रविवार, 12 जून 2022

विवाह के लिए शुभ तिथियाँ



हमारे ज्योतिष शास्त्र में विवाह अथवा पाणिग्रहण संस्कार के लिए कुछ शुभ तिथियां बताई गई हैं, जिनमें विवाह करने से भावी दांपत्य जीवन काफी सफल रहता है ।

प्रस्तुत इस लेख में हमने यह बताने की कोशिश की है कि अलग-अलग तिथियो में विवाह करने से क्या प्रभाव मिलते हैं ।

1) प्रथमा - वर पक्ष के लिए कन्या दुखों को जन्म देती हैं ।

2) द्वितीया - वर को कन्या का भरपूर प्यार मिले, जीवन प्रेममय रहे |

3) तृतीया - कन्या भाग्यवान हो ।

4) चतुर्थी – वर - वधू के धन का नाश करना ।

5) पंचमी - दोनों का जीवन मंगलमय हो ।

6) षष्ठी - विवाह होते ही हर काम में रुकावटें आने लगे |

7) सप्तमी - हर प्रकार से सुख देने वाली कन्या की प्राप्ति हो ।

8) अष्टमी - किसी भी प्रकार का फल न मिले ।

9) नवमी – दूल्हे को हर समय मातम देने वाली दुल्हन मिलती हैं

10) दशमी - सुख देने वाली दुल्हन, जिससे पूरे परिवार को सुख मिले ।

11) एकादशी - दुल्हन के आने से पूरे परिवार में खुशियां आए ।

12) द्वादशी - दुल्हन जो सभी सुखों को प्रदान करती है ।

13) त्रयोदशी - ऐसा विवाह जिससे मान सम्मान बढ़ता है जिससे नाम कमाने वाले बच्चे पैदा होते हैं।

14) चतुर्दशी - परिवार को कलंकित करने वाला विवाह होता हैं

15) पूर्णमासी - ऐसा विवाह होना चाहिए जो हर प्रकार से सुख-समृद्धि प्रदान करे ।

16) अमावस्या - असफल विवाह, या तो तलाक या दोनों में से किसी एक की मृत्यु हो जाती हैं

इस प्रकार स्पष्ट रूप से कहा जा सकता हैं की विवाह के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी,त्रयोदशी और पूर्णमासी को विवाह करना शुभ होता है |

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