किसी भी व्यक्ति
की कुंडली में चंद्रमा एक महत्वपूर्ण चंद्रमा एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है । चंद्रमा
मन का कारक है, इसका
निर्बल और दूषित होना मन एवं मति को भ्रमित कर किसी भी इंसान को पागल तक बना सकता
है।
स्त्री की
कुंडली में इसका महत्व और भी अधिक है । चन्द्र राशि से
स्त्री का स्वभाव, प्रकृति, गुण - अवगुण आदि
निर्धारित होते है ।
चंद्रमा माता,
मन, मस्तिष्क, बुद्धिमत्ता,
स्वभाव, जननेन्द्रियाँ, प्रजनन
सम्बंधी रोगों, गर्भाशय अंडाशय, मूत्र - संस्थान,
छाती और स्तन का कारक है इसके साथ ही स्त्री के मासिक-धर्म गर्भाधान
एवं प्रजनन आदि महत्वपूर्ण क्षेत्र भी इसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं ।
कुंडली में
चंद्रमा की कैसी स्थिति होगी यह किसी भी महिला के आचार-व्यवहार से जाना जा सकता है
। अच्छे चंद्रमा की स्थिति में कोई भी महिला खुश - मिजाज होती है | उसके चेहरे पर
चंद्रमा की तरह ही उजाला होता है क्योंकि चंद्रमा की विभिन्न ग्रहों के साथ युति
का अलग - अलग प्रभाव हो सकता है इसी
कारण प्रत्येक महिला के चेहरे का रंग एक सा नहीं होता ।
कुंडली का अच्छा
चंद्रमा किसी भी महिला को सुहृदय,कल्पनाशील और एक सटीक विचारधारा युक्त
करता है । अच्छा चन्द्र महिला को धार्मिक और जनसेवी भी
बनाता है लेकिन किसी महिला की कुंडली में यही चन्द्र नीच का हो जाये या किसी पापी
ग्रह के साथ या अमावस्या का जन्म को या फिर क्षीण हो तो वह महिला सदैव भ्रमित ही रहेगी । हर पल एक
भय सा सताता रहेगा या उसको लगता रहेगा कोई उसका पीछा कर रहा है या कोई भूत-प्रेत
का साया उसको परेशान कर रहा है । कमजोर या नीच का चन्द्र किसी भी महिला को भीड़
भरे स्थानों से दूर रहने को उकसाएगा और एकांतवासी कर देता है धीरे-धीरे महिला को
एक चिंता सी सताती रहती है जैसे कोई अनहोनी होने वाली है बात-बात पर रोना या
हिस्टीरिया जैसी बीमारी से भी ग्रसित हो सकती है बहुत चुप रहना या बहुत ज्यादा बोलना शुरू कर देती है ।
ऐसे में तो घर-परिवार और आस पास का माहौल खराब होता ही है ।
बार-बार हाथ
धोना, अपने बिस्तर पर किसी को हाथ नहीं लगाने देना और
देर तक नहाना भी कमजोर चन्द्र की निशानी है | ऐसे में जन्म-कुंडली का अच्छी तरह से विश्लेषण
करवाकर उपाय करवाना चाहिए । अगर किसी महिला के पास कुंडली नहीं हो
तो ये सामान्य उपाय जैसे शिव आराधना
अच्छा मधुर संगीत सुने, कमरे में अँधेरा
न रखे, हल्के रंगों का प्रयोग करें | पानी में केवडे
का एसेंस डाल कर पियें, सोमवार को एक गिलास दूध और एक मुही
चावल का दान मंदिर में दें, और घर में बड़ी उम्र की महिलाओं के रोज
चरण-स्पर्श करते हुए उनका आशीर्वाद अवश्य लें ।
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