12 जुलाई, 2022 को वक्री शनि पुनः मकर राशि में प्रविष्ट होगा तथा 16 जनवरी, 2023 ई. तक मकर राशि में ही संचार करेगा ।
मेष राशि – इस राशि से शनि दशमस्थ
होने से संघर्ष एवं विघ्नों के बावजूद निर्वाह योग्य आय होती रहेगी | गुरु
के 12वे तथा रजत पाया होने से धन लाभ व उन्नति के अवसर मिलते रहेंगे |
वृष राशि – इस राशि से शनि नवमस्थ होने से भाग्य उन्नति में विघ्न एवं विलंब पैदा
होंगे | खर्च
अधिक एवं लाभ कम होगा | शनि
का पाया भी लौह होने
से घरेलू एवं आर्थिक मुद्दों के कारण गुप्त चिंताएं रहेंगी |
मिथुन राशि - से
अष्टम शनि होने से शनि की ढैया का प्रभाव रहेगा जिससे मानसिक तनाव,बनते कामों में
अड़चनें तथा धन प्राप्ति के मार्ग में रुकावटे मिलेंगे परंतु शनि का पाया तांबा होने
से निर्वाह योग्य आय के साधन तथा कुछ बिगड़े कामों में सुधार होगा |
कर्क राशि - से
शनि सप्तमस्थ होने
से व्यावसायिक परेशानियां
आय कम तथा खर्च
अधिक होंगे परंतु इस राशि पर गुरु की दृष्टि तथा सोने का पाया होने से बिगड़े कामों में सुधार
होगा,शुभ
कार्यों की सूची तथा पद उन्नति
के योग बनेंगे | व्यवसाय कारोबार में भी वृद्धि होगी |
सिंह राशि से
शनि छठे भाव में होने से विषम परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य धन मिलता रहेगा | शनि का पाया
रजत होने से पूर्व में किए गए प्रयासों में सफलता मिलेगी,वाहन आदि का सुख
मिलेगा जिन पर खर्चा भी होगा |
कन्या राशि - से
शनि पंचमस्थ होने से सोची हुई योजनाओं में विघ्न-बाधाएं होंगी। शनि का पाया लौह
होने पर भी गुप्त चिन्ताएँ, निकट-बन्धुओं से कलह-क्लेश, रोग
व अत्यधिक खर्च होने के संकेत हैं।
तुला राशि - को
शनि चतुर्थ होने से शनि की ढैय्या का दुष्प्रभाव रहेगा । जिससे धनहानि, वृथा
कलह-क्लेश, खर्च आदि रहेंगे। परन्तु शनि का पाया ताम्र
होने से परिवार में मंगल कार्य सम्पादित होने एवं शुभ कार्यों पर खर्च होने के योग
बनेंगे ।
वृश्चिक राशि - से
शनि तृतीयस्थ होने से तथा शनि का पाया चाँदी होने से शुभफल घटित होंगे। परिश्रम से
आय के साधन बढ़ेंगे तथा भूमि, विवाह व सवारी आदि सुखों की प्राप्ति
होगी ।
धनु राशि - को शनि की साढ़ेसाती तथा
शनि का पाया सुवर्ण होने से घरेलु एवं आर्थिक उलझनें, धन
का खर्च अधिक रहे । अत्यधिक संघर्ष के बावजूद बीच-बीच में धन लाभ के अवसर प्राप्त
होते रहेंगे ।
मकर राशि - को
लग्न भाव पर ही शनि-साढ़ेसाती एवं शनि का पाया लौह होने से मानसिक चिन्ताएं अधिक,
व्यवसायिक परेशानियां तथा खर्च अधिक रहेंगे । शनि का पाया भी लौह होने से घरेलु व आर्थिक उलझनें बढ़ेगी ता 16 जुला से 16
अग. तक शनि-सूर्य मध्य समसप्तक योग नई-नई परेशानियां उत्पन्न करेगा ।
कुम्भ राशि - से
शनि द्वादशस्थ होने से (शनि-साढ़ेसाती भी रहेगी) व्यवसायिक उलझनें, वृथा
भागदौड़, धन का खर्च अधिक होगा, परन्तु
शनि का पाया सोना होने से वृथा दौड़धूप अधिक एवं मानसिक तनाव रहेगा । -
मीन राशि - इस
राशि को शनि एकादशस्थ होने तथा पाया ताम्र होने से शुभ फल घटित होंगे,काफी मेहनत के बाद धन लाभ व उन्नतगी के अवसर मिलेंगे
गुरु का भी इसी राशि से गोचर होने से मान सम्मान संतान व स्त्री सुख तथा तीर्थ यात्राए
भी होंगी |
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