गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

दशम भाव शनि के विचित्र फल -2

 2)यह जातक को धार्मिक प्रवृति देता हैं |

1)स्वामी विवेकानंद 12/1/1863 6:13 कलकत्ता धनु लग्न की पत्रिका मे शनि चन्द्र संग दसवे भाव मे कन्या राशि का हैं सभी जानते हैं की ये अविवाहित थे तथा इन्होने आजीवन सन्यासी का जीवन जिया तथा इनके धर्म शास्त्र व अध्यात्म का लोहा आज भी पूरा विश्व मानता हैं कम आयु के चलते इन्हे अपने जीवन काल मे शनि की दशा नहीं मिली थी,4/7/1902 को इनकी मृत्यु हो गयी थी |  

2)स्वामी श्री शील प्रभूपाद 1/9/1896 15:45 कलकत्ता,मकर लग्न मे जन्मे श्री प्रभुपाद की पत्रिका मे शनि तुला राशि का होकर दसवे भाव मे हैं | इन्होने अपना धार्मिक व आध्यात्मिक जीवन इसी शनि की दशा 1935-1954 मे शुरू किया था तथा बाद मे ये कृष्ण भक्ति के लिए मशहूर “इस्कॉन” नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के संस्थापक बने आज सारी दुनिया मे इनकी संस्थान के बहुत से कृष्ण मंदिर हैं |

3)नरेंद्र मोदी जी 17/9/1950 11:35 वदनगर भारत की वृश्चिक लग्न की पत्रिका में देखें तो शनि सिंह राशि के दशम भाव में है तथा इन्हे शनि महादशा जन्म से लेकर 1960 तक ही मिली जिस दौरान इन्हें पिता के साथ चाय बेचनी पड़ी तथा 8 वर्ष की अवस्था से ही यह राष्ट्रीय सेवक संघ नामक संस्था से जुड़ गए और इनका धार्मिक जीवन आरंभ हो गया था,इस दशम भाव के शनि ने तृतीयेश चतुर्थेश होकर मातृभूमि अथवा भारत भूमि से इनके लगाव को पूरे विश्व भर में दर्शाया है बल्कि इनके धार्मिक व आध्यात्मिक जीवन का कायल भी पूरी दुनिया को बनाया हैं वर्तमान समय में ये ना सिर्फ देश के दूसरी बार प्रधानमंत्री हैं बल्कि पूरे विश्व में भी इनकी लोकप्रियता का डंका बज रहा  है |

इनके अतिरिक्त ऐसा हम गौतम बुध 14/4/623 ईसा पूर्व 12:00 कर्क लग्न,संत मोहम्मद साहब 20/4/571 1:10 कुम्भ लग्न  की पत्रिका  मे भी देख सकते हैं |

 

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