6) नीच के ग्रह सामान्य तौर पर क्या करते हैं ?
नीच के ग्रह होने पर सामान्य तौर पर
जातक विशेष को उनसे संबंधित कारकत्वों का सुख ठीक से नहीं मिल पाता, शारीरिक रूप से देखें तो जो ग्रह नीच
का होता है उससे संबंधित तत्व की कमी जातक विशेष में पाई जाती है उदाहरण के लिए
यदि मंगल नीच का हो तो जातक विशेष में ऊर्जा की बहुत कमी होती है जो कि रक्त में
पाए जाने वाले हिमोग्लोबिन के कारण होती है क्योंकि मंगल हिमोग्लोबिन का कारक होता
है इसी प्रकार यदि गुरु नीच का हो तो जातक विशेष के अंदर मेद की कमी पाई जाती है
अर्थात जातक के शरीर में ज्यादा चर्बी नहीं होती | ऐसे में यदि किसी का नीच का चंद्रमा हो
तो बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है क्योंकि चंद्रमा हमारे शरीर में जल तत्व का प्रतिनिधित्व
करता है जिसकी किसी भी प्रकार से कमी हो जाने पर आयु में खतरा बन सकता है तथा जातक
को सोचने समझने की परेशानी हो सकती है |
for video click the link below
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें