आयेश - धनेश बुध
की अष्टम भाव में अस्तंगत स्थिति काले धन की अर्थव्यवस्था में वृद्धि का संकेत दे
रही है, तो
वहीं देश की आर्थिक विकास दर एवं प्रतिव्यक्ति आय में अपेक्षानुरूप वृद्दि ना होने के संकेत भी दे रही हैं |
इस प्रकार
अर्थव्यवस्था की दृष्टि से अच्छे संकेत नहीं मिल रहे हैं । इस अवधि में विदेशी
व्यापार में भी उतार-चढाव देखने को मिल सकते हैं । अन्तरराष्ट्रीय परिदृश्य में
बदलाव के चलते भी अर्थ व्यवस्था प्रभावित हो सकती है । इस वर्ष शेयर मार्केट में
भी अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं । महँगाई में वृद्धि भी वर्ष पर्यन्त
रहने की सम्भावना है, तो
वहीं भ्रष्टाचार आदि में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है ।
तृतीयेश-दशमेश
शुक्र का लग्नेश सूर्य के साथ युति सम्बन्ध अच्छा माना जाता है, परन्तु यह युति
सम्बन्ध अष्टम भावगत होने से तथा शुक्र के अस्तंगत होने से इसके अपेक्षानुरूप प्रतिफलों
की प्राप्ति होना कठिन ही है । सरकार की पहल करने की क्षमता उसके साहस एवं निर्णय
लेने की क्षमता में कमी देखने को मिल सकती है |सरकार से
अपेक्षानुरूप शासन-प्रशासन नहीं होने से भी व्यवस्थाएँ असंतुलित हो सकती है ।
अष्टम भाव में
पंचग्रही युति के चलते सीमाओं पर तनाव एवं घुसपैठ की घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं
|
सप्तम भाव में कुम्भ राशि और उसमें शनि की उपस्थिति पड़ोसी देशों के साथ अच्छे
सम्बन्ध बनाए रखने में बाधक दिखाई दे रही है ।
चतुर्थेश मंगल
की एकादश भाव में उपस्थिति रिअल सेक्टर के लिए कुछ अच्छा संकेत माना जा सकता है ।
इस सेक्टर में तेजी देखने को मिल सकती है । साथ ही, प्रॉपर्टी की
कीमतों में भी वृद्धि दिखाई दे सकती है । बिजली एवं अन्य आधारभूत संरचनाओं में यह
सुदृढ़ता का भी संकेत है |
दशम भाव में गुरु की उपस्थिति सरकार की लोककल्याणकारी नीतियों में
वृद्धि का संकेत भी कर रही है।
अष्टम भाव में
पंचग्रही युति प्राकृतिक
आपदाओं का भी संकेत कर रही है । इसके अतिरिक्त सरकार को सीमाओं पर ध्यान रखने की
भी चेतावनी दे रही है । साथ ही, कानून और व्यवस्था के समक्ष बड़ी चुनौतियों तथा
साइबर क्राइम में वृद्धि,
सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि तथा नशा एवं
मादक द्रव्यों की तस्करी और सीमापार से अपराधों में वृद्धि देखने को मिल सकती है ।
कुल–मिलाकर
नवसंवत्सर की यह कुण्डली राजनीति, अर्थव्यवस्था, महँगाई, कानून और
व्यवस्था तथा सीमा के सम्बन्ध में चेतावनी दे रही है, तो वहीं आधारभूत
संरचना एवं लोककल्याणकारी नीतियों के सम्बन्ध अच्छा संकेत दे रही है ।
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