तुला राशि
रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते
शनि का मीन राशि
में गोचर तुला राशि के जातकों के लिए उनकी जन्मराशि से छठे भाव में रहेगा । छठे
भाव में शनि का गोचर सामान्यतः शुभ माना जाता है । जन्मराशि से छठा शनि शुभ एवं
लाभकारी समय लेकर आ रहा है यह समय आपके
स्वास्थ्य,पारिवारिक
सुख, आर्थिक
स्थिति और कॅरिअर के लिए अधिक समृद्ध और सुखमय रहेगा |
छठे भाव में
स्थित शनि अपनी तीसरी पूर्ण दृष्टि से अष्टम भाव को देखेगा, जिसके चलते
स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में राहत मिलेगी । आर्थिक हानि एवं दुर्घटना से
सम्बन्धित फलों को विराम मिलेगा तथा कार्यों में आ रहे अवरोध दूर होंगे । अष्टम
भाव पर उसकी दृष्टि के प्रभाव से एक ओर जहाँ नौकरी एवं कॅरिअर में आ रही समस्याएँ
दूर होंगी, तो
वहीं दूसरी ओर विदेश अथवा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नए अवसर प्राप्त होंगे |
तुला राशि वाले
जातकों के लिए षष्ठ भावस्थ शनि अपनी पूर्ण दृष्टि से द्वादश भाव को देखेगा, जिसके प्रभाव से
जातक को जन्मस्थान से दूर अथवा विदेश में नए अवसरों की प्राप्ति होगी । स्वास्थ्य
अच्छा होगा तथा अनावश्यक खर्चों पर नियन्त्रण सम्भव होगा । शत्रुओं से सम्बन्धित समस्याओं
में भी राहत मिलेगी ।
षष्ठ भावस्थ शनि
अपनी दशम दृष्टि से तृतीय भाव को देखेगा, जिसके चलते साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी ।
आलस्य दूर होगा तथा कर्मठता में वृद्धि होगी |परिश्रम करने की
प्रवृत्ति बढ़ेगी। हालाँकि शनि की इस दृष्टि से भाई-बहिनों से सम्बन्धित कोई
चिन्ता या परेशानी हो सकती है, परन्तु कॅरिअर एवं आपकी प्रवृत्तियों के
सम्बन्ध में इसके प्राय: अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे |
स्वास्थ्य में 'सुधार : शनि का
मीन राशि में गोचर स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संकेत लेकर आया है ।
पिछले समय में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से जूझ रहे जातकों के लिए यह गोचर
राहतकारी साबित होगा। यदि आपको पुराने रोगों या दीर्घकालिक बीमारियों से जूझने का
सामना करना पड़ा था, तो
इस गोचर के दौरान इनमें सुधार देखा जा सकता है ।
पारिवारिक सुख
और सम्बन्ध : पारिवारिक सुख में भी मीन राशि में शनि का गोचर तुला राशि के जातकों
के लिए शुभ रहेगा। पिछले कुछ समय में यदि पारिवारिक जीवन में तनाव या समस्याएँ रही
थीं, तो
अब वे समाप्त हो सकती हैं । शनि का मीन राशि में गोचर परिवार के सम्बन्धों को
बनाएगा और आप अपने घर-परिवार में सुख और शांति का अनुभव करेंगे । आपकी सन्तान
सम्बन्धी कोई खुशी की खबर भी इस दौरान मिल सकती है । परिवार में मान-सम्मान और
सामाजिक स्थिति में सुधार आएगा, जिससे घर में सकारात्मक वातावरण बनेगा,जीवनसाथी के साथ
आपके सम्बन्धों में भी मधुरता आएगी
|
आर्थिक स्थिति
में सुधार : शनि का मीन राशि में गोचर आर्थिक दृष्टिकोण से भी आपके लिए शुभ है ।
आय के स्रोतों में वृद्धि होगी और जो धन पिछले समय में अटका हुआ था, वह इस गोचर अवधि
में प्राप्त होने के संकेत हैं । निवेश से भी अच्छा लाभ मिलने की संभावना है, विशेष रूप से उन
निवेशों से, जो
आपने पहले किए थे। स्थायी सम्पत्ति प्राप्ति के भी योग बन रहे हैं । भूमि-भवन, प्रॉपर्टी या
अन्य ऐसी संपत्तियों में निवेश करने के अवसर मिल सकते हैं । यदि आप शेयर म्यूचुअल
फण्ड या क्रिप्टो करेंसी में निवेश करते हैं, तो आपको लाभ हो सकता है ।
नौकरी और करियर
में सफलता : नौकरी पेशा जातकों के लिए यह समय बहुत ही लाभकारी रहेगा,शनि के मीन राशि
में गोचर के दौरान प्रमोशन,
वेतन वृद्धि और मनचाहे स्थान पर स्थानांतरण होने के योग बन रहे हैं ।
यदि आपने अपनी नौकरी में कुछ नया करने की योजना बनाई है, तो अब उस दिशा
में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं । कार्यस्थल पर आपके कार्यों की सराहना की जाएगी
और उच्चाधिकारियों से आपके सम्बन्धों में 'सुधार आएगा। यदि आप विदेश में काम करने का
विचार कर रहे हैं, तो
यह समय आपके लिए शुभ हो सकता है । विदेश में नौकरी मिलने की संभावना या स्थान
परिवर्तन की सम्भावना इस समय प्रबल हो सकती है ।
कैसा रहेगा तुला
राशि वाले जातकों का व्यवसाय ?
