शुक्र की पूर्ण दृष्टि प्रथम भाव पर हो तो जातक सुन्दर शौक़ीनमिज़ाज,परस्त्रीरत,भाग्यशाली व चतुर होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि द्वितीय भाव पर हो तो जातक धन तथा कुटुम्ब से सुखी, धनार्जन
करने वाला, परिश्रमी और विलासी प्रवृति वाला होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि तृतीय भाव पर हो तो जातक शासक, अधिक भाई-बहन
वाला, अल्पवीर्य और 25वे वर्ष मे
भाग्योदय वाला होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि चतुर्थ भाव पर हो तो जातक सुन्दर, सुखी, समाजसेवी,
भाग्यशाली, आज्ञाकारी और राजसेवी होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि पंचम भाव पर हो तो जातक विद्वान्, धनी,
एक कन्या और तीन या पांच पुत्र का पिता, प्रेमी
और बुद्धिमान होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि छठे भाव पर हो तो जातक पराक्रमी, शत्रुनाशक,
कुमार्गगामी, वीर्य विकारी, श्वेतकुष्ठ
युक्त और वाचाल स्वभाव का होता
है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि सातवे भाव पर हो तो जातक कामी, व्यभिचारी,
लम्पट, सुन्दर भार्या वाला, 25
वर्ष से स्वाधीन जीवन व्यतीत करने वाला होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि आठवे भाव पर हो तो जातक प्रमेह या मधुमेह रोगी, दुःखी, निर्धन, कुटुम्ब रहित,
साधु सेवारत, कफ व वात रोगी होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि नवम भाव पर हो तो जातक कुलदीपक, ग्रामाधिपति,
शत्रुजयी, धर्मात्मा, कीर्तिवान,
और विलक्षण होता है |
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि दसवे भाव पर हो तो जातक भाग्यशाली, प्रवासी,
राजसेवी, भूमिपति होता है ।
शुक्र की पूर्ण
दृष्टि ग्यारहवे भाव पर हो तो जातक नाना प्रकार से लाभ प्राप्त करने वाला, नेता,
प्रमुख, परस्त्रीरत और कवि हृदय वाला होता है ।
शुक्र की पूर्ण दृष्टि द्वादश भाव पर हो तो जातक वीर्य रोगी, विवाहादि कार्यो पर धन खर्च करने वाला, शत्रुओ से पीड़ित, चिंतित और स्त्रीद्वेषी होता है ।
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