भारतीय समाज में विवाह जहाँ जन्म - जन्मांतर से चले आ रहे संबंध का घोतक होता है वहीं दूसरी ओर सामाजिक व्यवस्था की रीढ़ भी बनता है । आज भी समाज में जितना महत्व इस व्यवस्था को प्राप्त है, उतना शायद ही किसी और व्यवस्था को हो । कई बार देखने मे आता हैं की विवाह होने के बाद दाम्पत्य जीवन मे किसी एक साथी के व्यवहार कारण कोई न कोई परेशानी लगी रहती हैं | प्रस्तुत लेख मे हम आज इसी पर चर्चा करेंगे तथा ज्योतिषीय दृस्टीकोण से जानेंगे की ऐसा क्यू होता हैं |
पति या पत्नी - दोनों मे से कौन ज्यादा मीन -
मेख निकालता है ?
छोटी - छोटी
बातों पर नाराज होना,तुच्छ और कम महत्त्वपूर्ण बातों पर
बहुत देर तक गंभीरतापूर्वक विचार करना,थोड़ी - बहुत
कमी – पेशी
हो जाने पर चिड़चिड़ाना, मनमाफिक काम न होने पर अप्रसन्नता
जाहिर करना, दूसरे की कमियाँ निकालना आदि बातें ऐसी होती
हैं जो परिवार मे पति
- पत्नी में कम या ज्यादा रूप में पाई जाती है । अब फैसला यह करना है कि कौन मीन -
मेख ज्यादा निकालता है ? इसके लिए हमें हाथों के आकार को देखना
होगा । सामान्यतः हाथों का आकार भिन्न - भिन्न होता है । किसी का हाथ बड़ा है या
छोटा,यह अनुभव एवं अन्य हाथों से परस्पर तुलना करके
जाना जा सकता है । यह आश्चर्यजनक रूप से सत्य है कि बड़े हाथों वाले छोटी से छोटी
बात का भी विस्तृत विश्लेषण करने के आदी होते हैं । किसी भी बात की तह तक जाने की
कोशिश करना इनकी आदत होती है । तर्क - वितर्क में ये माहिर होते हैं ऐसे हाथ के
स्वामी यदि पति हैं, तो वे हमेशा निर्धारित समय पर भोजन
डायनिंग टेबल पर रखा देखना चाहते हैं और अपना एवं घर का सभी सामान नियत स्थान पर
रखा हुआ देखना चाहते हैं । यदि कहीं कोई कमी हुई या एक भी आइटम कम हुआ तो इनके
चेहरे पर अप्रसन्नता के भाव स्पष्ट देखे जा सकते हैं और यदि इनके अनुसार
अनियमितताएं ज्यादा हुईं तो इनके मुखारविंद से निकले शब्द वातावरण को कुछ देर तक
गरम भी कर देते हैं । यदि पत्नी एक बड़े हाथ की स्वामिनी है तो फिर वह बड़ी - बड़ी
प्लानिंग करती नजर आएँगी एवं जब भी बाजार जाएँगी, तो एक लंबी
लिस्ट उनके हाथ या पर्स में अवश्य होगी और यदि उनकी या विशेषकर पति की गलती से कोई
आइटम आने से छूट गया तो वे किसी न न किसी रूप में क्रोध अवश्य निकालेंगी । अनुभव मे देखा गया हैं की यदि ऐसे
पति को किसी बड़े रिसर्च वर्क और ऐसी पत्नी को किसी विषय पर पीएच.डी. में व्यस्त
रखा जाए तो दूसरा पक्ष राहत महसूस कर सकता है ।
कौन ज्यादा गंभीर और संतुलित है ?
