25 मई से नौतपा आरम्भ होने जा रहा है ! प्रत्येक वर्ष जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तब नौतपा आरम्भ होता है ! इस बार सूर्य देव 25 मई, गुरुवार को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 8 जून तक इसी नक्षत्र में विराजमान रहेंगे। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में रहने की अवधि 15 दिन की है । इन 15 दिनों के पहले के 9 दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं ! इन्हीं शुरुआती नौ दिनों को नौतपा के नाम से जाना जाता है ! सूर्य 25 मई गुरुवार को 21.00 बजे रात से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, जहां वह 8 जून को 18.54 बजे तक रहेंगे ! इस बार सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 14 दिन तक ही रहेंगे !
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, चंद्र रोहिणी नक्षत्र के स्वामी हैं और
शीतलता के कारक ग्रह हैं। ऐसे में रोहिणी नक्षत्र में सूर्य के प्रवेश से वातावरन
पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इस दौरान पृथ्वी को पूर्ण रूप से शीतलता नहीं मिलती है
और तपमान में सर्वाधिक बढ़ोतरी हो जाती है। नौतपा का वर्णन श्रीमद्भगवद्गीता में भी
किया गया है।
वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार जब सूर्य
की सीधी किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं तब वातावरण अत्यधिक गर्म हो जाता है, जिससे तापमान में बढ़ोतरी होती हैं
। जिससे तटीय क्षेत्रों में बारिश और तूफान की संभावना बढ़ जाती है और आंधी और तूफान आने
की
स्थिति बन जाती है ! ग्रहों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए देश के पूर्वी पश्चिमी
और दक्षिणी भाग में दैवीय आपदाएं आने की सम्भावना है !
नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर प्रभाव डालती है ! इससे प्रचण्ड गर्मी होती है तो मानसून में अच्छी बारिश होने के आसार बनते हैं ! मान्यता है कि यदि इन नौ दिनों के दौरान ही बारिश होने लगे तो इसे नौतपा का गलना माना जाता है ! फिर अच्छे मानसून की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है ! यदि नौतपा के सभी दिन पूरे तपें, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता है !
इस बार नौतपा से पहले ही कुछ क्षेत्रों
में बारिश हो चली है जो कि अच्छा संकेत नहीं है ! सूर्य के वृष राशि में होने से
धरती के एक हिस्से में भारी गर्मी पड़ती है ! अब नौतपा से ही आशा है कि यदि यह खूब
तपा तो भारी बारिश होगी नहीं तपा तो मानसून बिखरा बिखरा रहेगा ! यह भी कहा जा रहा
है कि नौतपा के आखिरी दो दिन तेज हवा-आँधी चलने व बारिश होने के भी योग हैं ! हालांकि कुछ ज्योतिषियों का मानाना है कि इस
बार शुरुआती 6 दिनों में गर्मी के साथ ही उमस भी
बहुत रहेगी ! नौ दिन में से अंतिम 3 दिन हवाएं खूब तेज चलेगी ! कहीं कहीं मध्यम बारिश की सम्भावना है तो
कहीं बौछारो के साथ अच्छी बारिश होगी ! यानी मानसून अच्छा होगा जिससे किसानों को फायदा होगा उन्हें फसल का
अच्छा मूल्य मिलेगा !
ज्योतिष शास्त्र की मान्यता के अनुसार सूर्य की ऐसी स्थिति अमंगल और अशुभता का संकेत देती हैं ! ज्योतिष शास्त्र में इस दौरान कई कार्य करने की मनाही की जाती है ! इसलिए इन दिनों में कुछ भी नया कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि नौतपा के दिनों में किसी भी कार्य में सफलता मिलने की सम्भावना कम हो जाती है !
आइए जानते हैं कि कौन कौन से कार्य
नौतपा के दिनों में नहीं करना चाहिए !
1. नौतपा के दौरान सूर्य की भीषण गर्मी, धूल भरी आंधी और वर्षा की सम्भावना आदि
को देखते हुए लोगों को शादी, विवाह जैसे शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए !
2. कहीं बाहर की यात्रा पर जाने से बचना
चाहिए !
3. धूप में कम से कम बाहर निकलना चाहिए !
4. बाहर निकलते समय सर ढक कर रखना चाहिए !
5. पानी बार बार पीते रहना चाहिए !
6. धूप से चलकर आने के बाद तुरन्त फ्रीज का ठण्डा पानी नहीं पीना चाहिए
!
7. इन दिनो आम का पना सेवन करना चाहिए !
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