गुरुवार, 5 अक्तूबर 2023

चन्द्र की दृस्टी का फल

चन्द्र को 7वी दृस्टी प्रदान की गयी हैं अर्थात चन्द्र अपने से 7वे भाव पर दृस्टी डालते हैं |

लग्न पर दृष्टि हो तो जातक प्रवासी, व्यवसायी, भाग्यवान, शौक़ीन, कृपण और स्त्री प्रेमी होता है ।

द्वितीय पर दृष्टि हो तो जातक अधिक संतति वाला, सामान्य सुखी, 8 वर्ष की आयु मे शारीरिक कष्ट, धनहानि, जलधात, चोट, घाव, खरोच आदि से दुःखी होता है ।

तृतीय भाव पर दृष्टि हो तो जातक धार्मिक, प्रवासी, अधिक बहिन और कम भाई वाला, 24 उम्र वर्ष से पराक्रमी, सत्संगतिप्रिय, मिलनसार होता है ।

चतुर्थ भाव पर दृष्टि हो तो 24 उम्र वर्ष से सुखी, राजमान्य, कृषक, वाहनादि से सुखी, मातृसेवी होता है ।

पंचम भाव पर दृष्टि हो तो जातक व्यवहारकुशल, प्रथम संतान पुत्र प्राप्त करने वाला, कलाप्रिय होता है ।

छठे स्थान पर दृष्टि हो तो जातक शांत, रोगी, शत्रुओ से कष्ट पानेवाला, गुप्त रोगो से आक्रान्त, व्ययी और 24 उम्र वर्ष में जल से हानि होती है ।

सप्तम भाव पर दृष्टि होतो जातक सुन्दर, सुखी, सुन्दर स्त्री प्राप्त करने वाला, सत्यवादी,व्यापर से धनी और कृपण होता है ।

अष्टम स्थान पर दृष्टि हो तो जातक पितृधननाशक, कुटुम्ब विरोधी, नेत्ररोगी, लम्पट होता है ।

नवम भाव पर दृष्टि हो तो जातक धर्मात्मा, भाग्यशाली, भ्रातहीन, बुद्धिमान होता है ।

दशम  पर दृष्टि हो तो पशु व्यवसायी, धर्मान्तर मे दीक्षित होने वाला, पितृ विरोधी, चिड़चिड़े स्वभाव वाला होता हैं

ग्यारहवे पर दृष्टि हो तो लाभ प्राप्त करने वाला, कुशल व्यवसायी, अधिक कन्या वाला, मित्रप्रेमी होता है ।

बारहवे पर दृष्टि हो तो शत्रु द्वारा धन व्यय, चिंतायुक्त, राजमान्य, अंतिम अवस्था मे सुखी होता है ।

 

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