रविवार, 11 अगस्त 2024

स्त्री पत्रिका मे शनि

शनि ग्रह तमोगुणी और पाप प्रवृत्ति का है । यह सबसे धीमा चलने वाला, शीतल, निस्तेज, शुष्क, उदास और शिथिल ग्रह है । इसे वृद्ध ग्रह माना गया है । इसलिए इसे दीर्घायु प्रदायक या आयुष्कारक ग्रह कहा गया है । यह कुंडली में कान, दांत, अस्थियों, स्नायु, चर्म, शरीर में लौह तत्व व वायु तत्व, आयु, जीवन, मृत्यु, जीवन शक्ति, उदारता, विपत्ति, भूमिगत साधनों और अंग्रेजी शिक्षा का कारक माना गया है ।

किसी भी स्त्री की कुंडली में अच्छा शनि उसे उदार, लोकप्रिय बनाता है और तकनीकी ज्ञान में अग्रणी रखता है । वह हर क्षेत्र में अग्रणी हो कर प्रतिनिधित्व करती है । राजनीति में भी उच्च पद प्राप्त करती है । दूषित शनि विवाह में विलम्ब कारक भी है और निम्न स्तर के जीवन साथी की प्राप्ति की ओर भी संकेत करता है ।

दूषित शनि स्त्री को ईर्ष्यालु और हिंसक बना देता है । यह स्त्री में निराशा, उदासीनता और नीरसता का समावेश कर उसके दाम्पत्य जीवन को कष्टमय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ता और धीरे-धीरे स्त्री अवसाद की तरफ बढ़ने लग जाती है ।

स्त्रियों में कमर दर्द, घुटनों का दर्द या किसी भी तरह का मांसपेशियों का दर्द दूषित शनि का ही परिणाम है । चंद्रमा के साथ शनि स्त्री को पागलपन का रोग तक दे सकता है । इसके लिए स्त्री को काले रंग का परहेज और अधिक से अधिक हल्के और श्वेत रंगों का प्रयोग करना चाहिए ।

शनि को अनुकूल बनाने के लिए स्त्री को न केवल अपने परिवार के ही बल्कि सभी वृद्धजनों का सम्मान करना चाहिए । अपने अधीनस्थ कर्मचारियों और सेवकों के प्रति स्नेह और उनके हक और हितों की रक्षा भी करें । शनि ईमानदारी और सच्चाई से प्रसन्न रहता है । शनि को न्यायाधीश भी माना गया है तो यह अपनी दशा - अंतर दशा में कर्मों के अनुसार अपना सुफल या कुफल जरुर देता है | 

शनि अगर प्रतिकूल फल दे रहा हो तो हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए । मंगलवार को चमेली के तेल का दीपक हनुमान जी के आगे जलाना चाहिए । शनि चालीसा, हनुमान चालीसा का पाठ विशेष लाभ देगा । अगर शनि के कारण हृदय रोग परेशान करता हो तो सूर्य को जल और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ लाभ देगा और अगर मानसिक रोग के साथ सर्वाइकल का दर्द हो तो शिव आराधना विशेष लाभ देगी । काले और गहरे नीले रंग का परित्याग शनि को अनुकूल बना सकता है । नीलम रत्न का धारण करना भी शनि को अनुकूल बनाता है |

 

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