जुड़वा संतान होने के क्या योग होते हैं ?
जुड़वा संतान होने के बहुत से लोग हो
सकते हैं परंतु जब भी पत्रिका में मंगल का संबंध सूर्य और बुध से होता है तो
जुड़वा संतान होने की संभावना बढ़ जाती है मंगल को काल पुरुष का लग्न माना जाता है
तथा तृतीय भाव स्वामी बुध से उसकी लग्नेश होकर युवती अथवा दृष्टि संबंध होना जातक
को उसके भाई से जोड़ता है बुध ग्रह जोकि बहुत्व का ग्रह माना गया है तथा सूर्य काल
पुरुष के अनुसार संतान का स्वामी बनता है उसके भी इस योग में शामिल हो जाने पर यमल योग अथवा जुड़वा संतान की संभावना
देता है |
इसके अतिरिक्त यदि अग्नि तत्व का लग्न
हो तो भी संतान प्राप्ति में जुड़वा संतान होने की संभावनाएं बन जाती है |
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