातक की कुंडली में सूर्य गुरु, सूर्य मंगल, मंगल गुरु का लग्न
लग्नेश दशम दशमेश के साथ योग बने और यह ग्रह केंद्र त्रिकोण द्वितीय तृतीय एकादश में स्थित हो तो सरकारी नौकरी मिलने के योग बनते हैं | मंगल अगर उच्च राशि अथवा मित्र राशि का हो और उस पर सूर्य अथवा गुरु की दृष्टि हो तो सेना में नौकरी मिल सकती है | पुलिस की नौकरी के लिए मंगल शनि, मंगल केतु का योग कारक होता है |
इंजीनियरिंग में नौकरी सूर्य बुध केतु अथवा सूर्य बुध मंगल के योग केंद्र त्रिकोण द्वितीय तृतीय अथवा एकादश में बने तो इंजीनियरिंग क्षेत्र में जातक को सफलता मिलेगी | सूर्य शनि का योग सिविल इंजीनियरिंग, मंगल राहु का योग इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग,मंगल शनि का योग मैकेनिक इंजीनियरिंग में तथा मंगल शनि शुक्र का योग आर्किटेक्ट अथवा ऑटो इंजीनियरिंग में सफलता दिलाता है |
डॉक्टरी व्यवसाय – जब लग्नेश अष्टमेश का सूर्य शनि राहु के साथ संबंध बने और योग केंद्र त्रिकोण द्वितीय तृतीय और एकादश स्थान में बने तो व्यक्ति डॉक्टरी पेशे में नाम कमाता है | मंगल शनि राहु का योग भी डॉक्टर क्षेत्र से संबंधित है | पंचम मंगल केतु अच्छा सर्जन बनाते हैं |
न्यूज़पेपर व टीवी व्यवसाय- बुध शुक्र का पंचम भाव अथवा पंचमेष से योग केंद्र त्रिकोण द्वितीय तृतीय या एकादश में बने तो व्यक्ति उपरोक्त क्षेत्रों में सफलता हासिल कर सकता है |
अभिनेता या अभिनेत्री योग शुक्र का पंचम पंचमेश के साथ योग बनकर वह लग्न लग्नेश,दशम दशमेश को प्रभावित करता है तो इस क्षेत्र में सफलता मिलती है | यदि शुक्र उच्च में पंचम तृतीय या एकादश स्थान में भी है तो सफलता मिल सकती है |
संपादक योग - सूर्य बुध का योग केंद्र त्रिकोण में अथवा द्वितीय तृतीय एकादश में बने,लग्न लग्नेश
दशम दशमेश को प्रभावित करें तो व्यक्ति अच्छा संपादक बन सकता है |
शिक्षक योग - बृहस्पति ज्ञान का कारक है तथा इस बुध इस ज्ञान की डिलीवरी है और जब बृहस्पति और बुध का योग केंद्र त्रिकोण द्वितीय तृतीय एकादश में बने तो जातक अच्छा शिक्षक बन सकता है |
बैंकिंग व फाइनेंस - स्वराशि बृहस्पति केंद्र त्रिकोण तथा द्वितीय अष्टमेश
अथवा एकादश से संबंध बनाता हो बैंकिंग क्षेत्र में लाभ हो सकता है | गुरु शुक्र योग सूर्य
बृहस्पति योग भी ऐसा योग बनाते हैं गुरु शनि भी ऐसा योग बनाते देखे गए हैं |
होटल इंडस्ट्री - मंगल गुरु अथवा चंद्र गुरु,गुरु शुक्र का योग होटल
इंडस्ट्री का व्यक्ति को ले जाता है
फैशन डिजाइनिंग - तुला लग्न वाले अथवा जिन्हें केंद्र त्रिकोण में शुक्र उच्च
राशि अथवा मित्र राशि में हो तो और बुध अथवा चंद्र सहयोग बनाए तो वह व्यक्ति फैशन डिजाइनिंग में नाम कमाता है |
एडवोकेट योग - कुंडली में द्वितीय षष्ठेश का बृहस्पति शनि,शनि बुध से योग बने और यह योग केंद्र त्रिकोण द्वितीय तृतीय और एकादश भाव में हो तो जातक अच्छा वकील बन सकता है |
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