बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

वैदिक ज्योतिष में रोजगार स्थिति

व्यक्ति को जीवन में रोजगार, व्यवसाय, पद प्राप्ति, नौकरी आदि के कौन कौन से अवसर कुण्डली के अनुसार प्राप्त होंगे अथवा जातक की आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी, इसके सम्बंध में यहाँ विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की जा रही है !

यहां कुछ मूल सिद्धांतो, ग्रहों के सामंजस्य से बनते रोजगार एवम व्यवसायों, पद प्राप्ति व नौकरी प्राप्ति से सम्बंधित समस्याओं पर प्रकाश डाला जा रहा है !

1)व्यक्ति को सरकारी सेवा/नौकरी/रोजगार/व्यापार अथवा कोई उच्च पद प्राप्त होगा या नहीं, यह जन्मकुण्डली के प्रथम, द्वितीय, दशम एवम एकादश भावों में ग्रहों की स्थिति एवम इन भावों के स्वामी ग्रहों की स्थिति एवम इन सब पर पड़ने वाले अन्य ग्रहों के प्रभाव पर निर्भर करता है !

2)यदि दसवें भाव का स्वामी ग्रह किसी प्रकार भी पहले, दूसरे, छठें एवम ग्यारहवें भावों से सम्बंध रखता है तब व्यक्ति को हर हालत में अच्छे रोजगार की प्राप्ति होती है तथा वह पूर्णतया लाभदायक सिद्ध होता है !

3)जन्मकुण्डली में अधिकांश ग्रह जिन राशियों में हों उस राशि के तत्व गुण,स्वभाव एवम जिस जिस रोजगार/नौकरी का वह राशि सूचक होती है, व्यक्ति का स्वाभाविक झुकाव अक्सर उन्हीं कार्यों की तरफ़ होता भी है !

4)दो या दो से अधिक क्रूर ग्रहों के साथ केतु जब मेष, वृश्चिक, मकर या कुंभ में से किसी राशि में स्थित हों तब व्यक्ति को निराशा, असफ़लता, हार तथा बार बार नौकरी छूटने का कष्ट सहन करना पडता है !

5)दसवें भाव का स्वामी ग्रह शुभ स्थिति में नौवें या बारहवें भाव में वृहस्पति के साथ स्थित हो तब व्यक्ति दूर दराज के शहर या विदेश में सफ़लता प्राप्त करता है  !

6)जब जन्म कुण्डली में शनि से आगे राहु (जैसे जन्मकुण्डली में शनि पांचवें भाव में और राहु सातवें भाव में) हों और इन दोनों के मध्य अन्य कोई ग्रह ना हो तब व्यक्ति को पहले 35 वर्ष तक की आयु में रोजगार सम्बम्धी कष्टों और परेशानियों का सामना करना पड सकता है,किसी भी काम में उसके पूरी तरह से पैर नही जम पाते !

7)जन्मकुण्डली मे बुद्ध ग्रह कहीं भी अकेला एवम अशुभ प्रभाव से दूर स्थित हो तब व्यापार में जातक अत्यधिक उन्नति प्राप्त कर सकता है !

8)यदि अधिकांश ग्रह जन्मकुण्डली में तीसरे, दसवें, ग्यारहवें एवम बारहवें अथवा 7,8,9,10,11 एवम 12 वें भाव में बैठे हों और उन्हीं में सूर्य ग्रह भी सम्मिलित हो तब जातक के लिये नौकरी करना अथवा जनहित विभागों में कार्य करना ही लाभ प्रद रहता है,ऐसे व्यक्ति व्यापार में कभी प्रगति नही कर सकते हैं !

9)10वें भाव में स्थित ग्रह अथवा 10वें भाव का स्वामी ग्रह व्यवसाय, व्यापार, रोजगार या नौकरी की दिशा निश्चित करता है !

कोई टिप्पणी नहीं: