मार्गशीर्ष मास वृश्चिक संक्रान्ति ( 16 नवं. से 15 दिसं. तक, सन् 2022 ई.)
वृश्चिक संकान्ति कालीन गोचर ग्रह स्थिति
फल –
सूर्य-बुध-शुक्र का मंगल के साथ समसप्तक एवं लग्न पर पाप-दृष्टि इस मास में अघटित घटनाओं
को जन्म देगी । विपक्षी पार्टियां सत्तारूढ़ पार्टी की प्रगतिप्रद योजनाओं में
बाधक रहें । देश सुरक्षा हेतु सैन्य समृद्धि जरूरी है ।
सिंहस्थ चन्द्र पर मंगल की दृष्टि प्राकृतिक प्रकोप से हानि का संकेत देती है ।
वृश्चिकसंक्रान्ति - प्रवेशकाल 16नवम्बर, सन् 2022 ई. को 19 घं.14 मि. |
मार्गशीर्ष मास में प्रत्येक राशि के लिए शुभाशुभ फल
मेष - सेहत गड़बड़, अर्थलाभ, निजीजन से अनबन, यात्रा में चोटभय, सन्तानसुख, कारोबार में सुधार हो । नवम्बर की 24, 25 दिसम्बर की 2, 3, 12, 13
अशुभ रहेंगी ।
वृष – वात - पित्तविकार, कार्यान्तर से लाभ,घरेलू झंझट, मित्रों से सहयोग, स्त्रीपक्ष से चिन्ता, स्थानान्तर का विचार बने । नवम्बर की 17, 18, 26,
27 तथा दिसम्बर की 4, 5, 6, 14, 15 अशुभ तरीखे हैं ।
मिथुन - उदरविकार, धनहानि, वृथाव्यय, भाई-बन्धुसुख, सन्तान स्त्रीकष्ट, पार्टनरशिप में हानि, कार्यान्तर का विचार बने । नवम्बर की 19, 20, 21,
28, 29 तथा दिसम्बर की 7,8 तारीखे अशुभ हैं ।
कर्क - चोटभय, अर्थलाभ होकर हानिभय, मित्र बन्धुसुख, सन्तान स्त्री पक्ष से चिन्ता, कारोबार में घाटा,नवम्बर की 22, 23, 30 तथा दिसम्बर की 1,9,10,11 तारीखे अशुभ रहेगी ।
सिंह - वायुविकार, सट्टे आदि से धनहानि, सन्तानकष्ट, शत्रु प्रबल, घरेलू झंझट, सम्पत्ति विवाद से बचें । नवं. की 24, 25 तथा दिसं.की 2, 3, 12, 13 तारीखे अशुभ रहेगी ।
कन्या - रक्त-पित्तविकार, कर्जे से बचें, धनहानि से मन चिन्तित, मित्र से अनबन, सन्ततिकष्ट, स्त्रीसुख । नवं. की 17, 18, 26,
27 तथा दिसं.की 4,5,6, 14,
15 तरीखे अशुभ हैं ।
तुला
- सेहत ठीक, लेकिन क्रोध
को शान्त रखें, वृथा विवाद
से बचें, राजपक्ष से
कष्टभय, निजीजन से
अनबन, कार्यान्तर
से लाभ । नवं. की 19, 20, 21, 28, 29 तथा दिसं. की 7, 8 तरीखे अशुभ रहेगी ।
वृश्चिक - वायुरोग, धनहानि, व्यय अधिक, सन्तानपक्ष व नई योजना से लाभ, कारोबार प्रायः ठीक रहे । नवं. की 22, 23, 30 तथा दिसं.की 1,9, 10, 11 तरीखे अशुभ हैं ।
धनु - उदरविकार,स्त्री-पुत्र हेतु विशेष खर्च हो, नीच व्यक्ति से हानिभय, मित्र,बन्धु से सुख, मासान्त में लाभ हो । नवं. की 24,25 तथा दिसं.की 2, 3, 12, 13 अशुभ रहेगी |
मकर - क्रोध न करें, हानिभय, स्त्रीपक्ष से कष्ट, भ्रातृसुख, धनलाभ होकर विशेष व्यय हो, कारोबार में रुकावट हो । नवं. की 17, 18, 26,
27 तथा दिसं. की 4,5,6, 14,
15 अशुभ रहगी |
कुम्भ - वायुविकार, धनलाभ हो, भाई-बन्धुसुख, सन्ततिकष्ट, शत्रु कमजोर स्त्रीपक्ष शुभ, कारोबार कुछ ठीक न चले ।नवं. की 19,20,21,
28, 29 तथा दिसं.की 7, 8 तरीखे अशुभ रहती हैं ।
मीन - सेहत ठीक, आय-व्यय बराबर, निजीजन-कष्ट, नई योजना से हानि कार्यान्तर व
स्थानान्तर का विचार, स्त्री/सन्तान
से चिन्ता । नवं. की 22, 23, 30 तथा दिसं.की 1,9 10, 11 तारीखे अशुभ रहेगी ।
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