मंगलवार, 7 अगस्त 2018

नवांश कैसे निकाले


जब भी कोई ग्रह है किसी भी राशि में कुछ अंशों में होता है तो उस ग्रह को 3 डिग्री 20 मिनट से भाग देने पर जो आता हैं उसे गुजरे हुये लग्न की संख्या को 9 से गुणा कर उसमे जोड़ना चाहिए तथा 12 से भाग देने पर जो संख्या आए उसे लग्न मान लेना चाहिए जिससे हमें वह किस नवांश में होगा इसका पता चलता है |

जैसे 11/10/1942 16:00 इलाहाबाद मे जन्मे श्री अमिताभ बच्चन का कुम्भ लग्न हैं जिसके अंश लग्न 23 डिग्री 20 मिनट का है इसे 3 डिग्री 20 मिनट से भाग देने पर हमें सातवां नवांश मिलता हैं उनका लग्न कुंभ है वांश में कौन सा लग्न बनेगा यह जानने के लिए हम मकर लग्न (क्यूंकी इतने लग्न गुजर गए हैं) अथवा 10 की संख्या को 9 से गुणा कर उसमें सात जोड़ेंगे (क्यूंकी उनका सातवा नवांश हैं) 10 * 9 + 7 को 12 से भाग देने पर हमें 97/12 अर्थात एक शेष मिलता है जो की प्रथम राशि अर्थात मेष लग्न का नवांश का होना बताता है अमिताभ जी का मेष नवांश ही है |

19/11/1917 23:00 इलाहाबाद मे जन्मी श्रीमती इंदिरा गांधीजी का लग्न 27 डिग्री का है जिसे 3 डिग्री 20 अंश से भाग देने पर 9वा नवांश आता हैं चूंकि लग्न कर्क राशि का है अर्थात 3 लग्न गुजर चुके हैं इस 3 को 9 से गुणा करने पर 3 * 9 =27 आया जिसमे 9 (गुजरे नवांश) जोड़ने पर 36 आया जिसे 12 से भाग देने पर हमें शेष शून्य प्राप्त होता है जिसे 12 भी मान सकते हैं क्यूंकी राशियाँ 12 होती हैं इसलिए मीन लग्न का नवांश बनता हैं | इन्दिरा जी नवांश मीन ही हैं |

कोई भी ग्रह नवांश किस राशि में जाएगा इसका पता लगाने के लिए ग्रह की डिग्री मिनट और राशि को निम्न प्रकार से रखना चाहिए |

जैसे शनि 22 डिग्री 03 मिनट का वृश्चिक राशि में हो तो 7 * 30 +22.55 अर्थात 23205 आया अब इसे 3.33 से भाग देने पर हमें 69.62 प्राप्त होता है जिसे 12 से भाग देने पर 9॰62 अर्थात 10 राशि (मकर लग्न) आता है | जो यह स्पष्ट करता हैं की वृश्चिक राशि का यह शनि जिसके 22 डिग्री 03 मिनट हैं मकर नवांश मे जाएगा |


1 टिप्पणी:

पं .आर.पी.ओझा भारद्वाज ९४२५३३६८६८ ने कहा…


मैंने आपके गणना को और ही सरल और सदैव याद रहने योग्य बना दिया है -- संभतः पसंद आएगा |

कोई गृह या लग्न किसी राशी में जिन अंशों पर हो तो उस गृह/लग्न के अंशों में ३-२० से भाग देने पर जो शेष बचे वह चालू रहने वाला नवांश होगा | जो अंश यानी चरण या पाद निकल गए हैं उनके अनुसार निकल चुका नवांश होगा |
उदारहण -- जैसे एक जातक में शनि कर्क राशि में 25-१२-४४ अंश पर है | अब इसमें ३-२० से भाग दें | इसमें से २३-२० अंश निकल चुके हैं अर्थात ७ नवांश निकल चुके हैं | इस प्रकार शनि ८ वें नवांश होगा | अब यह किस राशी में पड़ेगा | उसे देखते कैसे देखें ?
१- चर राशियों में यानी १-४-७-१० में प्रथम नवांश इन्हीं राशियों का होता है | जैसे मेष में १ मेष राशी से ; कर्क में ४ कर्क राशी से ; तुला में ७ तुला राशी से और मकर में १० यानी मकर राशी से ही नवांश होता है |
२. स्थिर राशियों में यानी २- ५- ८-११ राशियों में प्रथम नवांश नवम राशि से होता है | अर्थात ऋषभ में यदि ९ गिनेंगें तो पहिला नवांश मकर नवांश में पड़ेगा |
३. द्विसभाव राशियों में यानी ३-६-९-१२ में पहिला नवांश पंचम राशि से आरंभ होगा | जैसे मिथुन ३ से ५ गिनने पर तुला राशी में होगा | कन्या में १० यानी मकर में | धनु में १ मेष में | मीन में कर्क का |
उपरोक्त उदहारण से शनी कर्क राशि में होने से कर्क से ही ८ तक गिनते हैं तब कुम्भ नवांश पड़ेगा | इस जातक अक शनी कुम्भ नवांश में ही है |
दूसरा उदाहरण -इनका राहू मेष राशी में २४-२४-१६ अंश पर है | इसमें ३-२० का भाग दिया |तब २३-२० अंश भुक्त हो चुके हैं | यानी ७ नवांश निकल चुके हैं | ८ वा चल रहा है क्योंकि शेष १-४-१६ बचें है जो चल रहे नवांश का पाद या चरण होगा | चूंकि राहू मेष में अतः प्रथम नवांश मेष का ही होगा | तब मेष से ८ वां नवांश चल रहा होगा | यानी वृश्चिक नवांश में राहू होगा | इनका राहू वृश्चिक नवांश में ही है |
इसी प्रकार लग्न की नवांश लग्न क्या होगी यह देख सकते हैं | उदारहण के लिए इस जातक की कर्क लग्न १०-१७-२४ पर उदय है | इसमें ३-२० का भाग दिया | यानी ४ चरण १० अंश तक निकला गए हैं | अर्थात कर्क में कन्या का नवांश भुक्त हो चूका है | शेष १७ कला -२४ विकला शेष बचेगा जो चालू नवांश होगा | लग्न चर राशि में है तब कर्क में ४ से ४ गिनने पर तुला राशि ७ आती है जो लग्न का नवांश लग्न होगा | इनका तुला में लग्न नवांश है |