सोमवार, 19 दिसंबर 2022

स्वस्थ्य संबंधी चौपाई

 


भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार ।

चबा चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार ॥

प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी छां ।

सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश ॥

प्रातः दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार |

तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार ||

भोजन करके रात में घूमें कदम हज़ार |

डाक्टर, ओझा, वैद्य का, लुट जाए व्यापार ॥

घूट - घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर |

एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर ||

अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास |

पानी पीजै बैठकर, कभी न आवे पास ||

रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय |

सौगंध राम की खाइ के, तुरंत छोड दो चाय ||

सुबह खाइये कुवंर सा, दुपहर यथा नरेश |

भोजन लीजे रात में, जैसे रंक सुरेश ||

देर रात तक जागना,रोगो का जंजाल |

अपच,आँख के रोग संग,तन भी रहे निढाल ||

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