बुधवार, 28 जून 2023

ज्योतिष का होता पराभाव

आजकल देखने में आ रहा है कि बहुत से ज्योति सम्मेलन हो रहे हैं जोकि ज़्यादातर धन कमाने वाले ज्योतिषियो एवं टैरो कार्ड रीडर महिलाओं द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं जिनमें कुछ पैसे लेकर ज्योतिष सेवा में लगे बड़े व उच्च विद्वानों को सम्मानित किया जा रहा है यह निहायत ही खेका विषय है कि कोई भी सड़क चलता आदमी एक दो महीने का ज्योतिषी कोर्स कर कुछ तथा कथित धन पिपासु ज्योतिषियो से मिलकर सम्मेलन करवा लेता है तथा वह उन ज्योतिषियों को सम्मानित करता है जो ज्योतिष में कुछ ज्यादा नहीं कर पाए | ये ज्योतिषी समाज को या अपने लाइंट्स को दिखाने के लिए तरह - तरह के प्रपंच रचकर किसी बड़े ज्योतिषी के साथ फोटो खींचने वाला ज्योतिष कर रहे हैं देखने में यह भी आया है कि कोई भी व्यक्ति जो ज्योतिष की सेवा कई वर्षों से कर रहा है वह अपने छोटे व झूठे आदर्श के चलते किसी के भी मंच पर जाकर केवल फोटो खींचा कर एवं पैसा देकर किसी भी ऐरे गैरे व्यक्ति जिसका ज्योतिष से कुछ लेना देना नहीं हैं से कोई मान सम्मान ग्रहण कर लेता है और अपने स्टेटस मे दर्शाता हैं की फलाना फलाना सम्मान मिला,सोचने वाली बात हैं की फिल्मी भांड़ो व सस्ती मॉडलो से ज्योतिषीय सम्मान लेना ज्योतिष जगत मे गंद फैलाने के अलावा क्या उल्लेखनीय कर रहा हैं समझ से परे हैं |

ज्योतिष सम्मेलनों मे अब कोई भी ज्योतिषी ना तो ज्योतिष संबंधी कोई जानकारी बांटता हैं और ना ही कोई ज्योतिषीय सूत्र अथवा शोध ही बताता है,बहुत बार ऐसा भी देखा जा रहा है कि बिना किसी जांच-पड़ताल के किसी को भी ज्योतिष महर्षि अथवा ज्योतिगुरु की उपाधि दे दी जाती है | हमने स्वयं एक जगह देखा की एक नामी ज्योतिषी जो अपने बहुत से चेलो के साथ सम्मेलन मे अतिथी के तौर पर आए थे उन्होने अपने साथ आए एक जानकार व्यक्ति को ज्योतिष गुरु की उपाधि दिलवा दी,बाद मे पता चला की वो उनका ड्राईवर था |     

आजकल ऐसे ज्योतिषीय सम्मेलन भी देखे जा रहे हैं जहां गिने-चुने कुछ लोग जिन्हें हम मंच हैकर के नाम से जानते हैं मंच पर आकर बैठ जाते हैं तथा यही अन्य सभी ज्योतिषी लोगों को सम्मान देते रहते हैं ऐसे में ज्योतिष एवं ज्योतिष का क्या भला होगा भगवान ही जाने |

वैसे भी ग्रह गोचर अनुसार वर्तमान की बात करें तो ज्योतिष सम्मेलन होने का कोई औचित्य बनता ही नहीं है क्योंकि इस समय गुरु राहु के साथ युति कर कर बैठ गए हैं जो दर्शा रहे हैं की ज्योतिष जगत से जुड़े हुए लोगों को राहु का प्रभाव किस तरह से अपने आगोश में ले रहा है यह बहुत ही शर्म का विषय है |

ज्योतिष जगत के बड़े विद्वानों को अथवा ज्योतिष जगत से जुड़े हुए लोगों को इस पर अवश्य ही चिंतन मनन करना चाहिए अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब कोई भी एरा गैरा नत्थू खैरा अपराधी प्रवृत्ति का व्यक्ति चंद पैसे देकर ज्योतिष अथवा ज्योतिषी की उपाधि ग्रहण कर लेगा और समाज में ज्योतिष को ग़लत दिशा की और ले जाएगा अभी भी देखने मे आता हैं कि किसी ठग ज्योतिषी ने किसी जातक को बेवकूफ़ को बनाकर लूट लिया | जब ज्योतिष को बदनाम करने वाले ऐसे तुच्छ ज्योतिषी इस प्रकार के कर्म करेंगे तो किस प्रकार समाज का भला होगा भगवान ही जाने |

ज्योतिष सम्मेलनों मे यह भी देखा जाना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति जो ज्योतिष कर रहा है वो सच मे ज्योतिष कर भी रहा हैं या नहीं,इसके लिए ज्योतिष से जुड़ी कुछ ना कुछ जानकारी उससे अवश्य मांगी जानी चाहिए क्यूंकी नकली ज्योतिषी ना सिर्फ ज्योतिष का नुकसान कर रहे हैं बल्कि सच्चे ज्योतिषी जो अपनी ज्योतिष साधना मे लगे हुये हैं उनका भी अपमान कर रहे हैं |

सम्मेलनों मे जब 1 दिन में 50 से अधिक ज्योतिषियों को सम्मानित किया जाएगा तो ज्योतिष कभी भी हो नहीं पाएगा क्योंकि 1 दिन में इतने लोगों का केवल मान सम्मान का ही समय बच पाता है जिसने ज्योतिष की कोई भी बात नहीं हो पाती है और जो मंच पर बैठे हुए सम्मानित ज्योतिष अतिथि होते हैं वह ज्योतिष पर कोई भी गूढ जानकारी नहीं देते क्यूंकी केवल मान सम्मान अथवा पैसे के लालच मे बुलाये गए होते हैं | इन महान तथाकथित ज्योतिषियो से सामान्य ज्योतिष व हंसी मजाक के अतिरिक्त कोई भी ज्योतिषीय ज्ञान की बातें नहीं बताई जाती हैं |

इस प्रकार देखें तो ज्योतिष का क्षेत्र अब बदनामी का अड्डा बन चुका है ज्योतिष जगत से जुड़े सच्चे लोग भली भांति जानते हैं कि अब किस प्रकार का ज्योतिष किया जा रहा है |

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