धरती पर स्थित प्रत्येक प्राणी को तुलसी के पौधे को घर के मुख्य
द्वार के दोनों ओर लगाना चाहिए । ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से बुराइयाँ घर से
कोसों दूर रहती हैं, तुलसी को घर के आँगन में भी लगाया जा
सकता है । यह ध्यान रहे कि तुलसी का पौधा अथवा गमला नीचे ना हो उसके लिए पर्याप्त ऊँचाई
वाला स्थान ही उचित है ।
तुलसी के पौधे
के आस पास कुछ भी गन्दगी नहीं रहनी चाहिए, इसके चारों ओर
रोज उसी तरह से सफाई करें जिस तरह आप अपने घर की करते हैं ।
रविवार छोड़कर
नित्य सुबह तुलसी में जल चढ़ाना चाहिए । इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है एवं
घर के सदस्यों में प्रेम बना रहता है ।
तुलसी के पत्ते
बिना उपयोग कभी नहीं तोड़ने चाहिए,ऐसा करने पर व्यक्ति पाप का भागी होता है । तुलसी को बिना
नहाये, संध्या के समय और रविवार के दिन कतई नहीं
तोड़ना चाहिए,रजस्वला
स्त्री को भी तुलसी को छूना नहीं चाहिए ।
जिस घर में
संध्या के समय तुलसी पर दीपक जलाया जाता है उस घर में कभी भी कोई भी संकट नहीं आता व किसी भी चीज का अभाव नहीं रहता है ।
जिस घर में भगवान विष्णु को नित्य
तुलसी चढ़ाई जाती है प्रत्येक एकादशी और गुरुवार का उनकी तुलसी दल से विशेष पूजा
की जाती है, उस
घर में कभी भी धन - धान्य की कमी नहीं रहती है ।
एक गमले में एक
पौधा तुलसी का तथा एक पौधा काले धतूरे का लगायें । इन दोनों पौधों पर प्रतिदिन स्नान आदि से निवृत होकर
शुद्ध जल में थोड़ा सा कच्चा दूध मिलाकर अर्पित करें । ऐसा करने से व्यक्ति को
ब्रह्मा, विष्णु, महेश इन तीनों
की संयुक्त पूजा का फल मिलता है । क्योंकि तुलसी विष्णु प्रिया है, काला धतूरा शिव
रूप है एवं तुलसी की जड़ों में भगवान ब्रह्मा का निवास स्थान माना गया है ।
तुलसी के पत्ते
बहुत ही पवित्र माने जाते हैं,यह हमारे जल एवं भोजन को शुद्ध और पवित्र करते
हैं इसीलिए किसी भी सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय जल एवं भोजन में तुलसी के पत्ते
डाले जाते हैं ।
हमारे धर्म
शास्त्रों के अनुसार इंसान की मृत्यु के बाद शव के मुख में तुलसी के पत्ते डाले
जाते हैं मान्यता है कि इससे मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
अगर आपको लगता है कि लाख प्रयास के बाद भी आपका व्यापार उन्नति नहीं कर पा रहा है तो आप किसी भी गुरुवार को श्यामा तुलसी के चारों ओर उग आई खरपतवार को उखाड़ कर किसी पीले वस्त्र में बांधकर अपने व्यापार थल में किसी साफ जगह रख दें, व्यापार गति आ जाएगी ।
किसी भी शुभ मुहूर्त्त
में तुलसी की जड़ लाएं,रविवार/गुरुवार
को जब पुष्य नक्षत्र हो तो उस दिन उस जड़ को गंगा जल से धोकर, धूप
दीप दिखाकर, तिलक लगाकर, पूजा करके,
पीले कपड़े में लपेटकर अपने दाहिने हाथ में बांध लें इस आसान उपाय से
व्यक्ति का तेज बढ़ता है, कार्यों में सफलता की सम्भावना बढ़
जाती है, अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहता है ।
अगर किसी
व्यक्ति की संतान बहुत ज्यादा जिद्दी हो, बड़ों का कहना
ना मानती हो तो उसे पूर्व दिशा में रखे तुलसी के पौधे के तीन पत्ते रविवार को
छोड़कर किसी भी तरह अवश्य ही खिला दें, सन्तान का
व्यवहार सुधरने लगेगा ।
ऐसी भी मान्यता
है कि यदि पूर्व दिशा में खिड़की के पास तुलसी का पौधा रखा जाए तो भी संतान
आज्ञाकारी होती है ।
यह भी माना जाता
है कि यदि आपकी कन्या का विवाह नहीं हो रहा हो तो कन्या तुलसी के पौधे को घर के
दक्षिण - पूर्व में रखकर उसे नियमित रूप से जल अर्पण करें, इससे
भी शीघ्र ही योग्य वर की प्राप्ति होती है ।
तुलसी का पौधा
किचन के पास रखने से घर के सदस्यों में आपसी प्रेम, सामंजस्य बना
रहता है ।
नवीन गृह में
तुलसी का पौधा, देवता का चित्र, गौमुत्र,
गंगाजल और पानी का कलश लेकर घर के अंदर प्रवेश करना चाहिए । इससे घर
में सदैव सुख शांति, प्रसन्नता का वातावरण बना रहता है,
घर में धन की कभी भी कमी नहीं रहती है ।
घर से निकलने से
पूर्व तुलसी के दर्शन करना बहुत ही शुभ एवं सफलता की निशानी माना जाता है ।
प्रतिदिन दही के
साथ चीनी और तुलसी के पत्तों का सेवन करना बहुत ही शुभ माना गया है ।
तुलसी के पत्तों का चूर्ण प्रतिदिन सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती हैं |
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