शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

शनि का कुम्भ राशि परिवर्तन (कर्क राशि)

कर्क राशि वालो के लिए शनि आठवे भाव मे प्रवेश करेगा जिससे इन पर शनि की ढैया आरंभ होगी तथा इनके 10वे,दूसरे व पांचवे भाव पर भी शनि का प्रभाव आरंभ हो जाएगा | इस राशि के जातक के लिए शनि सप्तम और अष्टम भाव के स्वामी बनकर मारकेश के रूप में काम करते हैं ।

जन्म चंद्र से अष्टम भाव में शनि का गोचर हमेशा गहरा परिवर्तन लाता है जीवन का क्षेत्र चाहे वह पेशा हो, चाहे वह पारिवारिक मामला हो, विवाह हो अथव धन हो बदलाव अवश्य होता हैं ऐसे समय में आपके साथ कोई भी बुरी घटना घट भी सकती है | यदि आप स्वस्थ्य संबंधी कार्यक्षेत्र से जुड़े हैं तो शनि के इस गोचर से आपको लाभ मिल सकता है इसके अतिरिक्त वैज्ञानिक अनुसंधान,निर्माण कार्यो से जुड़े कार्य,प्राचीन इतिहास, पुरातत्व ज्योतिष को यदि आप जानते हैं तो इनमे आप करियर के लिहाज से अच्छा करेंगे  | सामान्य तौर पर एक बात निश्चित रूप से जान लें कि मार्च 2025 में जब यह गोचर समाप्त होगा आपका जीवन पहले जैसा नहीं रहेगा | परिवर्तनों से लड़ने की कोशिश न करें क्योंकि इन दो वर्षों में आपके जीवन में कुछ आवश्यक सुधार आएंगे जो आपके जीवन के अगले पड़ाव का आधार बनेंगे ऐसा इसलिए है क्योंकि आठवां घर मृत्यु और पुनर्जन्म का घर है इसलिए जीने का पुराना स्वरूप खत्म हो जाएगा, और आप जीवन मे हमेशा के लिए कुछ बदल जाएंगे आप नए सिरे से शुरुआत करेंगे, आपके लिए एक क्षेत्र निश्चित रूप से बदल जाएगा इस गोचर के दौरान आपका करियर पथ मे राहु और बृहस्पति की उपस्थिति भी ऐसा ही इशारा कर रही है कि करियर में परिवर्तन होने की सबसे अधिक संभावना है | मई के महीनों से नवंबर 2023 से पहले  बल्कि अप्रैल से मई और मध्य जून तक आप अपने में काफी मंथन करते हुए दिखाई देंगे | प्रोफेशनल लाइफ में सितंबर और अक्टूबर के महीने अपने पैसे को भी संभाल कर रखें, ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च न करें और सोच-समझकर निवेश करें हर तरह के सट्टा निवेश व्यसनों और गलत संगत से दूर रहें यहां का शनि आपके लिए विदेश यात्रा या स्थान परिवर्तन ला सकता है स्वास्थ्य के लिहाज से किसी भी तरह की परेशानी को नजरअंदाज न करें, अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें सेहत मे यहां का शनि अवसादपूर्ण सोच ला सकता है बच्चों के स्वास्थ्य की भी देखभाल की आवश्यकता होगी जिसमें आप गहरी रुचि ले सकते हैं अगले दो वर्षों में ज्योतिष या प्राचीन इतिहास मे आपकी रुचि हो सकती हैं | शनि की ऐसी अष्टम भावस्थ स्थिति में आप अपनी वाणी पर काबू रखें,वरना आपको भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता हैं । इस दौरान कोई भी नया कार्य शुरू ना करें तथा ससुराल से किसी भी प्रकार का लेन देन ना करे |

उपाय - इन दो वर्षो मे वाहन सावधानी से चलाएं हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन जाप करें

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