गुरुवार, 15 जून 2023

अनिद्रा अर्थात नींद ना आना


अनिद्रा
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एक सामान्य नींद विकार है जो कई व्यक्तियों को प्रभावित करता है इस अनिद्रा के इलाज के यूं तो बहुत से तरीके हैं, परंतु आयुर्वेद के नुस्खों द्वारा इसका इलाज़ सबसे कारागार साबित होता हैं आप भी इन्हे आजमा सकते हैं । आयुर्वेद के अनुसार शरीर में अंतर्निहित असंतुलन को दूर करके और विशिष्ट घरेलू उपचारों को शामिल करके, आप अनिद्रा को प्रभावी ढंग से हरा सकते हैं ।

एक दिन में कितनी नींद पर्याप्त है यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकता है, लेकिन अधिकांश वयस्कों को प्रतिदिन औसतन 7-8 घंटे की नींद की आवश्यकता होती ही है । जो लोग इतना भी नहीं सो पाते हैं वे अनिद्रा के शिकार हो सकते हैं अथवा माने जा  सकते हैं

अनिद्रा के कुछ लक्षण हैं नींद न आना, अच्छी तरह से आराम न करना, चिड़चिड़ापन, रात के दौरान जागना, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता और थकान बने रहना । यदि इनमें से कोई भी लक्षण आपके लिए आपका दिनचर्या भरा कार्य करना कठिन बना देता है, तो आपको इसके इलाज़ करने के लिए अपने डॉक्टर से मिल लेना चाहिए

प्रस्तुत लेख मे हम यहाँ कुछ आयुर्वेदिक सुझाव दे रहे हैं जो अनिद्रा को स्वाभाविक रूप से दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं |

सुखदायक सोने का दिनचर्या : अपने शरीर और दिमाग को संकेत देने के लिए सोने की निश्चित दिनचर्या बनाएं कि यह आराम करने का समय है । नींद का शेड्यूल होना विश्राम के लिए अनुकूल है ।

सोने से कम से कम दो घंटे पहले उत्तेजक पदार्थों जैसे कैफीन, निकोटीन और इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे, स्मार्टफोन, टैबलेट और टेलीविजन) से बचें । इसके बजाय, कोई आरामदायक गतिविधि चुनें जैसे कोई किताब पढ़ना या सॉफ्ट संगीत सुनना । हर दिन एक ही समय पर सोने और उठने की कोशिश करें, यहां तक कि सप्ताहांत में भी ऐसा ही करे

अभ्यंग (आत्म-मालिश) : अभ्यंग, गर्म तेल का उपयोग करके आत्म-मालिश का अभ्यास, आयुर्वेदिक दैनिक दिनचर्या का एक अभिन्न अंग है । गर्म स्नान या शॉवर लेने से पहले तिल के तेल या नारियल के तेल से अपने शरीर की मालिश करें । ऐसा करना विश्राम को बढ़ावा देता है तंत्रिका तंत्र, को शांत कर बेहतर नींद लाने मे मदद करता है ।

नस्य और शिरोधारा थेरेपी अनिद्रा के लिए फायदेमंद हो सकती हैं ये आयुर्वेदिक थैरेपी हैं जिनमे नासिका मार्ग में औषधीय तेल लगाना शामिल है । इस उद्देश्य के लिए ब्राह्मी तेल या तिल के तेल जैसे आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग किया जा सकता है । मन को शांत करने और नींद लाने के लिए सोने से पहले प्रत्येक नथुने में कुछ बूंदें लगाएं । शिरोधारा में माथे पर गर्म तेल की एक सतत धारा शामिल होती है, जो विश्राम और बेहतर नींद दोनों को बढ़ावा देती है ।


प्राणायाम

साँस लेने की कुछ तकनीकें और प्राणायाम व्यायाम मन को शांत करने, तनाव मुक्त करने और शरीर को सोने के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं । सोने से पहले गहरी पेट की सांस, वैकल्पिक नथुने से सांस लेने (नाड़ी शोधन), या ठंडी सांस (शीतली प्राणायाम) का अभ्यास करें । ये अभ्यास नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं ।

अधिकांशतः ऐसा देखेने में आया है कि जिनके घर में अनिष्ट शक्तियों का कष्ट होता है, उनके घर के सदस्यों को या तो नींद नहीं आती या अत्यधिक नींद आती है, या दिन भर आलस्य बना रहता है, ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए यह जान लेते हैं |

सोते समय स्वच्छ चादर, हो सके तो श्वेत चादर बिछा कर सोयें |

सोने से पहले हाथ-पैर स्वच्छ जल से धो लें और फिर सोने जाएँ |

कमरे को पूर्ण अन्धकार कर न सोयें | लाल, नीले, हरे रंग के नाईट बल्ब जलाकर न सोयें, इन रंगों के बल्ब अनिष्ट शक्तियों को आकृष्ट करते हैं, हल्के पीले या सफ़ेद माध्यम से प्रकाश देने वाले बल्ब जलाकर सो सकते हैं |

पैर दक्षिण दिशा की ओर कदापि न हों, इससे दक्षिण से आने वाली रज-तम प्रधान स्पंदन को हमारी पैर की उंगलियां सोख लेती है, जिससे कष्ट का प्रमाण बढ़ जाता है |

सोने से पूर्व, पूर्ण दिवस जो भी अच्छा या बुरा, हमारे द्वारा हुआ हो, उसका आत्मनिवेदन अपने गुरु या इष्ट से अवश्य करें |

कमरे में फिल्मी नायक/नायिका के चित्र या अन्य तामसिक चित्र न रखे |

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