मूलांक व्यक्ति के जीवन को बहुत
प्रभावित करते हैं ।
आइए, जानें कि विभिन्न मूलांक वालों को किन
रोगों के आक्रमण हो सकते हैं तथा उनसे बचाव के क्या उपाय हैं ।
मूलांक -1
रोग : हृदयाघात, हृदय रोग, सिरदर्द, दांत संबंधी रोग, नेत्र रोग, बुढ़ापे में कम सुनाई देना ।
क्या करें : उगते सूर्य को जल चढ़ाएं ।
रविवार को व्रत करें बिना नमक का भोजन करें ।
रंग : पीला, सुनहरा, हल्का भूरा, नारंगी, लाल । काले रंग से बचें |
रत्न : ढाई रत्ती या उससे अधिक का
माणिक्य सोने या तांबे में रविवार को धारण करें ।
मूलांक - 2
रोग : मंदाग्नि, मानसिक दुर्बलता, अनिद्रा, फेफड़ों संबंधी रोग आदि ।
क्या करें : शिव की नित्य उपासना ।
रंग : हल्का हरा, अंगूरी, दूधिया सफेद, क्रीमी ।
रत्न : 4 रत्ती या उससे अधिक वजन का
मोती सोमवार को धारण करें ।
मूलांक - 3
रोग : हड्डियों का दर्द, गले का रोग, शुगर, गैस, घुटनों एवं पीठ का दर्द, आदि ।
क्या करें : विष्णु सहस्रनाम का पाठ
करें । पूर्णिमा और गुरुवार का व्रत करें
।
रंग : पीला, गुलाबी, हल्का, जामुनी, सफेद ।
रत्न : साढ़े 5 रत्ती का पुखराज
गुरुवार को पहनें ।
मूलांक - 4
रोग : खून की कमी, सिरदर्द, पीठदर्द, नेत्र रोग, टांग में चोट, अपच आदि ।
क्या करें : गणेश जी की आराधना करें ।
गणेश चतुर्थी का व्रत करें ।
रंग : नीला, भूरा, धूप-छांव । यदि अंक 4 अशुभ है तो नीले
वस्त्र न पहनें ।
रत्न : साढ़े 6 रत्ती का गोमेद पंचधातु
की अंगूठी में बुधवार को धारण करें ।
मूलांक - 5
रोग : जुकाम-नजला, याददाश्त बिगड़ना, नेत्र रोग, अपच, हाथों में दर्द, कंधों में दर्द, सिर दर्द, लकवा ।
क्या करें : गणेश जी की उपासना करें ।
रंग : हल्का भूरा, हल्का हरा, सफेद । गहरे रंगों से बचें ।
रत्न : 3 रत्ती से अधिक का पन्ना
बुधवार को धारण करें ।
मूलांक - 6
रोग : फेफड़ों के रोग, मूत्र-विकार, गला और नाक के रोग, शुगर, पथरी, गुप्त रोग, गुर्दे संबंधी रोग ।
क्या करें : शुक्रवार का व्रत करें ।
रंग : हल्का नीला, गुलाबी, सफेद । गहरे बैंगनी और काले रंग से
बचें ।
रत्न : ढाई रत्ती का हीरा चांदी या प्लेटिनम
में शुक्रवार को धारण करें |
मूलांक - 7
रोग : रोग, थकावट, अपच, नेत्र-रोग, उल्टी-दस्त, रक्तचाप सिरदर्द, फेफड़ों संबंधी रोग ।
क्या करें : हनुमान की उपासना करें ।
रंग : सफेद, गुलाबी, हल्का हरा। काले रंग से बचें |
रत्न : सवा 6 रत्ती का लहसुनिया
पंचधातु या चांदी में मंगलवार को धारण करें ।
मूलांक - 8
रोग : लीवर संबंधी रोग, मानसिक रोग, दुर्घटनाएं, आंतरिक चोटें, जोड़ों का दर्द, अपच, रक्त-विकार आदि ।
क्या करें : शनि की उपासना ।
रंग : काला, नीला, गहरा भूरा, बैंगनी ।
रत्न : सवा 4 रत्ती का नीलम सोने में
शनिवार को धारण करें । पंचधातु या काले घोड़े की नाल की अंगूठी भी पहनी जा सकती है
।
मूलांक - 9
रोग : मांसपेशियों के रोग, दुर्घटनाएं, रक्तविकार, सिरदर्द, दांतदर्द, गुप्त रोग, मूत्र रोग, मस्सा (पाइल्स) ।
क्या करें : हनुमान जी की उपासना ।
रंग : लाल (रक्त जैसा), गहरा गुलाबी । लाल रूमाल रखें ।
रत्न : 5 रत्ती का मुंगा सोने में
मंगलवार को पहनें ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें