शनिवार, 14 मई 2022

रुद्राक्ष और मनोकामना

प्रस्तुत लेख को आप विडियो के माध्यम से भी देख सकते हैं जिसका लिंक दिया गया हैं |https://youtu.be/ZdMxMpn66EQ 

रुद्राक्ष के चमत्कारी प्रभाव से सभी भली - भाँति परिचित हैं, यह शिव का साक्षात प्रतीक है । रुद्राक्ष के द्वारा हम अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति शीघ्रता से एवं आसानी से कर सकते हैं ।

विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति रुद्राक्ष से किस प्रकार करें, यह प्रस्तुत लेख में स्पष्ट किया गया है

भाग्योदय - भाग्योदय के लिए आपको अपनी राशि अथवा लग्न के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने चाहिए । इस हेतु निम्नलिखित तालिका का उपयोग किया जा सकता है |

लग्न अथवा राशि - मुखी रुद्राक्ष

मेष 1, 3 और 5

वृषभ 4, 6 और 14

मिथुन 4, 5 और 13

कर्क 3, 5 और गौरी - शंकर

सिंह 1, 3 और 5

कन्या 4,5 और 13

तुला 4, 6 और 14

वृश्चिक 3, 5 और गौरी - शंकर

धनु 1, 3 और 5

मकर 4, 6 और 14

कुभ 4, 6 और 14

मीन 3,5 और गौरी - शंकर

आर्थिक समृद्धि हेतु - आर्थिक समृद्धि के लिए रुद्राक्ष रत्नों की तरह प्रभावशाली हैं । आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए एकमुखी एवं ग्यारह मुखी गौरी - शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए । इसके प्रभाव से आय में वृद्धि के साथ - साथ श्वर्यपूर्ण वस्तुओं के उपभोग में भी वृद्धि होती है ।

मनोनुकूल विवाह हेतु - मनोनुकूल विवाह के लिए रुद्राक्ष धारण करना उपयोगी रहता है । इस मनोकामना की पूर्ति के लिए आप गौरी -शंकर रुद्राक्ष के साथ - साथ पाँच एवं छह मुखी रुद्राक्ष भी धारण करें । रुद्राक्षों के धारण करने से जिन जातकों के विवाह में विलम्ब हो रहा है उनका शीघ्र विवाह होता है तथा विवाह मनोनुकूल जीवनसाथी से होता है ।

दाम्पत्य सुख हेतु - विवाह के पश्चात् दाम्पत्य जीवन में सुख का अनुभव नहीं हो रहा है, जीवनसाथी से लगातार अनबन रहती हो, तो इसके निवारण के लिए पति - पत्नी को ग्यारहमुखी गौरी - शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए । इनके साथ ब्ल्यूटोपाज रत्न धारण करने से शीघ्र प्रभाव पड़ता है ।

अध्ययन मे एकाग्रता लाने हेतु - विद्यार्थियों के लिए अध्ययन में एकाग्रता लाना सफलता की प्रथम शर्त होती है,अध्ययन में एकाग्रता के लिए रुद्राक्ष की शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है । इस हेतु आप गणेश रुद्राक्ष धारण करें ।

प्रतियोगिता परीक्षाओं में फलता प्राप्ति हेतु - आधुनिक युग में युवाओं के लिए प्रतियोगिता परीक्षाएँ कैरियर को निर्धारित करने का एकमात्र साधन हैं । प्रतियोगिता परीक्षाओं में उच्च स्थान लाना ही सफलता की शर्त है इस हेतु आपको एकमुखी और गणेश रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ।

संतान प्राप्ति हेतु - निःसंतान दम्पतियों के लिए गर्भगौरी रुद्राक्ष वरदान है । इस रुद्राक्ष के धारण करने से माता गौरी की कृपा से शीघ्र ही मनोकामना की पूर्ति होती है । यदि गर्भगौरी रुद्राक्ष के 32 दानों की माला धारण की जाए, तो शीघ्र प्रभावकारी होती है ।

रोगों में लाभ हेतु - कई प्रकार के रोगों में रुद्राक्ष की लाभदायकता को डॉक्टर भी मानने लगे हैं । रक्तचाप की अनियमितता, हृदयरोग,मनोरोग आदि में रुद्राक्ष धारण करवाया जाता है ।


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