आत्मकारक ग्रह और आपका स्वभाव
आत्माकारक सूर्य
1)सूर्य के आत्मकारक होने पर व्यक्ति के मुख पर तेज और रोज होता है उसकी वाणी ओजस्वी होती है व्यक्ति विवेकशील होता है स्मरण शक्ति अच्छी होती है मान सम्मान के मामले में अति संवेदनशील
होता
है
परंतु
क्रोधी
भी
होता
है
|
सूर्य यदि जातक विशेष का आत्मकारक ग्रह सूर्य हो तो जातक को अपने अहम को नियंत्रित करना आना चाहिए और उसे मानवता का अभ्यास करना चाहिए जिस प्रकार श्री कृष्ण ने किया था वह जानते थे कि वह भगवान विष्णु के अवतार हैं उसके अतिरिक्त वह हमेशा विनम्र और दयालु बने रहे |
सूर्य प्राकृतिक राजा माना गया है जो दुनिया भर में राज करना चाहता है तथा नेतृत्व के गुण लेकर चलता है आपको इन्हीं गुणों को संभाल कर चलना होता है ऐसे जातक को संगीत का अवश्य ही लगाव होता है |
ऐसे जातक कोई ना कोई संगीत में वाद्य यंत्र बजाने का प्रयास करते हैं तो इनकी ऊर्जा सही दिशा में चली जाती है अन्यथा वह नकारात्मक रूप भी ले सकती है जिससे विनाश भी हो सकता है वाद्य यंत्रों का संगीत इन लोगों को नई ताजगी देता है तथा यह राशि की प्रकृति पर निर्भर करता है जिसे हम अलग-अलग वाद्य यंत्रों से जान सकते हैं अग्नि राशियां तरंगों से संबंधित वाद यंत्र जैसे कि सितार गिटार वायलेंन बताता है जबकि पृथ्वी राशियां ड्रम और वायु राशियों ट्रंपट तथा बांसुरी बताती है |
ऐसे जातकों को पिता की सेवा अथवा देखभाल करना अच्छा भाग्य एवं अच्छी आध्यात्मिकता प्रदान करती है।
1)रजनीकान्त 12/12/1950 23:55 बंगलोर सिंह लग्न |
2)विवेकानंद 12/1/1863 6:33
कलकत्ता धनु लग्न |
3)अमिताभ बच्चन 11/10/1942 16:02 इलाहाबाद कुम्भ लग्न |
4)लाल बहादुर शास्त्री 9/10/1904 11:17 वाराणसी धनु लग्न |
5)के एन राव 12/10/1931 7:55 मच्छलिपटनम तुला लग्न |
6)मेडोना 16/8/1958
7:05 बे सिटी सिंह लग्न |
सूर्य आत्माकारक होकर गुरु से युति या दृस्टी बनाए तो जातक मठ का मुखिया होता हैं (कृष्ण व ओशो
रजनीश) आमिर खान,राज कपूर,बिड़ला,जगमोहन डालमिया,अब्दुल कलाम,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें