बुधवार, 11 अक्तूबर 2023

मंगल की दृस्टी का फल


लग्न पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक उग्र प्रकृति,प्रथम भार्या का 21 या 28 उम्र वर्ष में वियोग जन्य दुःख,राजमान्य, भूमि से धन लाभ होता है

द्वितीय भाव पर मंगल की पूर्ण दृष्टि हो तो बवासीर रोगी, स्वल्प धनी, कुटुम्ब से पृथक, परिश्रमी, खिन्नचित्त होता है

तृतीय भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक बड़े भाई के सुख से वंचित, पराक्रमी, भाग्यवान, और एक विधवा बहन वाला होता है ।

चतुर्थ भाव पर दृष्टि हो तो माता-पिता के सुख से हीन, शारीरिक कष्ट, 28 उम्र वर्ष तक दुःखी, पश्चात् सुखी, परिश्रम से जी चुराने वाला होता है ।

पंचम भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक अनेक प्रकार की भाषाओ का ज्ञाता, विद्वान्, संतान कष्ट वाला, उपदंश रोगी और व्यभिचारी होता है ।

षष्ट भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो शत्रुनाशक,मातुल कष्टकारक,रुधिर विकारी,कीर्तिवान होता है ।

सप्तम भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो परस्त्रीरत, कामी, पहली स्त्री का 21 या 28 उम्रवर्ष मे वियोग, शराबी होता है ।  ये ही परिणाम चौथी या आठवी दृष्टि के भी होते है ।

आठवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो धन-कुटुंब नाशक, ऋणग्रस्त, परिश्रमी, दुःखी, भाग्यहीन होता है ।

नवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो जातक बुद्धिमान, धनवान, पराक्रमी, धर्म मे अरूचिवान होता है ।

दसवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो राजसेवी, मातृ-पितृ कष्टकारक, सुखी, भाग्यवान होता है ।

ग्यारहवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो धनवान, संतान कष्ट से दुःखी, कुटुंब से दुःखी होता है ।

बारहवे भाव पर पूर्ण दृष्टि हो तो कुमार्गी, मातुल नाशक, वासीर व भगन्दर रोगी, शत्रु नाशक और उग्र स्वभाव वाला होता हैं |                                                                                                                                                                                                                                                                                                   

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