बुध एक शुभ और रजोगुणी प्रवृत्ति का ग्रह है । यह किसी भी स्त्री में बुद्धि, निपुणता, वाणी वाकशक्ति, व्यापार, विद्या में बुद्धि का उपयोग तथा मातुल पक्ष का नैसर्गिक कारक होता है । यह द्विस्वभाव, अस्थिर और नपुंसक ग्रह होते हुए भी जिस ग्रह के साथ स्थित होता है, उसी प्रकार के फल देने लगता है । अगर शुभ ग्रह के साथ हो तो शुभ, अशुभ ग्रह के अशुभ प्रभाव देता है।
स्त्री पत्रिका मे अगर यह पाप
ग्रहों के दुष्प्रभाव में हो तो स्त्री कटु भाषी, अपनी बुद्धि से
काम न लेने वाली यानि दूसरों की बातों में आने वाली अथवा कानों की कच्ची होती है | जो घटना घटित
भी न हुई उसके लिए पहले से ही चिंता करने वाली होती हैं चर्मरोगों से भी ग्रसित हो जाती है ।
बुध बुद्धि का
परिचायक भी है अगर यह दूषित चंद्रमा के प्रभाव में आ जाता है तो स्त्री को
आत्मघाती कदम की तरफ भी ले जा सकता है ।
जिस किसी भी
स्त्री का बुध शुभ प्रभाव में होता है वे अपनी वाणी के द्वारा जीवन की सभी
ऊँचाइयों को छूती हैं, अत्यंत बुद्धिमान, विद्वान्
और चतुर और एक अच्छी सलाहकार साबित होती हैं । व्यापार में भी अग्रणी तथा कठिन से
कठिन परिस्थितियों में भी समस्याओं का हल निकाल लेती हैं ।
बुध ग्रह की अशुभता से बचने के लिए हरे
मूंग (साबुत), हरी पत्तेदार सब्जी का सेवन और दान, हरे
वस्त्र को पहनना और
दान देना उपयुक्त है । अगर मानसिक अवसाद ज्यादा रहता हो तो सफेद और हरे रंग के
धागे को आपस में मिला कर अपनी कलाई में बाँध लेना चाहिए ।
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