वृषभ राशि (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो)
वृषभ राशि वालों
के लिए शनि का मीन राशि में गोचर उनकी जन्मराशि से ग्यारहवें भाव में रहेगा, जो कि सफलता और
उन्नतिकारक माना जाता है । पिछले समय में जिन परिस्थितियों ने कॅरिअर आर्थिक
स्थिति और पारिवारिक जीवन में परेशानियाँ उत्पन्न की थीं, अब उनमें सुधार होने की सम्भावना है ।
अब भाग्य का साथ मिलने के कारण कार्यों में सफलता मिलेगी और आर्थिक स्थिति में भी
सुधार होने लगेगा ।
एकादश भाव में
गोचर कर रहे इस शनि
की तृतीय दृष्टि चन्द्र लग्न पर रहेगी, जिसके प्रभाव से आत्मविश्वास में वृद्धि होकर परिश्रम करने की
प्रवृत्ति बढ़ेगी । वृषभ लग्न में शनि योगकारक होता है और उसकी लग्न पर दृष्टि
कॅरिअर के सम्बन्ध में भी सहायक रहती है । जातक को शनि से सम्बन्धित कर्मक्षेत्रों
में सफलता और उन्नति प्राप्त होगी । नए अवसर मिलेंगे और मित्रों आदि के सहयोग से
भी लाभ होगा ।
मीन राशि में
गोचर कर रहे शनि की वृषभ चन्द्र लग्न में पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि होगी, जिसके फलस्वरूप
जातक को शिक्षा एवं प्रतियोगिता परीक्षाओं में बेहतर परिणामों की प्राप्ति के साथ ही, संतान से सम्बन्धित शुभ समाचार मिलेंगे ।
एकादश भाव में
स्थित शनि की दशम दृष्टि अष्टम भाव पर रहेगी, जिसके परिणामस्वरूप जातक को विदेशों में या
बहुराष्ट्रीय कंपनियों से सम्बन्धित मामलों में नवीन अवसरों की प्राप्ति की
सम्भावना है । जातक का जन्मस्थान से दूर भाग्योदय होगा तथा अपेक्षित प्रतिफलों की
प्राप्ति होगी ।
स्वास्थ्य :
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह गोचर सकारात्मक प्रभाव डालेगा जिन स्वास्थ्य समस्याओं
ने परेशानी पैदा की थी, अब
उन पर काबू पाया जाएगा । मानसिक स्थिति भी सशक्त रहेगी और आपके आत्मविश्वास और
साहस में वृद्धि होगी |
पारिवारिक सुख :
यह गोचर पारिवारिक जीवन के लिए भी शुभ रहेगा । परिवार में मांगलिक कार्यों का
आयोजन हो सकता है और विवाह योग्य व्यक्तियों के विवाह के योग बनेंगे । सन्तान
प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दम्पतियों की भी मनोकामना पूरी हो सकती है । इसके साथ
ही सामाजिक प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी और मित्रों से लाभ प्राप्त होगा |
आर्थिक स्थिति :
आर्थिक दृष्टि से यह समय बहुत अनुकूल रहेगा । आर्थिक संकट अब समाप्त होने की सम्भावना
है। धनागम के नए स्रोत खुलने और
कर्ज से मुक्ति के अवसर बनेंगे । पूर्व में किए गए निवेशों से अच्छे लाभ की
प्राप्ति होगी और अचल सम्पत्ति में निवेश का अवसर भी मिलेगा ।
नौकरी और कॅरिअर
: कॅरिअर के क्षेत्र में यह गोचर वृषभ जातकों के लिए बहुत शुभ रहेगा । पदोन्नति अब
पूरी हो सकती है । नियमित वेतन वृद्धि के अलावा अतिरिक्त लाभ भी सम्भव हैं । इसके
अलावा स्थानान्तरण आदि के योग भी बन सकते हैं और निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों
को अच्छे जॉब ऑफर्स मिलने की सम्भावना है ।
वृषभ राशि वाले
जातकों का व्यवसाय?
शनि का यह एकादश
भाव का गोचर शुभफलप्रद माना जाता है । इस गोचरावधि के दौरान व्यवसाय, वित्तीय स्थिति, पारिवारिक
रिश्तों और सामाजिक मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं । इस दौरान
व्यवसाय विस्तार के लिए योजनाएँ बन सकती हैं, जिनसे आगामी समय में लाभ होगा पुराने अटके
कार्य व बाधा समाप्त होंगी और रुके हुए भुगतान प्राप्त होने की सम्भावना बढ़ जाती
है । इसके अतिरिक्त, जिन
ऋणों के भुगतान में देरी हो रही थी, वे भी इस दौरान चुकाए जा सकते हैं । यह समय
सरकारी निर्णयों से भी लाभ मिलने का है, जिससे व्यवसाय में एक नई दिशा मिल सकती है |
व्यवसाय में नए
अवसर उत्पन्न हो सकते हैं,
जिनसे लाभ की स्थितियाँ बन सकती हैं । इस दौरान मित्रों और परिजनों
से अपेक्षित सहयोग मिलेगा,
जो आपके कार्यों को गति देगा । साथ ही, भाग्य का साथ भी
मिलेगा, जिससे
आपके बहुप्रतीक्षित कार्य सम्पन्न हो सकते हैं । इस समय सरकारी निर्णयों से भी लाभ
होने की सम्भावना है, जो
आपके व्यवसाय या कार्यक्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं ।
एकादश भाव में
गोचर कर रहे शनि की तृतीय दृष्टि जन्मराशि पर पड़ेगी । इसका असर उत्साह में वृद्धि
के रूप में देखा जा सकता है । पहल करने की क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे आपको नए
अवसरों की प्राप्ति होगी ।
शनि की सप्तम
दृष्टि पंचम भाव पर पड़ेगी,
जिससे व्यवसाय की ब्रांडिंग और इमेज में वृद्धि होगी । इस अवधि में
आपके व्यवसाय की प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सकती है । पूर्व में किए गए निवेशों से
भी धनलाभ संभव है । धन अर्जन के नए स्रोत खुल सकते है, जो भविष्य में
लाभकारी साबित होंगे ।
शनि की दशम
दृष्टि अष्टम भाव मे होने से विदेश व्यापार में नए अवसर उत्पन्न हो सकते हैं । शनि
की यह स्थिति व्यवसाय को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकेत देती है, खासकर विदेशी
बाजारों में विस्तार के लिए । शनि का यह गोचर आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने
का अवसर प्रदान कर सकता है,
जिससे आपका व्यापार और प्रतिष्ठा दोनों में वृद्धि होगी ।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अथवा जन्मस्थान से दूर नए अवसर मिल सकते हैं ।
राहत के उपाय :
शनि के इस गोचर से लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं :
पाँच कैरेट अथवा
उससे अधिक वजन का नीलम शनिवार या किसी शुभ मुहूर्त में धारण करें |
नियमित रूप से
शनि चालीसा का पाठ करें ।
बुजुर्गों का आशीर्वाद प्राप्त करे,सम्भव हो सके, तो वृद्धाश्रम और अनाथालय में दान देना चाहिए |
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