तुला राशि के
व्यवसायियों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर शुभ फल देने वाला हो सकता है । शनि
इस गोचर के दौरान तुला राशि से छठे भाव में रहेगा, जो सामान्यतः एक
लाभकारी स्थिति मानी जाती है,छठे भाव से शनि का गोचर व्यावसायिक दृष्टिकोण
से कई सकारात्मक प्रभाव डालता है । इस दौरान व्यवसाय में चल रही विभिन्न बाधाएँ
दूर होने की संभावना है,
जिससे व्यापार के संचालन में सुगमता आएगी । व्यापार विस्तार के लिए
बनाई गई योजनाएँ भी साकार हो सकेंगी और इन्हें लागू करने का उचित समय होगा । इस
गोचर से व्यवसाय में वृद्धि होगी और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। धनलाभ की दर
तुलनात्मक रूप से अधिक बढ़ेगी और व्यवसाय में सफलता के नए अवसर सामने आएँगे ।
कुल-मिलाकर शनि का यह गोचर तुला राशि के व्यवसायियों के लिए समृद्धि और व्यापारिक
उन्नति का समय साबित हो सकता है ।
मीन राशि से ये
शनि न केवल छठे भाव को, बल्कि
अष्टम, द्वादश
और तृतीय भाव को भी प्रभावित करेगा । छठे भाव में शनि का होना आमतौर पर कर्ज में
कमी लाने वाला होता है । साथ ही, कानूनी मामलों में राहत मिल सकती है और सरकारी
फैसलों के साथ जुड़े मामले भी पक्ष में सुलझ सकते हैं । इस दौरान कर्मचारियों, सहकर्मियों या
अन्य व्यापारिक सहयोगियों से अपेक्षित सहायता मिलने की संभावना है । व्यवसाय में
विभिन्न प्रकार के सहयोग से व्यापार में विस्तार हो सकता है ।
अष्टम भाव पर
शनि की दृष्टि विदेशों से जुड़े व्यापारिक अवसर उत्पन्न कर सकती है । विदेशी
कंपनियों से सम्पर्क साधने के नए रास्ते खुल सकते हैं । यदि आप किसी नये उत्पाद या
खोज के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, तो इस अवधि में पेटेंट या कॉपीराइट से जुड़ी
कानूनी प्रक्रिया भी सफल हो सकती है । अष्टम पर शनि की दृष्टि से कुछ कठिनाइयाँ भी
उत्पन्न हो सकती हैं, विशेष
रूप से वसीयत से जुड़ी सम्पत्ति के मामलों में उलझनें आ सकती हैं, जिन्हें सुलझाने
में समय और ध्यान देना पड़ेगा ।
द्वादश भाव पर
शनि की दृष्टि कुछ हद तक खर्चों में वृद्धि का कारण बन सकती है, लेकिन यदि आप इस
दौरान धर्म, सेवा
और परोपकार के कार्यों में धन का योगदान करते हैं, तो इससे शनि के
शुभ प्रभाव मिल सकते है |
तृतीय भाव पर
शनि की दृष्टि आपके साहस और उद्यमिता को बढ़ाएगी। इस दौरान आपके आत्मविश्वास में
वृद्धि होगी और आप अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित होंगे । आपके भीतर पहल करने की
क्षमता जाग्रत होगी और कठिन परिस्थितियों में भी आपकी मेहनत रंग लाएगी ।
राहतकारी उपाय : शनि के मीन राशि में गोचर के
दौरान निम्नलिखित उपायों को अपनाने से आप शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं :
पाँच कैरेट अथवा
उससे अधिक वजन का नीलम शनिवार अथवा किसी शुभ मुहूर्त में दाहिने हाथ मध्यमा अँगुली
में धारण करना चाहिए |
शनि के मन्त्र ॐ
प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः' का जप करें ।
रोगियों और
वृद्धों की सेवा करें अथवा घर
के बुजुर्गों का प्रतिदिन आशीर्वाद ले |
भगवान शिव और
हनुमान जी की पूजा करे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें