रविवार, 29 मई 2022

नवांश के भाव

नवांश कुंडली ना सिर्फ वैवाहिक जीवन को देखने के लिए उपयोगी होती हैं बल्कि ये हमारे भाग्य को भी बेहतरीन तरीके से बताती है |

विवाह के दृस्टिकोण से देखे तो नवांश के भाव अथवा घर हमे निम्न बाते बताते हैं |

पहला भाव – यह भाव हमारे विवाह की इच्छा को बताता हैं कुंडली का लग्न स्वामी नवांश मे जिस भाव मे जाता है वह भाव वैवाहिक जीवन के लगाव को देखने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण भाव बनता हैं । नवांश का लग्न स्वामी भी गुण मिलान मे काफी हद तक देखा जाना चाहिए |

दूसरा भाव – विवाह के बाद जातक विशेष के दाम्पत्य जीवन के साधन, वाणी, धन और संस्कारों से आप अपने वैवाहिक जीवन में क्या प्रभाव रखेंगे इस भाव से पता चलता हैं | यदि इस भाव मे पाप ग्रह जैसे मंगल और सूर्य हों तो पति पत्नी को संयुक्त रूप से पैसा अथवा बैंक खाता नहीं रखना चाहिए |

तीसरा भाव - वैवाहिक जीवन के लिए जातक किस तरह के प्रयास, साहस, पहल कर रहा हैं इस भाव से पता चलता हैं | तीसरा भाव और उसका स्वामी दूसरे विवाह को रोकने के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखता है |.

चौथा भाव - वैवाहिक जीवन से मिलने वाला सुख, आराम और मन की शांति आदि को इस भाव से देखा जाता हैं नैसर्गिक शुभ ग्रह यहां बहुत शुभता देते हैं जो विवाह के बाद घर के वातावरण को भी बहुत अच्छी तरह से दर्शाते हैं |

पाँचवां भाव - आपका अपने साथी के प्रति रोमांटिक झुकाव, आपकी रचनात्मक कौशल और आपकी आंतरिक बुद्धि इस पांचवे वें घर से देखी जाती है | इस भाव मे स्थित चंद्रमा या शुक्र दंपति को उत्कृष्ट रोमांटिक झुकाव प्रदान करते है |

छठा भाव – वैवाहिक जीवन मे  विघ्न, लड़ाई-झगड़े, विवाह द्वारा मुकदमेबाजी, विवाह के बाद लिए गए कर्ज या वैवाहिक जिम्मेदारियों के लिए लिया गया कर्ज, मालकिन आदि को इस भाव से देखा जा सकता है |

सातवां भाव – नवांश कुंडली के लग्न के बाद यह सबसे महत्वपूर्ण भाव होता है । इस भाव से संगतता, रसायन शास्त्र, साहचर्य की जांच की जा सकती हैं । लग्न और लग्न के बाद 7 वां भाव और उसके स्वामी गुण मिलान  के लिए सबसे महत्वपूर्ण है होते हैं

अष्टम भाव - इस भाव से संयुक्त धन, वैवाहिक जीवन में परिवर्तन/उतार-चढ़ाव, गुप्त मामले, घोटाले,वैवाहिक संबंध,धोखे तथा  ससुराल वालों से संबंध आदि देखे जाते हैं ।

नवम भाव -  ग्रहस्थ अथवा दाम्पत्य जीवन से आपके धार्मिक और दार्शनिक मूल्यों का विकास होता है भाग्य का उदय और यात्रा के अवसर भी इस भाव से देखे जा सकते हैं । यदि किसी के नौवें घर में केतु/बृहस्पति है, तो पति पत्नी को एक साथ तीर्थ/धार्मिक स्थानों पर जाना सुखी वैवाहिक जीवन प्रदान करता हैं |

दसवां घर - आपका नाम, प्रसिद्धि, स्थिति जो आप विवाह के बाद से होती हैं आपकी जिम्मेदारी और कर्म प्रसिद्धि और नाम आदि इस भाव से देखा जाता है | यह दुनिया के बीच आपके वैवाहिक जीवन का एक बाहरी दृश्य है ।

ग्यारहवा घर - विवाह के द्वारा लाभ और विवाह से संबन्धित इच्छित कामनाओ की पूर्ति,जीवन साथी से संतुष्टि आदि इस ग्यारहवे भाव से देखी जाती है इस भाव मे शुभ ग्रह विवाह मे शुभता प्रदान करते हैं इसी भाव से आपके विवाह बाद के मित्र, विवाह के बाद बना नेटवर्क सर्कल आदि भी देखा जाता हैं |

बारहवा भाव – इस भाव से विवाह के बाद इच्छा हानि, खर्चे, विदेश भ्रमण देखा जाता है इसी भाव से जातक विशेष की भक्ति और आध्यात्मिक प्रकृति को देखा जाता है |

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