गुरुवार, 28 नवंबर 2024

मांगलीक दोष के परिहार एवं अपवाद के 60 योग


1)कुण्डली में मंगल दोष देखने के लिऐ लग्न व चन्द्रमा से मंगल व शुक्र स्थिति पर विचार करना चाहिए ।

2)लड़के व लड़की दोनों की कुण्डली में मंगल (1-2-4-7-8-12) कहीं भी हो तो मंगली दोष नहीं होता है ।

3)जिन भावों में मंगल होने से मंगली दोष होता है, उन्हीं भावों में (1-2-4-7-8-12) कहीं भी यदि शनि ग्रह हो तो मंगलदोष नहीं होता है ।

4)यदि सातवें घर का कारक शुक्र पाप ग्रहों से युक्त दृष्ट न हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

5)यदि शुक्र शुभ स्थिति में हो. और शुभ ग्रहों का प्रभाव हो तों मंगली दोष नहीं होता ।

6)मंगल दूसरे घर में हो और दूसरे घर में मिथुन व कन्या राशि हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

7)मंगल चौथे घर में हो और चौथे घर में मेष या वृश्चिक राशि हो तो मंगली दोष नही होता ।

8)मंगल सातवें घर में कर्क राशि में हो तो मंगल दोष नहीं होता ।

9)मंगल आठवें घर में धन या मीन राशि में हो तो मंगल दोष नहीं होता ।

10)मंगल बारहवें घर में वृष या तुला राशि में हो तो मंगल दोष नहीं होता ।

11)राहु यदि शुभ राशि में व शुभ ग्रहों के साथ केन्द्र त्रिकोण आदि में होकर मंगल को देखता हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

12)सातवें घर का स्वामी बलवान हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

13)गुरु सातवें घर में हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

14)सातवें घर में शनि व शुक्र हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

15)शुभ ग्रह से युक्त व वृष तुला में स्थित शुक्र यदि मंगल को देखें तो मंगली दोष नहीं होता ।

16)उक्त योग न पडे, किंतु कुण्डली में चन्द्र गुरु शनि शुक्र बलवान हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

17)यदि लग्न में मकर, मेष, सिंह व वृश्चिक राशि हो तो मंगल दोष नहीं होता हैं |

18) दि दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें, बारहवें घर में कोई भी मेष, सिंह, वृश्चिक व कर्क राशि हो तो मंगल दोष नहीं होता ।

19)सातवें घर का स्वामी कोई भी ग्रह यदि शुक्र के साथ हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

20)1-4-5-7-9-10 (लग्न केन्द्र त्रिकोण) में गुरु, शुक्र बलवान हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

21)सातवें घर का स्वामी बलवान होकर शुभ ग्रह दृष्ट हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

22)मंगल को शनि ग्रह देखे या इनकी युति हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

23)दूसरे व सातवें घर में शुभ ग्रह बलवान हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

24) लग्न मे शुभ ग्रह उच्च का व स्वक्षेत्री हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

25)बलवान शुक्र 1-2-4-7-12 भाव में हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

26)शुक्र छठे व बारहवे भाव में मीन वृष व तुला राशि का हो तो मंगली दोष नहीं होता ।

27)यदि जन्म राशि मैत्री हो और तीस से अधिक गुण मिलते हो तो भी मंगली दोष का निवारण होता है ।

28)यदि मंगल शत्रु क्षेत्री हो अथवा अस्त हो तो मंगली दोष का विचार नही करना चाहि|

29)यदि धन स्थान में चन्द्रमा और शुक्र की युती हो तो मंगल दोष समाप्त हो जाता है |

30)यदि केन्द्र में चन्द्रमा और मंगल की युती हो तो मंगल शान्त हो जाता है ।

31)बली गुरु शुक्र लग्न या ७ भाव में हो तो भी भौम दोष नहीं रहता ।

32)यदि कन्या की कुंडली में जहां मंगल हो, उसी स्थान पर वर की कुण्डली में कोई प्रबल पाप ग्रह हो तो भौम दोष नहीं रहता ।

33)मेष राशि का मंगल लग्न में या वृश्चिक राशि का मंगल ४ भाव में या मकर का सातवें या कर्क का आठवे या धनु राशि का मंगल १२ वे हो तो भौम दोष नहीं रहता |

34)दूसरे भाव में चन्द्र शुक्र हो, मंगल गुरु की युति हो या गुरू पूर्ण दृष्टि से मौन को देखता है केन्द्र भाव में राहु अथवा मंगल राहु कहीं इकट्टठे हो ।

35)केन्द्र त्रिकोण में शुभ ग्रह तथा 3-6-8-11 वें भाव में पाप ग्रह हो तो भी न दोष शान्त हो जाता है ।

36)वक्री नीच, अस्त अथवा शत्रु क्षेत्री मंगल 1-4-7-8-12 वे भाव में हो तो भी मंगल दोष नहीं रहता है ।

37)मंगल, गुरु साथ हो अथवा चंन्द्र, मंगल साथ हो |

38)चन्द्र 1-4-7-10 भाव में हो |

39)राहु दशम स्थान में एवं शनि एकादश भाव में हो। शनि लग्न से 1-4-7-8-12 वे भाव में हो ।

40)लग्न से गुरु 1-4-5-7-9 अथवा 10 में भाव मे हो ।

41)शनि - मंगल एक साथ हो अथवा मंगल पर शनि की पूर्ण दृष्टी हो ।

42)राहु षष्टम भाव मे हो ।

43)मेष तथा सिंह लग्न वाला मंगलिक नहीं होता |

44)मंगल सूर्य के साथ - अस्त मंगल दोष हीन होता है ।

45)7वें स्थान में गुरु 4-9-12 अंको के साथ शुक्र ।

46)7वें भाव मे 2 या 7 अंक के साथ अकेला शुक्र ।

47)वधु की कुण्डली में जिस राशि या अंक के साथ चन्द्रमा हो तथा वर की कुण्डली ने उसी राशि या अंक के साथ मंगल हो ।

48)शनि मंगल 1-2-4-7-8-12 भावों में एक साथ हो |

49)मंगल शुक्र की युति या दृष्टि हो ।

50)कर्क लग्न वाला मंगलिक नही होता |

51)सिंह लग्न वाला भी मंगल दोष से हीन है ।

52)वृष लग्न में मंगल 12 या 4 और प्रथम भाव में ।

53)तुला लग्न में मंगल 12-4-1 भाव में मंगल का दोष नहीं होता ।

54)राहू 1-4-7-10 भाव में |

55)मंगल और राहु की युति हो ।

56)मंगल चर राशि (1-4-7-10) में कुज दोष नहीं होता ।

57)मंगल सिंह राशि और कुंभ राशि में स्थिति मंगल का दोष नहीं होता ।

58)मंगल द्वारा रूचक योग होने पर मंगल दोष नहीं होता |

59)मंगल अश्विन, मघा तथा मूल नक्षत्र में मंगल दोष नही होता ।

60)सूर्य और चन्द्र के क्षेत्र (सिंह और कर्क राशि) में जिस जातक का जन्म हुआ है उस को मंगल का दोष नहीं रहता |

 

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