बुधवार, 18 अक्तूबर 2023

राहू केतू की दृस्टी का प्रभाव

केतु की दृष्टि का फल राहु के समान है । लग्न पर राहु की पूर्ण दृष्टि हो तो जातक रोगी, वातविकारी, उग्र स्वाभाव वाला, खिन्न चित्त वाला, उद्योग रहित, अधर्मी या नास्तिक होता है

दूसरे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक कुटुम्ब सुखहीन, धन नाशक, चंचल प्रकृति वाला होता है तथा उसे पत्थर से चोंट लग सकती है ।

तीसरे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक पराक्रमी, पुरुषार्थी, और पुत्र रहित होता है ।

चौथे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक उदर रोगी, मलिनसाधारण सुखी होता है ।

पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक भाग्यशाली, धनी, व्यवहार कुशल, संतान से सुखी होता है ।

छठे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक शत्रुहंता, वीर, गुदा रोग से पीड़ित, व्ययशील, नेत्र पर निशान, पराक्रमी और बलवान होता है ।

सातवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक धनवान, विषयी, कामी, नीच संगति प्रिय होता है ।

आठवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक पराधीन, धनहीन, कंठ रोग से पीड़ित, धर्महीन, नीचकर्मरत, परिवार से अलग होता है ।

नवम भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक भ्रात सुखहीन, ऐश्वर्यवान, भोगी, पराक्रमी, संततिवान होता है ।

दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक पितृ कष्टकारक, राजमान्य, उद्योगशील होता है ।

ग्यारहवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक संततिकष्ट, नीच कर्मरत, अल्पलाभी होता है ।

बारहवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक गुप्त रोगी, शत्रुहंता, कुमार्ग में धन व्यय करने वाला है । 

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