शुक्र ग्रह जन्म कुंडली में शुक्र 6,8 या 12 भाव में अथवा अपनी नीच राशि कन्या मे या शत्रु ग्रह से युक्त या दृष्ट हो तो अशुभ फलदायक होता है |
शुक्र ग्रह स्त्री, धन-सम्पदा,ऐश्वर्या,वीर्य - भोग, एवं वाहनादि सुख-साधनों का कारक माना जाता है । इस ग्रह की शुभता बढ़ाने के लिए निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मन्त्र का कम से कम 16000 की संख्या में जप करना तथा फिर दशांश हवन करना शुभ कारक माना जाता है ।
तन्त्रोक्त शुक्र मन्त्र - ॐ द्रां
द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः
शुक्र गायत्री मन्त्र - ॐ भृगुजाताय
विद्महे दिव्य देहाय धीमहि तन्नो शुक्रः प्रचोदयात् ॥
सुनिश्चित संख्या में मन्त्र जाप के
अतिरिक्त शुक्र सम्बन्धी वस्तुओं का दान तथा हीरा (Diamond) पहनना, शुक्र यन्त्र धारण करना, शुक्र औषधि स्नान, गोदान, श्वेत एवं क्रीमवर्ण की वस्तुओं का
प्रयोग, श्वेत चन्दन का तिलक, श्री दुर्गा पूजा, श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करना तथा
पाँच शुक्रवार व्रत करके पाँच कन्याओं का पूजन करना एवं उन्हें श्वेत वस्तुओं की
भेंट देने से ग्रह शान्ति होती है ।
शुक्र दान की वस्तुएँ - चाँदी, चावल, मिश्री, दूध एवं दूध से निर्मित क्षीर, बर्फी आदि, श्वेत चन्दन, श्वेत गाय, श्वेत पुष्प, श्वेत वस्त्र, श्वेत फल एवं सुगन्धित पदार्थों आदि का
दान करने का से शुक्र की शुभता में वृद्धि होती है ।
उपाय - कुंडली में यदि शुक्र शुभ एवं
योगकारक होता हुआ भी फलीभूत न हो रहा हो तो निम्न उपाय कल्याणकारी रहते
हैं |
(1) चाँदी की कटोरी में सफेद चन्दन, मुश्कपूर, सफेद
पत्थर का टुकड़ा रखकर सोने वाले कमरे में रखे चन्दन की अगरबत्ती जलाना शुभ होगा ।
(2) घर में तुलसी का पौधा लगाना, सफेद गाय रखना, सफेद पुष्प लगवाना शुभ होगा तथा क्रीम रंग के रेशमी कपड़े में चाँदी
के चौरस टुकड़े पर शुक्र यन्त्र खुदवाकर विधिपूर्वक अपने कर पास रखें ।
शुक्र अशुभ प्रभावी होने की स्थिति में
नीचे लिखे उपाय कल्याणकारी होंगे |
(3) शुक्रवार को श्री दुर्गा पूजन, 5 कन्या पूजन उन्हें खीरादि श्वेत वस्तुएँ देना तथा गौशाला में
शुक्रवार से शुरू करके 7 दिन तक गाय को हरा चारा,शक्कर एवं चरी
खिलाना
|
4)सफेद रंग के पत्थर पर चंदन का तिलक
लगाकर चलते पानी में बहा देना या चांदी के टुकड़े पर शुक्र यंत्र खुदवा कर रेशमी
क्रीम रंग के वस्त्र में लपेटकर शुक्रवार को नीम के वृक्ष के नीचे दबाना |
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