पाइराइट - इस उपरत्न का यह
नाम ग्रीक शब्द पाइर (Pyr) से बना है जिसका अर्थ है - आग ! यह एक
ऎसा खनिज है जो सोने के साथ विलक्षण समानता रखता है ! यह उपरत्न सोने का भ्रम पैदा
करता है और व्यक्ति इसकी चमक देखकर धोखा खा जाते हैं ! इसलिए इसे ("Fool's
Gold") भी कहा जाता है ! लेकिन यह बात भी सत्य है कि
इस उपरत्न में थोडी़ सी मात्रा सोने की अवश्य होती है, जिससे
यह उपरत्न बहुत कीमती बन जाता है ! यह उपरत्न सोने के सादृश्य दिखने के कारण
पारम्परिक रूप से धन, रूपया तथा अच्छे भाग्य का प्रतीक बन
गया है ! सूर्य की भांति चमकने वाले
रंग के कारण
इसे सूर्य के साथ भी
जोड़ा जाता है
!
रत्नो के बाजार में इसे मर्कासाइट (Marcasite) के
नाम से भी जाना जाता है ! यह पीतल के समान दिखने वाली एक धातु है जो गहने बनाने के
लिए उपयोग में लाया जाता है ! यह उपरत्न व्यापक रूप से पाया जाता है ! प्राचीन समय
में मेक्सिको में पाइराइट से स्क्राइंग शीशा बनाया जाता था ! इन शीशों का निर्माण
एक ओर से पाँलिश करके उसे समतल बनाया जाता था और शीशे के दूसरी तरफ गोल भाग की ओर
स्क्राइंग प्रक्रिया के लिए कुछ रहस्यमयी नक्काशी भी की जाती थी !
संसार की सभी
संस्कृतियों में इस उपरत्न से ताबीज बनाने का काम किया जाता था, जिससे
कि व्यक्ति सुरक्षित रहे ! यह पहला उपरत्न था जो चिकित्सा पद्धति में उपयोग में
लाया गया था ! यह उपरत्न केवल सोने जैसे सुनहरे रंगों में पाया जाता है ! कई बार
यह उगते सूर्य की आभा लिए रंग में भी पाया जाता है !
पाइराइट के आध्यात्मिक गुण
:
यह एक अदभुत
उपरत्न है जो धारणकर्त्ता को रचनात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करता है ! उनके
मस्तिष्क में नए विचारों की एक चिंगारी सी छोड़ता है ! जिससे वह रचनात्मक विचार रख
सकें और अपने नए विचारों को दूसरों के समक्ष बताने में झिझके नहीं ! पाइराइट
उपरत्न कई तरह की श्रेणियों में पाया जाता है ! आयरन पाइराइट के लिए ऎसी धारणा
मानी गई है कि यह धारक को अत्यधिक सुरक्षा प्रदान करने वाला उपरत्न है ! यह उपरत्न
बुद्धिबल को बढा़वा देने में सहायक होता है ! 'सूर्यमुखी
पाइराइट' धारक को कवच के जैसी सुरक्षा प्रदान करता है!
यह नकारात्मक ऊर्जा को आने से रोकने का काम करता है !
यह उपरत्न
धारणकर्त्ता को शारीरिक, भौतिक तथा भावनात्मक स्तर पर सुरक्षा
प्रदान करता है ! यह उपरत्न एक अदभुत ढ़ाल बनकर विभिन्न स्रोतों से आने वाले बुरे
विचारों को आने से रोकने का कार्य करता है ! यह व्यक्ति के अंदर आई जड़ता अर्थात
निष्क्रियता को समाप्त करता है ! धारक के भीतर समाई अपर्याप्तता की भावना को बाहर
निकालता है ! धारक को जिस क्षेत्र में ऊर्जा की कमी का अनुभव हो रहा है उस क्षेत्र
में इस उपरत्न का उपयोग किया जा सकता है !
यह उपरत्न धारक
को सिक्के का दूसरा पहलू दिखाने में मदद करता है ! इसे धारण करने से जातक के अंदर
सुस्ती तथा आलस्य का अंत होता है ! वह अपने भीतर चुस्ती तथा ताजगी का अनुभव करता
है जल्दी - जल्दी थकान होने पर इस उपरत्न का उपयोग करने से लाभ होता है !
