पति का कारक शुक्र होता है या गुरु ?
बृहद पराशर होरा शास्त्र के 32 वें
अध्याय के दसवें श्लोक में स्थिर कारकों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि शुक्र
की स्थिति से पति की स्थिति ज्ञात करनी चाहिए,वही जैमिनी सूत्र के प्रथम अध्याय के
पहले सूत्र में ही कहा गया है कि दादा,पति तथा पुत्र का विचार गुरु कि स्थिति से करना
चाहिए |
वही अगर नाडी सूत्रों की माने तो गुरु
को पति कारक माना जाए क्योंकि गुरु नर है और शुक्र नारी है अतः पति होने का
सौभाग्य गुरु को ही होना चाहिए | नाड़ी सूत्रों में कई उदाहरणों में गुरु को ही
स्त्री का पति माना गया है |
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