प्रस्तुत लेख को आप विडियो के माध्यम से भी देख सकते हैं जिसका लिंक दिया गया हैं |https://youtu.be/ZdMxMpn66EQ
रुद्राक्ष के चमत्कारी प्रभाव से सभी भली - भाँति परिचित हैं, यह शिव का साक्षात प्रतीक है । रुद्राक्ष के द्वारा हम अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति शीघ्रता से एवं आसानी से कर सकते हैं ।
विभिन्न
मनोकामनाओं की पूर्ति रुद्राक्ष से किस प्रकार करें, यह प्रस्तुत लेख
में स्पष्ट किया गया है
भाग्योदय - भाग्योदय
के लिए आपको अपनी राशि अथवा लग्न
के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने चाहिए । इस हेतु निम्नलिखित तालिका का उपयोग किया
जा सकता
है |
लग्न अथवा राशि - मुखी रुद्राक्ष
मेष 1, 3 और
5
वृषभ 4,
6 और 14
मिथुन 4,
5 और 13
कर्क 3,
5 और गौरी - शंकर
सिंह 1,
3 और 5
कन्या 4,5 और 13
तुला 4,
6 और 14
वृश्चिक 3,
5 और गौरी - शंकर
धनु 1, 3 और
5
मकर 4, 6 और 14
कुभ 4, 6 और
14
मीन 3,5 और
गौरी - शंकर
आर्थिक समृद्धि
हेतु - आर्थिक समृद्धि के लिए रुद्राक्ष रत्नों की तरह
प्रभावशाली हैं । आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए एकमुखी एवं ग्यारह मुखी गौरी -
शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए । इसके प्रभाव से आय में वृद्धि के साथ - साथ ऐश्वर्यपूर्ण वस्तुओं के उपभोग में भी
वृद्धि होती है ।
मनोनुकूल विवाह
हेतु - मनोनुकूल विवाह के लिए रुद्राक्ष धारण करना उपयोगी रहता है । इस मनोकामना की पूर्ति के लिए आप गौरी -शंकर
रुद्राक्ष के साथ - साथ पाँच एवं छह मुखी रुद्राक्ष भी धारण करें । रुद्राक्षों के
धारण करने से जिन जातकों के विवाह में विलम्ब हो रहा है उनका शीघ्र विवाह होता है
तथा विवाह मनोनुकूल जीवनसाथी से होता है ।
दाम्पत्य सुख हेतु - विवाह के
पश्चात् दाम्पत्य जीवन में सुख का अनुभव नहीं हो रहा है, जीवनसाथी
से लगातार अनबन रहती हो, तो इसके निवारण के लिए पति - पत्नी को
ग्यारहमुखी गौरी - शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए । इनके साथ ब्ल्यूटोपाज रत्न
धारण करने से शीघ्र प्रभाव पड़ता है ।
अध्ययन मे एकाग्रता लाने हेतु - विद्यार्थियों
के लिए अध्ययन में एकाग्रता लाना सफलता की प्रथम शर्त होती है,अध्ययन में
एकाग्रता के लिए रुद्राक्ष की शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है । इस हेतु आप गणेश
रुद्राक्ष धारण करें ।
प्रतियोगिता
परीक्षाओं में सफलता
प्राप्ति हेतु - आधुनिक युग में युवाओं के लिए प्रतियोगिता
परीक्षाएँ कैरियर को निर्धारित करने का एकमात्र साधन हैं । प्रतियोगिता परीक्षाओं में
उच्च स्थान लाना ही सफलता की शर्त है इस हेतु आपको एकमुखी और गणेश रुद्राक्ष धारण
करना चाहिए ।
संतान प्राप्ति
हेतु - निःसंतान दम्पतियों के लिए गर्भगौरी रुद्राक्ष
वरदान है । इस रुद्राक्ष के धारण करने से माता गौरी की कृपा से शीघ्र ही मनोकामना
की पूर्ति होती है । यदि गर्भगौरी रुद्राक्ष के 32 दानों की माला
धारण की जाए, तो शीघ्र प्रभावकारी होती है ।
रोगों में लाभ
हेतु - कई प्रकार के रोगों में रुद्राक्ष की लाभदायकता को डॉक्टर भी मानने लगे हैं
। रक्तचाप की अनियमितता, हृदयरोग,मनोरोग आदि में
रुद्राक्ष धारण करवाया जाता है ।
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