यह उपरत्न मुख्य
रुप से धारक को ऊर्जा, शक्ति तथा सुरक्षा प्रदान करने वाला
होता है ! यह उपरत्न धारक को खुले रूप से दूसरों के साथ संवाद करने में मदद करता है
! विचारों को ईमानदारी से व्यक्त करता है ! जिन्हें निर्णय लेने में कठिनता का
अनुभव होता है या जो दुविधा की स्थिति में अधिक रहते हैं उनके आत्म-विश्वास में यह
उपरत्न वृद्धि करता है !
इस उपरत्न के
प्रतिक्रियात्मक गुण इसे अदभुत बनाते हैं ! यह ध्यान लगाने में सहायक होता है !
प्राचीन समय में इन्का जाति के लोग इस उपरत्न का उपयोग ध्यान तथा योग लगाने में
करते थे ! यह शारीरिक सहनशक्ति तथा बल में वृद्धि करता है ! बुद्धि को सही दिशा
में ले जाकर धारक को विचारों को बुद्धिमत्ता पूर्वक लागू करने में सहायक होता है !
धारक की धन-सम्पत्ति बढा़ने में यह उपरत्न सहायक होता है ! यह विचारों को
अभिव्यक्त करने की आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होता है !
यह उपरत्न धारक
के प्रभामण्डल से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर उसके ध्यान को केन्द्रित करने में मदद
करता है ! इस अदभुत धात्विक उपरत्न के धारण करने से जातक में मानसिक स्थिरता रहती
है ! उसमें तर्क करने की क्षमता का विकास होता है ! धारक चीजों का विश्लेषण करने
में कामयाब रहता है ! यह उपरत्न धारक को ऎसे मोड़ पर लाता है जहाँ पर वह अपनी एक
अलग धारणा स्थापित कर सके !
पाइराइट के चिकित्सीय
गुण :
यह उपरत्न धारक
के भीतर आक्सीजन को रक्त तक पहुँचाने में सहायता करता है ! यह आक्सीजन की मात्रा
में वृद्धि करने में सहायक होता है ! संचार तंत्र को बल प्रदान करता है ! यह
फेफडो़ के लिए लाभदायक होता है ! जिन व्यक्तियों को अस्थमा अथवा दमे की शिकायत
रहती है उनके लिए यह उपरत्न अत्यंत फायदेमंद है ! यह उपरत्न अनियंत्रित हार्मोन्स
को नियंत्रित रखने में सहायक होता है ! महिलाओं की माहवारी को नियंत्रित रखता है !
यह उपरत्न धारक
के भीतर पैदा हुए भ्रम को दूर करने में सहायक होता है ! सूर्य पाइराइट धारक के भीतर
से हर तरह का दर्द बाहर निकालने में सहायक होता है ! यह उपरत्न जातक के भीतर पैदा
हुए अवसाद के लक्षणों को सहजता से दूर करने में सहायक होता है ! जिन व्यक्तियों को
अकसर बुखार घेरे रहता है उनके लिए यह फयदेमंद उपरत्न है ! यह शरीर में आई सूजन को
भी दूर करता है ! शारीरिक बीमारी को दूर करने के लिए इस उपरत्न को सीधा शरीर पर
धारण करना चाहिए !
इस उपरत्न में
अग्नि तथा पृथ्वी तत्व की ऊर्जा मौजूद होता है ! यह शरीर के मूलाधार चक्र को
नियंत्रित करने में सहायक होता है !
कहाँ पाया जाता है
:
यह उपरत्न पेरु,
दक्षिण अफ्रीका, बोलीविया, इलीनोइस
(Illinois), कोलोरैडो, अमेरीका के
मिसूरी और न्यूयॉर्क, जर्मनी, स्पेन, रूस,
इटली, पेन्सिल्वेनिया (Pennsylvania) आदि
स्थानों में पाया जाता है !
पाइराइट - किसे धारण करना चाहिए
:
इस उपरत्न को
सभी व्यक्ति अपनी जरुरतों के आधार पर धारण कर सकते हैं ! जिन व्यक्तियों में
असुरक्षा की भावना विद्यमान रहती है उन्हें यह उपरत्न धारण करना चहिए ! इस उपरत्न
में सल्फर की मात्रा होती है जो कई बार त्वचा के लिए हानिकारक सिद्ध होता है !
इसलिए इसे धारण करने में सावधानी बरतनी चाहिए ! अतः अधिक समय तक इस उपरत्न को धारण
भी नहीं करना चाहिए !
आप इस उपरत्न को निम्न लिंक से रत्न व ब्रेसलेट के कॉम्बो रूप मे अपने लिए मँगवा सकते हैं |
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