बार बार जलपान करने से,दिन में सोने से,स्त्री प्रसंग करने से,रोने से,क्रोध करने से,परान्न भोजन करने से,बहुभाषण करने से, झूठ बोलने से, लडाई झगडा करने से,दोषारोपण करने से,किसी को सताने से,अत्यधिक स्नेह मोह व प्रेम दिखाने से,आवशयकता से अधिक व्रत करने से,तथा व्रत काल में भोजन करने से व्रत नष्ट हो जाता हैं|
व्रत कब नष्ट नही होता-सभी प्रकार के ऋतू फल,दूध एवं दूध से बने पदार्थसे बने भोज्य पदार्थ ग्रहण करने से,हवन व पूजन पदार्थो के छू जाने से,विद्वान् वृद्धजन की इच्छा वचन का,गुरु की आज्ञा का पालन करने से तथा ज़रूरत पड़ने पर औषधि सेवन से व्रत नष्ट नही होता हैं |
व्रत करते समय यदि उचित वस्त्र, गंध,पुष्प व अन्य सामग्री ना होने पर,व भोजन में भी निश्चित भोज्य सामग्री उपलब्ध ना होने पर भी व्रत खंडित नही होता हैं |
1 टिप्पणी:
Aacharyaji! Bahut acchi lagti hain aapke gyanprad baate.
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