विपरीत परिस्थितियों में घबराना और किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना या
संतुलन खो देना,क्रोध में अपना आपा खो देना,ये ऐसी परिस्थितियाँ होती हैं जो कि लम्बी वैवाहिक जिंदगी में
कभी न कभी एक या अधिक बार अवश्य ही आती हैं,इस बात
को जानने के लिए एक बार पुनः हाथों के आकार पर आना होगा । यदि हाथ चौड़े एवं छोटे
हैं तो ऐसे व्यक्ति दिमागी तौर पर ज्यादा स्थिर होते हैं और इनमें समझ भी अन्यों
की अपेक्षा ज्यादा पायी जाती है । ये किसी भी अप्रत्याशित परिस्थितियों में अपने
प्रिजेंस ऑफ माइंड का भरपूर उपयोग करते हैं । इसके विपरीत यदि हाथ लंबा,सँकरा एवं पतला हो तो ऐसे व्यक्ति कल्पना लोक में विचरण करने
वाले होते हैं स्थिति पर सिर्फ एक तरफा विचार कर ये अपनी धारणा बना लेते हैं ।
इनकी प्रवृत्ति अस्थिर अथवा चंचल होती है । यही कारण है कि ये एक साथ कई काम शुरू
करना चाहते हैं,परंतु सफलता बहुत कम में मिल पाती है जल्दी ही घबरा
जाने की इनकी प्रवृत्ति होती है । यदि परिस्थिति पर एकाग्रचित्त होकर ये चिंतन
शुरू करें तो इस अवस्था मे काफी हद तक नियंत्रण पा सकते हैं । यदि हृदय रेखा का
रंग अत्यधिक लाल हो,तो ऐसे लोग क्रोध में अपना आपा खो देते हैं जिसके फलतः
नुकसान स्वयं ही उठाते है ।
कहीं पति आशिक मिजाज तो नहीं ?
‘भारतीय परिस्थितियों में हम पति के ही आशिक मिजाज
होने की चर्चा करेंगे । यदि पति की सबसे छोटी कनिष्ठा अँगुली के नीचे और हृदय रेखा
के उपर बहुत सारी छोटी या बड़ी आड़ी प्रणय रेखाएँ हैं और हृदय रेखा के समान्तर
शुक्र पर्वत पर कई रेखाएँ उठ रही हों तो इसका स्पष्ट मतलब है कि आपके पति के
संपर्क में कई महिलाएँ आती हैं,परंतु वे उनसे कितने गहरे जुड़े हैं,यह जानने के लिए आपको चंद्रपर्वत से निकल कर भाग्य रेखा में
जुड़ने वाली रेखाओं को देखना होगा । यदि ऐसी एक या अधिक रेखाएँ पायी जाएँ तो
पत्नियों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है । ध्यान रहे कि किसी पर काबू पाने के
लिए आपका प्यार सबसे बड़ा हथियार है और इसी हथियार से आप बाजी अपने पक्ष में कर
सकती हैं । यहाँ एक बात और स्पष्ट कर दे कि कई हस्तरेखाविदों का विचार है कि यदि
शुक्र पर्वत उभरा हुआ हो
तो व्यक्ति आशिक मिजाज होता है,वस्तुतः ऐसा नहीं होता है । प्रेम और शुक्र पर्वत का रिश्ता तो
है,परंतु शुक्र पर्वत का विकसित होना उस व्यक्ति की ओर
संकेत करता है जिसमें सहानुभूति और 'सेंस आफ ह्यूमर' भी कूट - कूट कर भरा है । प्रारंभ में लिखी बातों के साथ यदि
किसी व्यक्ति के हाथ में हृदय रेखा मध्यमा अंगुली के नीचे शनि पर्वत पर स्पष्ट रूप
से घुसी हुई दिखे तो घबराने की बात नहीं है । आपके वैवाहिक जीवन पर कोई खतरा नहीं
है व्यक्ति अपने इश्क के इन चक्करों को बाहर के बाहर ही निपटा लेगा और किसी से
गहरे रूप में जुड़ने से पहले ही फिर किसी नई मंजिल की तलाश में निकल पड़ेगा ।
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