1)यदि आपको आर्थिक समस्या रहती है तथा आपके कार्यों में प्रकार की रुकावट आती है तो आप प्रातः उठने के साथ ही अपने जन्म मास तथा पक्ष का 21 बार उच्चारण करे |
उदाहरण के लिये यदि आप का जन्म भाद्रपद के शुक्लपक्ष को हुआ है तो आप भाद्रपद शुक्लपक्ष का
नियमित उच्चारण करें । इसी प्रकार सोने के लिये बिस्तर पर जाने पर भी यह उच्चारण करें अर्थात दिन में दो बार करें, प्रातः उठते ही तथा सोते समय ऐसा करे । कुछ ही समय में आपको चमत्कार दिखाई
देगा ।
यह कार्य आप जितने अधिक विश्वास से
करेंगे उतना ही शीघ्र एवं अधिक लाभ दृष्टिगोचर होगा ।
2) यदि आप बेरोजगार हैं तो सूर्यास्त
होते समय सूर्यदेव को प्रणाम कर 21 बार अपनी
जन्मतिथि व योग का उच्चारण करें ।
3) यदि
आप चाहते हैं कि आपको आर्थिक समृद्धि के साथ प्रत्येक सुख की प्राप्ति हो तो आप
नियमित रूप से प्रातः उठते ही अपने जन्म नक्षत्र व तिथि का उच्चारण करें ।
4) यदि
कोई अधिक अस्वस्थ रहता है तो वह प्रातः उठते ही तथा रात्री सोने के लिये जाते समय अपने
दोनों हाथ की हथेलियों को देखते हुये 21 बार जन्म करण व जन्म योग का उच्चारण करे । इससे रोगी को रोग
से मुक्ति मिलकर शरीर स्वस्थ बना रहता हैं ।
5) यदि आपको किसी भी प्रकार का मानसिक
कष्ट है तो आप अपने हाथ की दोनों हथेलियों को खोल कर अपने चेहरे पर लगायें अर्थात्
दोनों ही हथेलियों से अपना चेहरा ढक लें और 21 बार अपने
जन्म नक्षत्र का उच्चारण करें । इसके करते ही आपका कष्ट तुरन्त समाप्त हो जायेगा ।
6) आप यदि प्रातः उठते ही अपने हाथ की
दोनों हथेलियों से अपने चेहरे को ढक कर 21 बार अपनी
राशि का उच्चारण करेंगे तो आपका सारा दिन अच्छा व्यतीत होगा ।
7) यदि आप प्रातः उठते ही 21 बार “लग्नदेवाये नमो नमः” का जाप करेंगे
तो को शारीरिक कष्ट कम प्राप्त होगा तथा आप सदैव स्वस्थ रहेंगे ।
8) यदि आप अस्वस्थ हैं और शीघ लाभ चाहते
हैं तो अपने जन्मनक्षत्र के प्रतिनिधि देवता
के नाम का 21 बार सुबह - शाम उच्चारण
करें । ऐसा करने से आशा से अधिक तथा अतिशीघ्र स्वस्थ होंगे ।
9) दिन में दो बार जन्महोरा के उच्चारण
से शारीरिक स्वस्थता के साथ आर्थिक सुख एवं समृद्धि भी प्राप्त होती है ।
10) अपने गण का 21 बार उच्चारण करने से आपको कभी भी कोई शत्रु हानि
नहीं दे सकेगा ।
11) दिन में दो बार 21 - 21 बार अपनी नाड़ी का उच्चारण करने से संतान
की आयु वृद्धि होती है तथा पूर्ण पारिवारिक सुख भी प्राप्त होता है ।
12) अपनी जन्मयोनि का 21 बार उच्चारण करने से अचानक होने वाली हानि से
बचा जा सकता है ।
13) यदि आप अपने जीवन में किसी भी समस्या
से ग्रस्त हैं तो प्रातः उठते ही शनिदेव के दस नाम,बारह ज्योतिर्लिंग तथा भद्रा के बारह नाम
(भैरवी, दधिमुखी, धन्या, भद्रा, महामारी, खरानना, कालरात्रि, महारूद्रा, विष्टि, कुलपुत्रिका, महाकाली व असुरक्षयकरी) का उच्चारण करें । इससे आप
अपने जीवन में किसी भी प्रकार के संकट से सदैव मुक्त रहेंगे । भद्रा शनि की सगी
बहन है और किसी भी सकंट को उत्पन्न करने में इनकी भी बड़ी भूमिका होती है ।
14) जन्म योनि का 21 बार प्रतिदिन उच्चारण
करने से आत्मबल में वृद्धि होती है ।
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