शुक्र लग्न में होतो सफेद दांत, कटु स्वाद व कला अथवा गायन का शौकीन बनाता हैं |
द्वितीय भाव में
शुक्र हो तो
चमकती हुई आंखें, सुंदर पत्नी, हर
आठ साल में भाग्य उदय,
हर ढाई साल में 3 महीने अच्छे होते हैं |
शुक्र तीसरे घर
में होतो बहन
के जन्म के बाद जातक का लेख सुधरे (सुलेख)
चतुर्थ भाव में
शुक्र होने से जातक समृद्ध
परिवार में जन्म लेता हैं परंतु जातक
का विवाह देर से होता है |
पंचम भाव में
शुक्र सप्ताह में 4 या 5 फिल्में देखने
की इच्छा देता है और जातक स्कूल
कॉलेज मे प्रेमियों,
व पाठ्येतर
गतिविधियों का शिकार बन सकता है ।
छठे भाव में
शुक्र, अधिक भोजन करना और आसान काम करना बताता हैं |
7वे भाव मे शुक्र जोरू का ग़ुलाम बनाता हैं पति धनवान होता हैं जो पत्नी को उसके माता-पिता के पास जाने की अनुमति नहीं देता है |
आठवें भाव में
शुक्र, धनवान ससुर और स्त्रीयो मे गुप्त रोग देता हैं |
नवम भाव का शुक्र जातक को धार्मिकता और सीखने की प्रवृति देता
हैं |
दसवें भाव में
शुक्र व्यवसाय में भाग्यशाली, मधुरभाषी, धनी
पति व बड़े लोगों के साथ काम करने की योग्यता देता है |
11वें घर में
शुक्र बड़े मित्र देता
हैं हैं और लोग उससे बहुत प्यार करते हैं ।
बारहवें घर में
शुक्र गुप्त प्रेम संबंध,शीघ्र विवाह प्रदान करता हैं,शनि मंगल से दृस्ट होने पर जातक जातिका एक ही घर
में रहते है
लेकिन उनका यौन
जीवन नहीं होता, स्त्री पत्रिका मे इस शुक्र पर मंगल
की दृष्टि होने पर विवाह से पहले गर्भवती होना बताता हैं |
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