शुक्रवार, 9 अगस्त 2024

स्त्री पत्रिका मे गुरु

बृहस्पति एक शुभ और सतोगुणी ग्रह है । इसे ज्योतिष मे गुरु की संज्ञा भी दी गयी है और ये देवताओं के गुरु भी माने जाते हैं ।

बृहस्पति बुद्धि, विद्वत्ता, ज्ञान, सदगुणों, सत्यता, सच्चरित्रता, नैतिकता, श्रद्धा, समृद्धि, सम्मान, दया एवं न्याय का नैसर्गिक कारक होता है  । किसी भी स्त्री के लिए यह पति, दाम्पत्य, पुत्र और घर - गृहस्थी का कारक होता है ।

अशुभ ग्रहों के साथ या दूषित बृहस्पति स्त्री को स्वार्थी, लोभी और क्रूर विचारधारा रखने वाली बना देता है । जिसका दाम्पत्य - जीवन भी दुखी रहता है और पुत्र - संतान की भी कमी होती है । ऐसे गुरु स्त्री को पेट और आँतों से सम्बन्धित रोग पीड़ा भी दे सकते है |

जन्म - कुंडली में शुभ बृहस्पति किसी भी स्त्री को धार्मिक, न्याय प्रिय और ज्ञानवान, पति -प्रिय और उत्तम संतान वती बनाता है । स्त्री विद्वान होने के साथ - साथ बेहद विनम्र स्वभाव वाली भी होती है ।

कमजोर बृहस्पति हो तो पुखराज रत्न धारण किया जा सकता है । गुरुवार का व्रत रखा जा सकता है । स्वर्णाभूषण धारण, पीले रंग का वस्त्र धारण और पीले भोजन का सेवन किया जा सकता है । एक चपाती पर एक चुटकी हल्दी लगाकर खाने से भी बृहस्पति अनुकूल हो सकते हैं ।

उग्र बृहस्पति को शांत करने के लिए बृहस्पति वार का व्रत करना, पीले रंग और पीले रंग के भोजन से परहेज करना चाहिए बल्कि उसका दान करना चाहिए, केले के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए और भगवान विष्णु की पुजा अर्चना कर उन्हे केले अर्पण करना चाहिए और छोटे बच्चों को मंदिर में केले का दान और गाय को केला खिलाना चाहिए ।

अगर दाम्पत्य जीवन कष्टमय हो तो हर बृहस्पति वार को एक चपाती पर आटे की लोई में थोड़ी सी हल्दी, देशी घी और चने की दाल (सभी एक चुटकी) रख कर गाय को खिलायें |

कई बार पति - पत्नी अलग-अलग जगह नौकरी करते हैं और चाह कर भी एक जगह नहीं रह पाते तो पति -पत्नी दोनों को ही गुरुवार को चपाती पर गुरु की डली रख कर गाय को खिलाना चाहिए | सबसे बड़ी बात यह है कि झूठ से जितना परहेज किया जाये, बुजुगाँ,अपने गुरु, शिक्षकों के प्रति जितना सम्मान किया जाये उतना ही बृहस्पति अनुकूल होते जायेंगे ।

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