शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

गुरु शान्ति के लिए उपाय

गुरू (बृहस्पति) कुण्डली में 4,6,8,12वें भावों में ही स्थित हो, अथवा नीच राशिगत से (मकर) हो, या शत्रु या अशुभ ग्रहों से दृष्ट या युक्त ग्रह जातक को अशुभ प्रभाव प्रदान करता है । अशुभ गुरू जातक को विद्या में असफलता अथवा विवाह सुख में अड़चनें, पुत्र सन्तान एवं स्त्री कष्ट, भ्रातृ विरोध, शरीर कष्ट, बुद्धि में विकार आदि जैसे अशुभ फल प्रदान करता है ।

गुरु में शुभता लाने के लिए निम्नलिखित किसी एक मन्त्र का 19000 की संख्या में पाठ करना अथवा किसी योग्य ब्राह्मण से करवाना तथा पाठोपरान्त दशांश संख्या में हवन करना कल्याणकारी रहेगा ।

तन्त्रोक्त गुरू मन्त्र - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौ सः गुरवे नमः (जप संख्या 19000)

पुराणोक्त गुरू मन्त्र - ॐ देवानां च ऋषीणां च गुरूं का-चन संन्निभम् ।

बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ।।

गुरु गायत्री मन्त्र - ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरूः प्रचोदयात् ॥

संकल्पपूर्वक मन्त्र जाप के अतिरिक्त गुरू सम्बन्धी वस्तुओं का दान, सुवर्ण या चांदी की अँगूठी में पुखराज पहनना, विधिवत् निर्मित गुरू यन्त्र धारण, औषधि स्नान करना, गुरूवार का व्रत रखना, पीली वस्तुओं का प्रयोग, पीले वर्ण की गौओं की सेवा करना व गाय दान, पीपल वृक्ष की प्रतिष्ठा, ब्राह्मणों को क्षीर सहित भोजन खिलाना, दक्षिणा एवं धार्मिक ग्रन्थों का दान, गायत्री जप इत्यादि करना शुभ है।

गुरू की दान योग्य वस्तुएँ - पीले चावल, चने की दाल, हल्दी, शहद, पीला वस्त्र, पपीता, आम, केले आदि पीले फल, सवत्सा गाय, पीला कम्बल, बेसन के लड्डू, ताम्र एवं कांस्य पात्र, शक्कर, रामायण आदि धार्मिक ग्रंथ केशर इत्यादि वस्तुओं का दान शुभ रहता है ।

पाय - जन्म कुंडली में बृहस्पति शुभ व योगकारक होता हुआ भी शुभ फल प्रकट न कर हो तो निम्नलिखित उपाय करें |

1)सोने या चांदी की अंगूठी में तर्जनी अंगुली में तथा शुभ मुहूर्त में पुखराज धारण करें|

2)27 गुरुवार केसर का तिलक लगाना तथा केसर की पुड़िया पीले रंग के कपड़े या कागज में अपने पास रखना शुभ होता है|

गुरु के अशुभ प्रभाव के निवारण हेतु निम्नलिखित उपाय किए जाने चाहिए|

3)चलते पानी में बदाम एवं नारियल पीले कपड़े में लपेटकर बहाये |

4)पीपल के वृक्ष को गुरुवार एवं शनिवार को गुरु का बीज मंत्र एवं गुरु गायत्री मंत्र पढ़ते हुए जल दे |

5)वृद्ध ब्राह्मण को यथाशक्ति पीली वस्तुएं जैसे चने की दाल,लड्डू,पीले वस्त्र आदि का दान करना चाहिए |

 

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