गुरुवार, 20 मार्च 2025

कैसा रहेगा मीन का शनि मिथुन राशि के लिए

मिथुन राशि (का, की, कू, , , , के, को, हा)

मिथुन राशि वालों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर बेहतर रहने की संभावना है । पिछली अवधि में जो बाधाएँ और समस्याएँ दिखाई दे रही थीं, वे अब कुछ हद तक कम हो सकती हैं हालांकि, कॅरिअर और घरेलू मामलों में कुछ चुनौतियाँ बनी रह सकती हैं |

मीन राशि में दशम भाव में गोचर करता हुआ शनि अपनी तीसरी पूर्ण दृष्टि से द्वादश भाव को देखता है, जिसके फलस्वरूप मिथुन राशि वाले व्यक्तियों के लिए कार्यों में अवरोध, खर्चों में वृद्धि एवं शत्रुजनित समस्याओं में वृद्धि के कारण परेशानी हो सकती है साथ ही, स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है यदि आप दीर्घकालिक रोगों से ग्रस्त हैं, तो इन दिनों सावधानी रखने की आवश्यकता है विशेषकर राशि परिवर्तन के आरम्भिक तीन-चार महीनों में।

मिथुन राशि से दशम भाव में गोचर करता हुआ शनि अपनी सप्तम पूर्ण दृष्टि से चतुर्थ भाव को देखता है, जिसके फलस्वरूप पारिवारिक क्लेश एवं समस्याओं में वृद्धि होती है । माता एवं अन्य परिजनों के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता हो सकती है साथ ही, जातक स्वयं हृदय, छाती आदि रोगों से प्रभावित हो सकता है ।

मिथुन राशि के जातकों के लिए मीन राशि में गोचर करता हुआ शनि अपनी दशम दृष्टि से सप्तम भाव को देखता है, जिसके फलस्वरूप एक ओर जहाँ जीवनसाथी और बिजनेस पार्टनर से सम्बन्धित रिश्तों के सम्बन्ध में कुछ परेशानी हो सकती हैं वहीं दूसरी ओर उदर एवं यूरोलॉजी से सम्बन्धित कुछ समस्याएँ भी परेशान कर सकती हैं।

स्वास्थ्य : इस गोचरावधि में स्वास्थ्य मिश्रित प्रभाव देने वाला रहेगा । हालाँकि कोई गम्भीर स्वास्थ्य समस्या नहीं दिखाई दे रही है, फिर भी हृदय और छाती से सम्बन्धित समस्याओं वाले लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। शारीरिक और मानसिक तनाव में कमी आएगी और स्वास्थ्य सामान्यतः अच्छा बना रहेगा |

पारिवारिक सुख पारिवारिक जीवन में यह अवधि बहुत अनुकूल नहीं है। घरेलू कलह और तनाव हो सकते हैं। माता-पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रह सकती है। पैतृक सम्पत्ति से जुड़े विवाद उभर सकते हैं। परिवार के सदस्यों से दूरी बन सकती है और जीवनसाथी से जुड़ी कोई समस्या परेशान कर सकती है।

आर्थिक स्थिति : आर्थिक दृष्टि से यह गोचरावधि मिश्रित परिणाम देने वाली है। खर्चों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन आय के स्रोतों से नियमित आमदनी होगी कर्ज बोझ कुछ हद तक कम होगा। भूमि और सम्पत्ति में किए गए निवेश से पिछली अवधि की तुलना में बेहतर परिणाम मिलने की संभावना है। हालाँकि, पैतृक सम्पत्ति को लेकर विवाद हो सकते हैं।

कॅरिअर और नौकरी : कॅरिअर के लिहाज से यह अवधि मिश्रित प्रभाव वाली है। कार्यस्थल पर अनुकूल माहौल न होने के कारण तनाव हो सकता है। उच्चाधिकारियों के साथ मतभेद या तनाव की स्थिति सकती है। इस अवधि में दूसरों पर अधिक भरोसा न करें और नियमों का पालन करते हुए समय पर काम पूरा करने का प्रयास करें। लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करना जरूरी है, क्योंकि लापरवाही नुकसानदायक हो सकती है।

कैसा रहेगा मिथुन राशि वाले जातकों का व्यवसाय?

मिथुन राशि के लिए शनि का दशम भाव में गोचर विशेष रूप से कार्य, जीवन और व्यवसाय पर प्रभाव डालने वाला होता है । इसके परिणामस्वरूप कार्यस्थल पर शारीरिक परिश्रम में वृद्धि होगी । ऐसे कार्य करने पड़ सकते हैं, जिनमें मजदूरों या अन्य व्यक्तियों से सीधा सम्पर्क रहेगा । ऐसे कामों में सफलता मिलने की सम्भावना अधिक है, जिनमें मेहनत की अधिक आवश्यकता हो । जितना आप मेहनत से दूर रहेंगे, उतनी ही कठिनाइयाँ और अवरोध उत्पन्न होंगे |

शनि की तीसरी दृष्टि द्वादश भाव पर पड़ रही है, जिससे इस अवधि में खर्चों में वृद्धि हो सकती है शनि के प्रभाव से शत्रुओं और प्रतिस्पर्धियों से भी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं खासतौर पर व्यवसाय में आन्तरिक समस्याएँ उभर सकती हैं और सरकारी निर्णयों के कारण खर्चों में वृद्धि हो सकती है । इस समय टैक्स सम्बन्धी मामलों में लापरवाही न बरतें, क्योंकि इससे आर्थिक नुकसान हो सकता है और कानूनी दण्ड भी भुगतना पड़ सकता है ।

दशमस्थ शनि की चतुर्थ भाव पर दृष्टि के परिणामस्वरूप पारिवारिक कारणों से व्यवसाय में रुकावट उत्पन्न हो सकती है । दूसरी ओर, व्यावसायिक व्यस्तताओं के कारण घर में भी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जो आपकी मानसिक शान्ति को प्रभावित कर सकती है । इस अवधि में स्थायी सम्पत्ति के मामलों में विवाद की सम्भावना या  फिर सम्पत्ति सम्बन्धी कोई चिन्ता आपको परेशान कर सकती है ।

सप्तम भाव पर शनि की दृष्टि का प्रभाव जीवनसाथी और साझेदारों के साथ आपके सम्बन्धों को प्रभावित करेगा। जीवनसाथी की सक्रियता आपके व्यवसाय में बढ़ सकती है, लेकिन इसके साथ ही साझेदारों और स्थायी सप्लायर्स- ग्राहकों के साथ सामंजस्य स्थापित करने में कुछ कठिनाई हो सकती है । इस समयावधि में आपको अपने रिश्तों पर ध्यान देने की आवश्यकता है और विशेष रूप से किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचने का प्रयास करना चाहिए।

राहतकारी उपाय : जन्मराशि से दशम भाव में शनि गोचर पूरी तरह से शुभ नहीं है इसलिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

सातमुखी रुद्राक्ष धारण करें ।

पीपल के वृक्ष पर प्रतिदिन जल चढ़ाएँ और शनिवार को तेल का दीपक जलाएँ।

प्रतिदिन अपने घर के बुजुर्ग सदस्यों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें ।  

रोगियों और वृद्धों की सेवा करें ।

 

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