समाजिक वर्ण व्यवस्था के अनुसार ही मंत्रों का भी वर्गीकरण किया गया है यह वर्गीकरण मंत्र के आदि अंत में प्रयुक्त बीजमंत्रों के द्वारा निर्धारित किया जाता है |
जाति पर आधारित
मंत्र का वर्गीकरण इस प्रकार से हैं |
ब्राह्मण
मंत्र - इसमें चार बीजाक्षर होते हैं |
क्षत्रिय
मंत्र - इसमें तीन बीजाक्षर मंत्र होते हैं |
वैश्य
मंत्र - इसमें दो बीजाक्षर मंत्र होते हैं |
शूद्र
मंत्र इसमें एक बीजाक्षर मंत्र होता है |
मंत्रों
का वर्गीकरण योनि के आधार पर इस प्रकार से किया गया है |
पुलिंग
मंत्र - इस मंत्र के अंत में “हुं फट” का प्रयोग होता है |
स्त्रीलिंग
मंत्र - इस मंत्र के अंत में “स्वाहा” प्रयोग होता है |
नपुंसक
मंत्र - इस मंत्र के अंत में “नमः” प्रयोग होता है |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें