राहू तरंगो के रूप हमारे विचारो पर अपना आधिपत्य डालकर हमारी बुद्दि को भ्रष्ट करता हैं जिससे हम ग़लत दिशा मे बुद्दि को ले जाने लगते हैं अगर हमें अपनी बुद्धि को सही दिशा में चलाना है, बुद्धि से सकारात्मक काम लेने हैं, बुद्धि को भ्रष्ट होने से बचाना है तो हमें इसके लिए राहु के प्रभाव से बचना होगा और इसके लिये मां सरस्वती का साथ लेना बहुत ही जरूरी है ।
निम्न लिखित कुछ
उपाय यदि सरस्वती
जयंती वाले दिन यानि बसंत पंचमी वाले दिन करने से राहु का अनिष्ट प्रभाव समाप्त होने लग जाता है,
देवी सरस्वती का आर्शीवाद मिलता है और हम जीवन में सही मार्ग पर चल
कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं |
1)बसंत पंचमी
वाले दिन मां सरस्वती को नीले फूल अर्पित करें । सरस्वती मां को एक नीले रंग का
पैन और एक नीले रंग की किताब अर्पित करें । इस दिन 11
किताबें या 11 कॉपियां और 11 पैन गरीब बच्चों को बाटें ।
2)बसंत पंचमी के
दिन तोरी और बैंगन की सब्जी बनाकर गरीब मजदूरों को बांटे ।
3)400 ग्राम
बैंगन पीले रंग की पॉलिथीन में बांधकर मजदूरों को दें ।
कुछ अन्य उपाय जो राहू शांति के लिए कभी भी किए जा सकते हैं |
4)नील जिसको
कपड़ों में डाला जाता है, उसे अपने घर मे काम करने वाले को दान करें ।
5)नारियल के ऊपर
नीले रंग का धागा 21 बार लपेट कर और अपने सिर से 7
बार वार कर बहते पानी में बहाएं ।
6)एक नीले रंग
का धागा लें जो आपकी लंबाई के जितना लंबा होना चाहिए । अब पानी से भरी कांच की एक
बोतल लीजिए । उसके अंदर एक चम्मच हल्दी डाल दीजिए और उस हल्दी वाले पानी में नीले
रंग के धागे को बंद करके अपने घर के ईशान कोण में रख दीजिए । इससे राहु का प्रकोप
कम होता हैं |
7)42 मूली गरीब
मजदूरों को बांटे । ऐसा करने से राहु का प्रकोप कम होता है ।
8)तांबे के चकोर
पतरे पर हल्दी का तिलक लगाएं और उन्हें किसी पीले कपड़े में बांधकर सरस्वती मां को
अर्पित करें । इससे भी राहु का प्रकोप कम होता है ।
9)कानों पर पीले
रंग का अथवा हल्दी
का टीका लगाना चाहिए ताकि राहु द्वारा पैदा की गई नकारात्मक सोच को रोका जा सके ।
राहु का काम
कानों में जहर घोलना है और जहर सांप में भी होता है । सांप का सबसे बड़ा दुश्मन
मोर होता है । अतः ईशान कोण में देवी सरस्वती का चित्र व मोर पंख रखने से राहु का
प्रकोप कम होता है ।
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